रांची: शनिवार को राज्य के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन रांची के मेदांता अस्पताल में हो गया. राज्य के मंत्री के निधन की सूचना मिलते ही यह खबर आग की तरफ फैल गई, जिसके बाद मेदांता अस्पताल में लगातार लोग हाजी हुसैन अंसारी के शव को देखने के लिए पहुंचने लगे. नेता, मंत्री, अधिकारी सहित राज्य के कई गणमान्य हाजी हुसैन अंसारी के निधन की खबर सुनकर मेदांता अस्पताल पहुंचे थे. उनके निधन पर दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. साथ ही सोमवार को अवकाश रहेगा.
'बेहतर इलाज के लिए हरसंभव प्रयास किया गया'
उनकी मौत को लेकर रांची मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ मुख्तार ने बताया कि मंत्री हाजी हुसैन अंसारी 23 सितंबर को अस्पताल में एडमिट हुए थे और उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी थी. इसको लेकर उनका लगातार इलाज चल रहा था. मेदांता के सभी बेहतर चिकित्सक मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की बेहतर इलाज के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे थे. डॉक्टरों के प्रयास के बाद ही 2 अक्टूबर को उनका कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई.
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वेंटिलेटर पर जाने के बाद हार्ट अटैक
मेदांता के निदेशक डॉ मुख्तार ने बताया कि मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को कोरोना के अलावा कई तरह की बीमारियां थी. जिसमें किडनी, थायराइड और पहले ही बायपास सर्जरी भी हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि इन सब बीमारियों को देखते हुए डॉक्टरों ने मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का डायलिसिस किया था.
तबीयत में सुधार लाने के लिए हायर एंटीबायोटिक दिए जा रहे थे. इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए ऑक्सीजनफ्लो भी लगातार दिया जा रहा था, लेकिन इन सबके बावजूद भी उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और वह आखिर में वेंटिलेटर पर चले गए. वेंटिलेटर पर जाने के बाद उन्हें हार्ट अटैक का एक दौरा आया फिर उनकी मौत हो गई.