रांचीः झारखंड में हाल ही में हुई उथल-पुथल के बाद झारखंड कांग्रेस में नए राज्य प्रमुख की तलाश (Jharkhand Congress looking for tribal face) की जा रही है. कुछ महीने पहले उसके तीन विधायकों को पश्चिम बंगाल में बड़ी मात्रा में नकदी के साथ पकड़ा गया था. यह घटना कथित रूप से दल बदलने के लिए सौदे के रूप में माना गया और तीनों को निलंबित कर दिया. हालांकि, नए प्रदेश अध्यक्ष मौजूदा राजेश ठाकुर की जगह लेने के लिए इस महीने के अंत में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के बाद नियुक्त किए जाने की संभावना है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी आदिवासी चेहरे पर ध्यान केंद्रित करने के साथ लोकसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा सूची में सबसे आगे है. इसके अलावे बंधु तिर्की और कालीचरण मुंडा भी दावेदार हैं.
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पार्टी इकाई में स्थिति शांतिपूर्ण होती नहीं दिख रही है. झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख हैं. सूत्रों ने बताया कि विधायकों और नेताओं ने मंत्री के कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त करते हुए बदलाव के लिए आवाजें उठाई हैं. राज्य के 18 कांग्रेस विधायकों में से पांच महिलाएं हैं, लेकिन उनकी शिकायत है कि इतनी बड़ी संख्या में पहली बार जीतने के बावजूद एक भी महिला विधायक को मंत्री पद नहीं दिया गया.
कांग्रेस की एक महिला विधायक ने बताया कि एक तरफ पार्टी लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देती है. लेकिन दूसरी तरफ महिलायें विधानसभा में जीती हैं. मंत्री बनने के योग्य हैं. इसके बावजूद मंत्री नहीं बनाया जाता है. प्रदेश में कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा भी ठीक नहीं है.
साल 2017 के बाद से पार्टी कमेटी का गठन नहीं कर पाई है और राज्य में संगठन को प्रदेश अध्यक्ष, तीन-चार कार्यकारी अध्यक्षों और कुछ प्रवक्ताओं द्वारा चलाया जा रहा है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि इस साल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. उम्मीद है कि पार्टी के चुनाव के लिए कुछ दिनों बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 319 प्रखंडों के लिए अध्यक्ष का चुनाव हो चुका है और 10 अक्टूबर को प्रत्येक प्रखंड में 25-30 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा.