रांची: दो दिवसीय झारखंड दौरे पर आए राजद नेता सह बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भाषा विवाद पर बोलने से बचते दिखे. उनसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान का हवाला देते हुए पूछा गया कि क्या झारखंड के लिए भोजपुरी और मगही भाषा बाहर की भाषा है.
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उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों भाषा को बौरो भाषा कहा था. इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों भाषाओं को लेकर क्या कहा है. लगे हाथ उन्होंने यह जरूर कह दिया कि देश में तरह-तरह की भाषाएं बोली जाती हैं . उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक लोगों की अलग-अलग भाषा है. अलग-अलग खानपान है और यही हमारी खूबसूरती है । उन्होंने कहा कि हर भाषा का अपना एक अलग अंदाज होता है.उसकी अपनी एक अलग खूबसूरती होती है. तेजस्वी यादव ने कहा कि कोई भी भाषा किसी की खराबी नहीं करती है. बिहार में चार पांच भाषाएं हैं. झारखंड में भी कई भाषाएं होंगी. सबकी अपनी खासियत होती है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही भाषा को बाहर की भाषा कहा था. इसपर भाजपा ने सवाल खड़े किए थे.
चूकि राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव
हिंदी भी बोलते हैं तो उसे भोजपुरी टोन में बोलते हैं. उन्होंने इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है. ऐसे में हेमंत सरकार में राजद के शामिल रहते हुए भोजपुरी और मगही भाषा पर सीएम की टिप्पणी से तेजस्वी यादव का अवगत ना होना थोड़ा संदेह पैदा कर रहा है. अब देखना है कि क्या सीएम की प्रतिक्रिया सुनने के बाद तेजस्वी यादव सीधे-सीधे कुछ कहेंगे या इस पर बिना कुछ बोले कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद यहां से रवाना हो जाएंगे.