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पक्षियों को फ्री फ्लाइंग ट्रेनिंग देते हैं उदय, खरगोश और गोपालन से बदली जिंदगी - Jharkhand news

राजधानी रांची के रहने वाले उदय कुमार 9वीं क्लास के छात्र हैं. इन्होंने अपना खर्च निकालने के लिए खरगोश, ऑस्ट्रेलियन रैट (चूहा) और गाय पालना शुरू किया और आज ये ना सिर्फ अपना खर्च खुद वहन करते हैं बल्कि अपने परिवार का भी खर्च चलाते हैं. उदय अब पक्षियों को फ्लाइंग ट्रेनिंग भी देते हैं. इनका मकसद है कि किसी भी पक्षी को कोई कैद कर के ना रखे. वह आजाद रहें और सुरक्षित रहें.

Uday gives free flying training to birds in Ranchi
Uday gives free flying training to birds in Ranchi
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Published : May 13, 2022, 4:10 PM IST

Updated : May 13, 2022, 4:54 PM IST

रांची: कहते हैं दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी परिस्थिति में रहते हुए भी आप सफलता हासिल कर सकते हैं. एक छोटी सी उम्र में नौवीं क्लास में पढ़ने वाले रांची के उदय ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता हासिल की है. उदय आज दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. एक वक्त था कि उदय का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था. पढ़ाई के साथ-साथ उदय का ट्यूशन का खर्च भी वहन करने में परेशानी होती थी. लेकिन आज उदय ना सिर्फ अपना खर्च खुद चलाते हैं बल्कि घर चलाने में अपने परिवारवालों की मदद भी मदद करते हैं.

उदय ने अपने घर के पास के ही वेटरनरी कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से प्रेरणा ली और खरगोश पालन शुरू किया. शुरुआती दौर में उदय ने दो जोड़े खरगोश लाए वो भी शौक के तौर पर. लेकिन जब खरगोश के बच्चे हुए तब किसी ने उनसे वह दोनों बच्चे खरीद लिए. फिर क्या था उदय का शौक व्यवसाय में बदल गया. धीरे-धीरे उदय इस व्यवसाय में पारंगत भी हो गए. इसके बाद उदय ने अपने पिता के सहयोग से लोन पर गाय खरीदा और गोपालन भी कर रहे हैं. पड़ोस में रहने वाले वेटरनरी कॉलेज के शिक्षक की सलाह उदय ने ऑस्ट्रेलियन रेट (चूहा) का भी व्यवसाय कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

उदय को पक्षियों से भी खासा प्रेम है, लेकिन वे पक्षियों की खरीद बिक्री नहीं करते हैं. वह कहीं से भी वह पक्षी को उठा कर घर लाते हैं और उसे उसे फ्री फ्लाइंग की ट्रेनिंग देते हैं. फ्री फ्लाइंग का मतलब है कि पक्षियों को स्वतंत्र वातावरण में उड़ना सिखाना. पक्षियों को वह खाना खिलाते हैं और एक बच्चे की तरह पालते हैं. जब पक्षी उड़ने के लायक हो जाती हैं तो उन्हें आजाद छोड़ देते हैं. पक्षी खासकर तोते भी उनके इस प्रेम से वाकिफ हैं. फ्री फ्लाइंग ट्रेनिंग के बाद ये पक्षी आसमान में उड़ जाती हैं और फिर हर रोज सुबह-शाम उसके घर के आंगन, छत और आस पास के पेड़ पौधों पर जरूर आकर उदय को आवाज लगाती हैं. फिलहाल उदय के पास फ्री फ्लाइंग से ट्रेंड दो तोते हैं.


उदय कहते हैं अब तो लोग पक्षियों को खरीद कर उसके पास लाते हैं और फ्री फ्लाई का ट्रेनिंग भी दिलवाते हैं. पक्षियों के साथ यह प्रेम उन लोगों के लिए भी सीख है जो पक्षियों को पिंजरे में कैद कर अपना शौक पूरा करते हैं, लेकिन उदय इन पक्षियों के साथ एक परिवार की तरह रहते हैं जब वह पक्षी उड़ने लायक हो जाती हैं तो उसे उड़ा देते हैं.

उदय के छोटे भाई भी उनकी तरह ही पक्षियों से प्रेम करता है और उदय के रास्ते चलना वह पसंद करता है. वह कहता है कि वह उदय से भी बेहतर फ्री फ्लाइंग ट्रेनर बनेगा. वह कहता है कि तोते के अलावा अन्य पक्षियों को भी ट्रेनिंग देने की कोशिश करेगा. गोपालन हो या ऑस्ट्रेलियान रैट पालन. इसमें भी उदय का भाई पूरा सहयोग करता है. दूसरी और उदय से प्रेरित होकर उसके कई दोस्त खरगोश पालन व्यवसाय में आज अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी मानें तो उदय को देखकर उन्होंने भी इस व्यवसाय के बारे में सोचा और आज खरगोश पालन कर एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं.

रांची: कहते हैं दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो किसी भी परिस्थिति में रहते हुए भी आप सफलता हासिल कर सकते हैं. एक छोटी सी उम्र में नौवीं क्लास में पढ़ने वाले रांची के उदय ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता हासिल की है. उदय आज दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. एक वक्त था कि उदय का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था. पढ़ाई के साथ-साथ उदय का ट्यूशन का खर्च भी वहन करने में परेशानी होती थी. लेकिन आज उदय ना सिर्फ अपना खर्च खुद चलाते हैं बल्कि घर चलाने में अपने परिवारवालों की मदद भी मदद करते हैं.

उदय ने अपने घर के पास के ही वेटरनरी कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक से प्रेरणा ली और खरगोश पालन शुरू किया. शुरुआती दौर में उदय ने दो जोड़े खरगोश लाए वो भी शौक के तौर पर. लेकिन जब खरगोश के बच्चे हुए तब किसी ने उनसे वह दोनों बच्चे खरीद लिए. फिर क्या था उदय का शौक व्यवसाय में बदल गया. धीरे-धीरे उदय इस व्यवसाय में पारंगत भी हो गए. इसके बाद उदय ने अपने पिता के सहयोग से लोन पर गाय खरीदा और गोपालन भी कर रहे हैं. पड़ोस में रहने वाले वेटरनरी कॉलेज के शिक्षक की सलाह उदय ने ऑस्ट्रेलियन रेट (चूहा) का भी व्यवसाय कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

उदय को पक्षियों से भी खासा प्रेम है, लेकिन वे पक्षियों की खरीद बिक्री नहीं करते हैं. वह कहीं से भी वह पक्षी को उठा कर घर लाते हैं और उसे उसे फ्री फ्लाइंग की ट्रेनिंग देते हैं. फ्री फ्लाइंग का मतलब है कि पक्षियों को स्वतंत्र वातावरण में उड़ना सिखाना. पक्षियों को वह खाना खिलाते हैं और एक बच्चे की तरह पालते हैं. जब पक्षी उड़ने के लायक हो जाती हैं तो उन्हें आजाद छोड़ देते हैं. पक्षी खासकर तोते भी उनके इस प्रेम से वाकिफ हैं. फ्री फ्लाइंग ट्रेनिंग के बाद ये पक्षी आसमान में उड़ जाती हैं और फिर हर रोज सुबह-शाम उसके घर के आंगन, छत और आस पास के पेड़ पौधों पर जरूर आकर उदय को आवाज लगाती हैं. फिलहाल उदय के पास फ्री फ्लाइंग से ट्रेंड दो तोते हैं.


उदय कहते हैं अब तो लोग पक्षियों को खरीद कर उसके पास लाते हैं और फ्री फ्लाई का ट्रेनिंग भी दिलवाते हैं. पक्षियों के साथ यह प्रेम उन लोगों के लिए भी सीख है जो पक्षियों को पिंजरे में कैद कर अपना शौक पूरा करते हैं, लेकिन उदय इन पक्षियों के साथ एक परिवार की तरह रहते हैं जब वह पक्षी उड़ने लायक हो जाती हैं तो उसे उड़ा देते हैं.

उदय के छोटे भाई भी उनकी तरह ही पक्षियों से प्रेम करता है और उदय के रास्ते चलना वह पसंद करता है. वह कहता है कि वह उदय से भी बेहतर फ्री फ्लाइंग ट्रेनर बनेगा. वह कहता है कि तोते के अलावा अन्य पक्षियों को भी ट्रेनिंग देने की कोशिश करेगा. गोपालन हो या ऑस्ट्रेलियान रैट पालन. इसमें भी उदय का भाई पूरा सहयोग करता है. दूसरी और उदय से प्रेरित होकर उसके कई दोस्त खरगोश पालन व्यवसाय में आज अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी मानें तो उदय को देखकर उन्होंने भी इस व्यवसाय के बारे में सोचा और आज खरगोश पालन कर एक बेहतर जिंदगी जी रहे हैं.

Last Updated : May 13, 2022, 4:54 PM IST
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