रांची: जिले में पिछले 2 दिनों से अलग-अलग जगहों पर आदिवासी समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर बिरसा चौक के सामने धरना प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में शनिवार को राजधानी रांची के बिरसा चौक पर सरना धर्मावलंबियों की ओर से एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के आदिवासियों ने सरना कोड लागू करने की अपील की और पूरे राज्य में आदिवासियों की संख्या को बताते हुए राज्य सरकार से अपील की, जल्द से जल्द सरकार सरना धर्म कोड को लागू करे.
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क्या है सरना कोड
सरना एक धर्म है जो प्रकृतिवाद पर आधारित है और सरना धर्मावलंबी प्रकृति के उपासक होते हैं. झारखंड में 32 जनजाति हैं, जिनमें से आठ पीवीटीजी (परटिकुलरली वनरेबल ट्राइबल ग्रुप) हैं. यह सभी जनजाति हिंदू की ही कैटेगरी में आते हैं, लेकिन इनमें से जो ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके हैं, वे अपने धर्म के कोड में ईसाई लिखते हैं. आदिवासी समुदाय अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखने के लिए सरना कोड की मांग कर रहे हैं.