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DVC के बिजली कटौती पर राज्य सरकार ने उठाए सवाल, डीवीसी के अधिकारी मौन - power supply

अलग-अलग जिलों में हो रही बिजली की समस्या को लेकर राज्य सरकार ने डीवीसी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. राज्य सरकार का कहना है कि डीवीसी भारत सरकार के अधीन है, इसलिए राज्य सरकार को परेशान करने के लिए इस तरह बिजली की कटौती कर रही है.

The state government accused DVC of deliberately cutting power
डीवीसी पर राज्य सरकार ने उठाए सवाल
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Published : Mar 12, 2020, 5:31 PM IST

रांची: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन(डीवीसी) के राज्य के विभिन्न जिलों में बिजली कटौती को लेकर राज्य सरकार ने सवाल खड़े किए हैं. सरकार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि डीवीसी खुद को भारत सरकार के अधीनस्थ मानती है. इसलिए वह राज्य सरकार को परेशान करने के लिए इस तरह बिजली कटौती कर रही है ताकि लोगों को परेशानी हो और सरकार के प्रति जनता का आक्रोश बढ़े.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-सदन में प्रदीप यादव के बयान पर हंगामा, स्पीकर के हस्तक्षेप पर शब्द लिया वापस

वहीं, राज्य सरकार ने डीवीसी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि डीवीसी ने 5 हजार करोड़ बकाया रहने के कारण झारखंड में 18 घंटे बिजली आपूर्ति बंद कर दी है. जबकि अन्य राज्यों में डीवीसी का बीस हजार करोड़ से पचास हजार करोड़ तक बकाया है, फिर भी उन राज्यों में बिजली कटौती नहीं की जा रही है. वहीं, डीवीसी के 10 मार्च से 18 घंटे बिजली आपूर्ति ठप कर दिए जाने के कारण राज्य में लगभग 600 मेगावाट बिजली की कमी हो गई है. जिससे हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम जिले में लोग प्रभावित हुए हैं. डीवीसी के बिजली आपूर्ति बंद कर दिए जाने की वजह से इन इलाकों में व्यवसाय, खेती और उद्योग पर भी सीधा असर पड़ा है.

लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने सदन में भी मामले को उठाया है और इस पर डीवीसी से सवाल भी किए हैं. पूरे मामले पर जब राजधानी के धुर्वा स्थित डीवीसी के निदेशक कार्यालय में अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए और कोलकाता स्थित कमर्शियल हेड क्वार्टर में अधिकारियों से संपर्क करने की बात कही. कोलकाता स्थित हेड क्वार्टर कमर्शियल के चीफ इंजीनियर मानिक रक्षित से फोन पर संपर्क किया गया तो वह भी पूरे मामले पर बचते नजर आए.

रांची: दामोदर वैली कॉर्पोरेशन(डीवीसी) के राज्य के विभिन्न जिलों में बिजली कटौती को लेकर राज्य सरकार ने सवाल खड़े किए हैं. सरकार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि डीवीसी खुद को भारत सरकार के अधीनस्थ मानती है. इसलिए वह राज्य सरकार को परेशान करने के लिए इस तरह बिजली कटौती कर रही है ताकि लोगों को परेशानी हो और सरकार के प्रति जनता का आक्रोश बढ़े.

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वहीं, राज्य सरकार ने डीवीसी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि डीवीसी ने 5 हजार करोड़ बकाया रहने के कारण झारखंड में 18 घंटे बिजली आपूर्ति बंद कर दी है. जबकि अन्य राज्यों में डीवीसी का बीस हजार करोड़ से पचास हजार करोड़ तक बकाया है, फिर भी उन राज्यों में बिजली कटौती नहीं की जा रही है. वहीं, डीवीसी के 10 मार्च से 18 घंटे बिजली आपूर्ति ठप कर दिए जाने के कारण राज्य में लगभग 600 मेगावाट बिजली की कमी हो गई है. जिससे हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम जिले में लोग प्रभावित हुए हैं. डीवीसी के बिजली आपूर्ति बंद कर दिए जाने की वजह से इन इलाकों में व्यवसाय, खेती और उद्योग पर भी सीधा असर पड़ा है.

लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने सदन में भी मामले को उठाया है और इस पर डीवीसी से सवाल भी किए हैं. पूरे मामले पर जब राजधानी के धुर्वा स्थित डीवीसी के निदेशक कार्यालय में अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए और कोलकाता स्थित कमर्शियल हेड क्वार्टर में अधिकारियों से संपर्क करने की बात कही. कोलकाता स्थित हेड क्वार्टर कमर्शियल के चीफ इंजीनियर मानिक रक्षित से फोन पर संपर्क किया गया तो वह भी पूरे मामले पर बचते नजर आए.

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