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आदिवासी समुदाय ने निकाला जुलूस, सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग

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Published : Oct 20, 2020, 7:13 PM IST

बोकारो में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर सरना समाज के लोगों ने जुलूस निकाला. इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोगों ने चौक चौराहों पर घूम-घूम कर नारेबाजी और चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार से जल्द से जल्द सरना कोड लागू करने की मांग की, नहीं तो वो आंदोलन करेंगे.

Tribal community procession in bokaro
Tribal community procession in bokaro

बोकारो: जिला के इस्पात नगर के सेक्टर वन में आदिवासी समाज की महिलाओं ने सभी चौक चौराहों पर जुलूस निकाला. इस दौरान आदिवासी संगठन ने चौक चौराहों पर खड़े होकर उलगुलान के माध्यम से राजनीतिक दलों को जल्द से जल्द सरना धर्म कोड को लागू कराने की मांग की.

देखें पूरी खबर

जल्द लागू करें सरना धर्म कोड

इस दौरान समाज की महिलाओं ने हाथ में बैनर और तख्ती लेकर सरना धर्म के झंडों के साथ विभिन्न चौक चौराहों पर खड़े होकर राजनीतिक दलों को यह बताने का काम किया कि वो जल्द से जल्द सरना कोड को लागू कराने में अपनी सहमति व्यक्त करें, नहीं तो आने वाले समय में समाज किसी भी दल को वोट नहीं करेगा.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार, पाकिस्तान से जुड़े तार

नेताओं को दिया संदेश

इस मौके पर समाज की महिला सुपमानी लकड़ा ने बताया कि यह एक सांकेतिक कार्यक्रम है, जिसके तहत उन लोगों ने शीर्ष पद पर बैठे नेताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि 2021 में होने वाले जनगणना में अगर सरना धर्म के लिए अलग से कॉलम की व्यवस्था नहीं की जाती है, तो वे मतदान में भाग नहीं लेंगे.

भविष्य में मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि सरना कोड की मांग वे लोग पहले से करते आ रहे हैं. सरना उनकी संस्कृति है. अगर उन लोगों को सरना कोड दे दिया जाता है, तो आने वाले समय में उनके बाल-बच्चों के भविष्य के लिए काफी अच्छा होगा और इससे इसका लाभ भी मिलता रहेगा.

बोकारो: जिला के इस्पात नगर के सेक्टर वन में आदिवासी समाज की महिलाओं ने सभी चौक चौराहों पर जुलूस निकाला. इस दौरान आदिवासी संगठन ने चौक चौराहों पर खड़े होकर उलगुलान के माध्यम से राजनीतिक दलों को जल्द से जल्द सरना धर्म कोड को लागू कराने की मांग की.

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जल्द लागू करें सरना धर्म कोड

इस दौरान समाज की महिलाओं ने हाथ में बैनर और तख्ती लेकर सरना धर्म के झंडों के साथ विभिन्न चौक चौराहों पर खड़े होकर राजनीतिक दलों को यह बताने का काम किया कि वो जल्द से जल्द सरना कोड को लागू कराने में अपनी सहमति व्यक्त करें, नहीं तो आने वाले समय में समाज किसी भी दल को वोट नहीं करेगा.

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नेताओं को दिया संदेश

इस मौके पर समाज की महिला सुपमानी लकड़ा ने बताया कि यह एक सांकेतिक कार्यक्रम है, जिसके तहत उन लोगों ने शीर्ष पद पर बैठे नेताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि 2021 में होने वाले जनगणना में अगर सरना धर्म के लिए अलग से कॉलम की व्यवस्था नहीं की जाती है, तो वे मतदान में भाग नहीं लेंगे.

भविष्य में मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि सरना कोड की मांग वे लोग पहले से करते आ रहे हैं. सरना उनकी संस्कृति है. अगर उन लोगों को सरना कोड दे दिया जाता है, तो आने वाले समय में उनके बाल-बच्चों के भविष्य के लिए काफी अच्छा होगा और इससे इसका लाभ भी मिलता रहेगा.

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