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कैबिनेट एक्सपेंशन में देर को लेकर निशाने पर आए JMM ने किया पलटवार, कहा- अपने गिरेबान में झांके बीजेपी - CM Hemant Soren

महागठबंधन सरकार की कैबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी को लेकर बीजेपी ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने इसका जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया है. वहीं, जेएमएम ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले अपने गिरेबान में झांके बीजेपी.

The BJP targeted the Grand Alliance government for the delay in cabinet expansion
जेएमएम ने बीजेपी पर किया पलटवार
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Published : Jan 21, 2020, 1:35 PM IST

रांची: प्रदेश में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार अपने कैबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी को लेकर विपक्षी बीजेपी के निशाने पर है. पार्टी सीधे तौर पर इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है. जबकि हकीकत यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में सीएम रघुवर दास ने शपथ ग्रहण के 53 दिनों के बाद अपना कैबिनेट विस्तार किया था.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-प्रशासन की मुस्तैदी से रुकी नाबालिग की शादी, गरीबी आ रही थी पढ़ाई में आड़े

बता दें कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में 12 वां मंत्री पद कभी नहीं भरा गया. तत्कालीन सीएम रघुवर दास समेत 11 सदस्यों की स्टेट कैबिनेट ने ही सरकार चलायी. पुराने आंकड़ों को पलट कर देखें तो तत्कालीन सीएम ने अपने चार अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ 28 दिसंबर 2014 को शपथ ग्रहण किया था. जबकि उनका अगला कैबिनेट एक्सपेंशन 19 फरवरी 2015 को हुआ था.

जेवीएम के 6 विधायकों के विलय के बाद हुआ था कैबिनेट एक्सपेंशन

दरअसल 28 दिसंबर 2014 को तत्कालीन सीएम रघुवर दास के साथ उनके चार अन्य मंत्रियों ने भी कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली थी. उनमें बीजेपी कोटे से सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी और आजसू कोटे से चंद्रप्रकाश चौधरी मंत्री बनाए गए थे. वहीं, सरकार का कैबिनेट विस्तार लगभग 53 दिन के बाद हुआ था. जिसमें सरयू राय, नीरा यादव, राज पलिवार समेत जेवीएम से बीजेपी में शामिल हुए रणधीर सिंह और अमर बाउरी को एकोमोडेट किया गया. जेवीएम के बीजेपी में कथित विलय के बाद पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आ गई.

जेएमएम ने किया पलटवार पहले अपने गिरेबान में झांके बीजेपी

इस बाबत बार-बार निशाने पर आ रहे जेएमएम ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी में दोहरे चरित्र के लोग हैं. उन्हें पहले अपना अतीत देखना चाहिए. जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि लोगों ने राज्य में एक मजबूत गठबंधन को मैंडेट दिया है. साथ ही गठबंधन धर्म को निभाते हुए जेएमएम आपस में सहमति बनाकर मंत्रिमंडल का विस्तार करने का पक्षधर है. पांडे ने कहा कि उसमें दो चार दिन विलंब हो लेकिन एक संतुलित मंत्रिमंडल सामने आए तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी तो अपना 12वां मंत्री भी 5 साल तक नहीं बना पाई जबकि कैबिनेट एक्सपेंशन में 53 दिन लगा दिया था.

बचाव में आई बीजेपी कहा- झारखंड की प्रतिष्ठा का सवाल

वहीं, बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि बहुमत के बाद महागठबंधन की सरकार बनाई गई है. उसके बाद भी कैबिनेट एक्सपेंशन में इतनी देर हो रही है. इससे गलत मैसेज जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेएमएम के नेता बार-बार दिल्ली जाकर इस विषय पर बात कर रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है. कहीं न कहीं यह झारखंड की प्रतिष्ठा का सवाल है. इसे कांग्रेस नहीं समझ सकेगी. उन्होंने कहा कि पूरा काम फिलहाल ठप पड़ा हुआ है. कब और कौन मंत्री बनेगा इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है.

क्या है स्थिति

दरअसल, मौजूदा सरकार में सीएम हेमंत सोरेन के अलावा तीन अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है. उनमें से दो रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं. जबकि सत्यानंद भोक्ता राजद से हैं, लेकिन अभी तक किसी मंत्री के विभाग को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है.

रांची: प्रदेश में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार अपने कैबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी को लेकर विपक्षी बीजेपी के निशाने पर है. पार्टी सीधे तौर पर इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है. जबकि हकीकत यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में सीएम रघुवर दास ने शपथ ग्रहण के 53 दिनों के बाद अपना कैबिनेट विस्तार किया था.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-प्रशासन की मुस्तैदी से रुकी नाबालिग की शादी, गरीबी आ रही थी पढ़ाई में आड़े

बता दें कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में 12 वां मंत्री पद कभी नहीं भरा गया. तत्कालीन सीएम रघुवर दास समेत 11 सदस्यों की स्टेट कैबिनेट ने ही सरकार चलायी. पुराने आंकड़ों को पलट कर देखें तो तत्कालीन सीएम ने अपने चार अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ 28 दिसंबर 2014 को शपथ ग्रहण किया था. जबकि उनका अगला कैबिनेट एक्सपेंशन 19 फरवरी 2015 को हुआ था.

जेवीएम के 6 विधायकों के विलय के बाद हुआ था कैबिनेट एक्सपेंशन

दरअसल 28 दिसंबर 2014 को तत्कालीन सीएम रघुवर दास के साथ उनके चार अन्य मंत्रियों ने भी कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली थी. उनमें बीजेपी कोटे से सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी और आजसू कोटे से चंद्रप्रकाश चौधरी मंत्री बनाए गए थे. वहीं, सरकार का कैबिनेट विस्तार लगभग 53 दिन के बाद हुआ था. जिसमें सरयू राय, नीरा यादव, राज पलिवार समेत जेवीएम से बीजेपी में शामिल हुए रणधीर सिंह और अमर बाउरी को एकोमोडेट किया गया. जेवीएम के बीजेपी में कथित विलय के बाद पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आ गई.

जेएमएम ने किया पलटवार पहले अपने गिरेबान में झांके बीजेपी

इस बाबत बार-बार निशाने पर आ रहे जेएमएम ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी में दोहरे चरित्र के लोग हैं. उन्हें पहले अपना अतीत देखना चाहिए. जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि लोगों ने राज्य में एक मजबूत गठबंधन को मैंडेट दिया है. साथ ही गठबंधन धर्म को निभाते हुए जेएमएम आपस में सहमति बनाकर मंत्रिमंडल का विस्तार करने का पक्षधर है. पांडे ने कहा कि उसमें दो चार दिन विलंब हो लेकिन एक संतुलित मंत्रिमंडल सामने आए तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी तो अपना 12वां मंत्री भी 5 साल तक नहीं बना पाई जबकि कैबिनेट एक्सपेंशन में 53 दिन लगा दिया था.

बचाव में आई बीजेपी कहा- झारखंड की प्रतिष्ठा का सवाल

वहीं, बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि बहुमत के बाद महागठबंधन की सरकार बनाई गई है. उसके बाद भी कैबिनेट एक्सपेंशन में इतनी देर हो रही है. इससे गलत मैसेज जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेएमएम के नेता बार-बार दिल्ली जाकर इस विषय पर बात कर रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है. कहीं न कहीं यह झारखंड की प्रतिष्ठा का सवाल है. इसे कांग्रेस नहीं समझ सकेगी. उन्होंने कहा कि पूरा काम फिलहाल ठप पड़ा हुआ है. कब और कौन मंत्री बनेगा इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है.

क्या है स्थिति

दरअसल, मौजूदा सरकार में सीएम हेमंत सोरेन के अलावा तीन अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है. उनमें से दो रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं. जबकि सत्यानंद भोक्ता राजद से हैं, लेकिन अभी तक किसी मंत्री के विभाग को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है.

Intro:बाइट 1 मनोज पांडे केन्द्रीय प्रवक्ता झामुमो
बाइट2 दीनदयाल बरनवाल प्रवक्ता प्रदेश बीजेपी

रांची। प्रदेश में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार अपने केबिनेट एक्सपेंशन में हो रही देरी को लेकर विपक्षी बीजेपी के निशाने पर है। पार्टी सीधे तौर पर इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। जबकि हकीकत यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शपथ ग्रहण के 53 दिनों के बाद अपना कैबिनेट विस्तार किया था। यहां तक कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में 12 वां मंत्री पद कभी नहीं भरा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएम समेत 11 सदस्यों की स्टेट केबिनेट ने ही सरकार चलायी। पुराने आंकड़ों को पलट कर देखें तो तत्कालीन सीएम ने अपने चार अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ 28 दिसंबर 2014 को शपथ ग्रहण किया था। जबकि उनका अगला केबिनेट एक्सपेंशन 19 फरवरी 2015 को हुआ था।


Body:जेवीएम के 6 विधायकों के विलय के बाद हुआ था कैबिनेट एक्सपेंशन
दरअसल 28 फरवरी 2014 को तत्कालीन सीएम दास के साथ उनके चार अन्य मंत्रियों ने भी कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में शपथ ली थी। उनमें बीजेपी कोटे से सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी और आजसू कोटे से चंद्रप्रकाश चौधरी मंत्री बनाए गए थे। वही सरकार का कैबिनेट विस्तार लगभग 53 दिन के बाद हुआ था। जिसमें सरयू राय, नीरा यादव, राज पलिवार समेत जेवीएम से बीजेपी में शामिल हैं रणधीर सिंह और अमर बाउरी को एकोमोडेट किया गया। जेवीएम के बीजेपी में कथित विलय के बाद पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आ गई।

झामुमो ने किया पलटवार पहले अपने गिरेबान में झांके बीजेपी वहीं इस बाबत बार-बार निशाने पर आ रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी में दोहरे चरित्र के लोग हैं। उन्हें पहले अपना अतीत देखना चाहिए। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि लोगों ने राज्य में एक मजबूत गठबंधन को मैंडेट दिया है। साथ ही गठबंधन धर्म का निभाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा आपस में सहमति बनाकर मंत्रिमंडल का विस्तार करने का पक्षधर है। पांडे ने कहा कि उसमें दो चार दिन विलंब हो लेकिन एक संतुलित मंत्रिमंडल सामने आए तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो अपना 12वां मंत्री तक 5 साल तक नहीं बना पाई जबकि कैबिनेट एक्सपेंशन में 53 दिन लगा दिया था।


Conclusion:बचाव में आई बीजेपी का झारखंड की प्रतिष्ठा का सवाल
वहीं बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि बहुमत के बाद महागठबंधन की सरकार बनाई गई है। उसके बाद भी कैबिनेट एक्सपेंशन में इतनी देर हो रही है इससे गलत मैसेज जा रहा है। उन्होंने कहा कि झामुमो के नेता बार-बार दिल्ली जाकर इस विषय पर बात कर रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। कहीं ना कहीं है झारखंड के प्रतिष्ठा का सवाल है इसे कांग्रेस नहीं समझ सकेगी। उन्होंने कहा कि पूरा काम फिलहाल ठप पड़ा हुआ है। कब और कौन मंत्री बनेगा इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है।

क्या है स्थिति
दरअसल मौजूदा सरकार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा तीन अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है। उनमें से दो रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं। जबकि सत्यानंद भोक्ता राजद से हैं लेकिन अभी तक किसी मंत्री के विभाग को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है।
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