रांची: राजधानी में निजी अस्पतालों के मनमानी का मामला आए दिन देखने को मिलता है. शनिवार को भी धुर्वा स्थित एचईसी(HEC) के पारस अस्पताल(paras hospital) में भी अस्पताल की मनमानी को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर 10 से 12 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है.
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछले 20 दिनों से रातू के रहने वाले शंकर सिंह नाम के एक मरीज का इलाज धुर्वा स्थित पारस अस्पताल (paras hospital) में चल रहा था. जहां मरीज को उच्च स्तर का इलाज दिया जा रहा था और उसका रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव(corona positive) था. मृतक शंकर सिंह के परिजनों ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव (corona positive) होने के कारण अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को मिलने नहीं दिया जा रहा था और जब भी हम लोगों से पूछा जाता था कि मरीज की स्थिति कैसी है तो अस्पताल प्रबंधन की तरफ से बेहतर बता कर टाल दिया जाता था.
परिजनों को मरीज से नहीं दिया मिलने
परिजनों ने बताया कि शनिवार की शाम जब जबरदस्ती मरीज से मिलने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने मिलने से साफ मना कर दिया और अस्पताल से छुट्टी देने की भी बात नहीं कहीं. परिजनों ने दोबारा मरीज के स्वास्थ्य के बारे में जानना चाहा तो इलाज में तैनात डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल मरीज की स्थिति ठीक है, लेकिन अचानक शनिवार की सुबह अस्पताल प्रबंधन की ओर से सूचित किया गया कि मरीज की मौत हो चुकी है.
प्रबंधन ने आरोप को बताया निराधार
पारस अस्पताल(paras hospital) के प्रबंधन डॉक्टर नितेश से बात की तो उन्होंने बताया कि मरीज पिछले 1 महीने से वेंटिलेटर में था और उसकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार भी हो रही थी. लेकिन शुक्रवार की देर रात अचानक उसे हार्ट अटैक आया और मरीज की मौत हो गई. उन्होंने परिजनों के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से 4.5 लाख का बिल बताया गया है. जिसमें अभी भी 1 लाख जमा नहीं किए गए हैं और इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी दे दी गई है.