ETV Bharat / city

रांचीः निर्मल हृदय आश्रम पर एक और कलंक, अविवाहित प्रेमी जोड़े के बच्चे को बेचने का आरोप

author img

By

Published : Nov 10, 2019, 7:31 AM IST

रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय' आश्रम से बच्चा बिक्री प्रकरण का तीसरा मामला सामने आया है. पहला मामला 2018 के जुलाई में और दूसरा बीते एक नवंबर को दर्ज किया गया था.

निर्मल हृदय आश्रम

रांची: राजधानी के ईस्ट जेल रोड स्थित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय' आश्रम से बच्चा बिक्री प्रकरण का तीसरा मामला सामने आया है. इसे लेकर जिले के कोतवाली स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने (एएचटीयू) में एफआइआर दर्ज कराई गई है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव से मिलने रिम्स पहुंचे हेमंत सोरेन, सीटे शेयरिंग पर आरजेडी सुप्रीमो को मनाने की कवायद

अविवाहित प्रेमी जोड़े ने दर्ज कराया मामला

अविवाहित प्रेमी जोड़े ने निर्मल हृदय की सफाईकर्मी अनिमा इंदवार, सिस्टर कांसिलिया सहित अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. युवती का कहना है कि वर्ष 2017 में वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ हुए शारीरिक संबंध की वजह से गर्भवती हो गई थी. इसके बाद उसका संपर्क निर्मल हृदय में काम करने वाली अनिमा इंदवार से हुआ. जिसके बाद अनिमा ने पीड़िता को निर्मल हृदय में रखवाया था. उस दौरान पीड़िता का अपने प्रेमी से कोई संपर्क नहीं था.

वहीं, 15 अगस्त 2017 को बच्चे के जन्म के बाद अनिमा ने जबरन बच्चे को लेने की कोशिश की और पीड़िता के इनकार करने पर डरा-धमकाकर उससे बच्चा छीन लिया गया. दोबारा प्रेमी के संपर्क में आने के बाद जोड़े ने बच्चे को ढूंढना शुरू किया. जिसके बाद जोड़े ने सीडब्ल्यूसी में शिकायत दर्ज करायी. वहां से सीआइडी को सूचना मिली, सीआइडी ने बयान लेकर जोड़े को कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू भेज दिया.

एक नवंबर को हुआ था दूसरा एफआइआर

रांची की रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता के बयान पर बीते एक नवंबर को बच्चा बिक्री प्रकरण की एफआइआर दर्ज कराई गई थी. उसने बताया था कि वर्ष 2012 में उसके साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद वह गर्भवती हो गई थी. इसके बाद निर्मल हृदय ने ही डिलीवरी कराई थी. उसने बताया कि संबंधित बच्चे को निर्मल हृदय की संचालक, ऊर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण ने मिलकर बेच दिया था.

एक साल पहले पहली बार सामने आया था प्रकरण

बताते चलें कि वर्ष 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. एफआइआर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा वर्मा ने दर्ज कराई थी. बाद में यह मामला सीआइडी को ट्रांसफर किया गया था. मामले में सिस्टर कांसिलिया और सफाईकर्मी अनिमा इंदवार को जेल भेजा गया था. मामले में एक-एक कर पुलिस ने बिक्री किए जा चुके पांच बच्चों को बरामद भी किया था. हालांकि सिस्टर कांसिलिया और अनिमा इंदवार को जमानत भी मिल चुकी है.

रांची: राजधानी के ईस्ट जेल रोड स्थित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय' आश्रम से बच्चा बिक्री प्रकरण का तीसरा मामला सामने आया है. इसे लेकर जिले के कोतवाली स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने (एएचटीयू) में एफआइआर दर्ज कराई गई है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव से मिलने रिम्स पहुंचे हेमंत सोरेन, सीटे शेयरिंग पर आरजेडी सुप्रीमो को मनाने की कवायद

अविवाहित प्रेमी जोड़े ने दर्ज कराया मामला

अविवाहित प्रेमी जोड़े ने निर्मल हृदय की सफाईकर्मी अनिमा इंदवार, सिस्टर कांसिलिया सहित अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. युवती का कहना है कि वर्ष 2017 में वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ हुए शारीरिक संबंध की वजह से गर्भवती हो गई थी. इसके बाद उसका संपर्क निर्मल हृदय में काम करने वाली अनिमा इंदवार से हुआ. जिसके बाद अनिमा ने पीड़िता को निर्मल हृदय में रखवाया था. उस दौरान पीड़िता का अपने प्रेमी से कोई संपर्क नहीं था.

वहीं, 15 अगस्त 2017 को बच्चे के जन्म के बाद अनिमा ने जबरन बच्चे को लेने की कोशिश की और पीड़िता के इनकार करने पर डरा-धमकाकर उससे बच्चा छीन लिया गया. दोबारा प्रेमी के संपर्क में आने के बाद जोड़े ने बच्चे को ढूंढना शुरू किया. जिसके बाद जोड़े ने सीडब्ल्यूसी में शिकायत दर्ज करायी. वहां से सीआइडी को सूचना मिली, सीआइडी ने बयान लेकर जोड़े को कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू भेज दिया.

एक नवंबर को हुआ था दूसरा एफआइआर

रांची की रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता के बयान पर बीते एक नवंबर को बच्चा बिक्री प्रकरण की एफआइआर दर्ज कराई गई थी. उसने बताया था कि वर्ष 2012 में उसके साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद वह गर्भवती हो गई थी. इसके बाद निर्मल हृदय ने ही डिलीवरी कराई थी. उसने बताया कि संबंधित बच्चे को निर्मल हृदय की संचालक, ऊर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण ने मिलकर बेच दिया था.

एक साल पहले पहली बार सामने आया था प्रकरण

बताते चलें कि वर्ष 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. एफआइआर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा वर्मा ने दर्ज कराई थी. बाद में यह मामला सीआइडी को ट्रांसफर किया गया था. मामले में सिस्टर कांसिलिया और सफाईकर्मी अनिमा इंदवार को जेल भेजा गया था. मामले में एक-एक कर पुलिस ने बिक्री किए जा चुके पांच बच्चों को बरामद भी किया था. हालांकि सिस्टर कांसिलिया और अनिमा इंदवार को जमानत भी मिल चुकी है.

Intro:रांची के ईस्ट जेल रोड स्थित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय 'आश्रम से बच्चा बिक्री प्रकरण का तीसरा मामला सामने आया है। इस बार फिर रांची के कोतवाली स्थित ऐंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने (एएचटीयू) में एफआइआर दर्ज की गई है।

इस बार अविवाहित प्रेमी जोड़े ने दर्ज करवाया मामला

शनिवार की देर शाम एक अविवाहित प्रेमी जोड़ा प्राथमिकी दर्ज करवाने पहुंचा था। बच्चा बिक्री का आरोप निर्मल हृदय की सफाईकर्मी अनिमा इंदवार, सिस्टर कांसिलिया सहित अन्य पर है। पीडि़ता दुमका की रहने वाली है। जबकि उसका प्रेमी गोड्डा का रहने वाला है। युवती और उसका प्रेमी ने सीआइडी के अधिकारियों के निर्देश पर महिला थानेदार के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। मामले में महिला थाना प्रभारी मोनालीशा केरकेट्टा ने बयान लिया है। इसके बाद कोतवाली थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन भेजा गया। पीडि़ता ने अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2017 में वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ हुए शारीरिक संबंध की वजह से गर्भवती हो गई थी। इसके बाद उसका संपर्क निर्मल हृदय में काम करने वाली अनिमा इंदवार से हुआ। अनिमा ने पीडि़ता को निर्मल हृदय में रखवाया था। 


जबरन लिया गया था बच्चा

बीते 15 अगस्त 2017 को सदर अस्पताल में पीडि़ता ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद अनीमा बच्चे को मांगने लगी। बोली कि अविवाहित हो, इस स्थिति में बच्चा रखना ठीक नहीं। इसपर पीडि़ता ने बच्चा देने से इन्कार किया था। लेकिन अनिमा की जिद की वजह से वह बच्चे को लेकर निर्मल हृदय से भाग निकली। वहां से जब दुमका जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची तो उसे धमकी देकर रोका और वहां जाकर बच्चा को ले ली। बाद में वह बिना बच्चा लिए ट्रेन में बैठकर दुमका चली गई। चूंकि उस समय पीडि़ता का प्रेमी शादी से इन्कार कर रहा था। संपर्क में नहीं था। 


जेल से छूटी अनिमा तब वापस मांगी बच्चा

दोबारा प्रेमी के संपर्क में आने के बाद पीडि़ता और प्रेमी मिलकर बच्चे को ढूंढना शुरू किया। इस दौरान पता चला कि बच्चा बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद निर्मल हृदय पर केस दर्ज हो गया। इसके बाद अनिमा इंदवार व सिस्टर कांसिलिया जेल चली गई। जेल से अनिमा जैसे छूटी, उससे मिलने पीडि़ता अपने प्रेमी के साथ पहुंच गई। इसके बाद अपना बच्चा वापस मांगा। इसपर अनिमा बोली कि तुम्हारे बच्चे को सदर अस्पताल के कर्मचारी दीपक और संजय को दिया गया है। जाकर उसी से लो। इसके बाद वह सीडब्ल्यूसी पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। वहां से सीआइडी को सूचना मिली। सीआइडी ने बयान लेकर पीडि़ता को कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू भेज दिया। 


एक नवंबर को हुआ था दूसरा एफआइआर : 

रांची की रहने वाली एक दुष्कर्म पीडि़ता के बयान पर बीते एक नवंबर को बच्चा बिक्री प्रकरण की एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बसने बताया था कि वर्ष 2012 में उसके साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद गर्भवती हो गई थी। इसके बाद निर्मल हृदय ने ही ही डिलीवरी कराई थी। संबंधित बच्चे को निर्मल हृदय की संचालिका, ऊर्सुलाइन कांवेंट की सिस्टर जेमा और आशा किरण ने मिलकर बेच दिया था। 


एक वर्ष पहले पहली बार सामने आया था प्रकरण ं

बताते चलें कि वर्ष 2018 के जुलाई महीने में बच्चा बिक्री प्रकरण सामने आने के बाद कोतवाली थाना स्थित एएचटीयू में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एफआइआर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा वर्मा ने दर्ज कराई थी। बाद में यह मामला सीआइडी को ट्रांसफर किया गया था। मामले में सिस्टर कांसिलिया और सफाईकर्मी अनिमा इंदवार को जेल भेजा गया था। मामले में एक-एक कर पुलिस ने बिक्री किए जा चुके पांच बच्चों को बरामद भी किया था। मामले में सिस्टर कांसिलिया व अनिमा इंदवार को जमानत भी मिल चुकी है। 

Body:2Conclusion:3
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.