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झारखंड के तपन पटनायक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कोरोना काल में छऊ गुरु ने किया था उल्लेखनीय काम

छऊ गुरु तपन पटनायक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. उनके नाम की घोषणा कर दी गई है. पटनायक न केवल सरायकेला बल्कि खरसावां और मानभूम शैली छाऊ नृत्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे राजकीय कला केंद्र सरायकेला के निदेशक के साथ साथ सिल्ली छऊ नृत्य अकादमी के सचिव भी हैं.

Tapan Kumar Patnaik of Jharkhand
Tapan Kumar Patnaik of Jharkhand
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Published : Apr 8, 2022, 7:22 PM IST

रांची: संगीत नाटक अकादमी 9 अप्रैल 2022 को पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन करने जा रही है. इस समारोह में देश भर से चयनित प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं जनजातीय कलाकारों और रंग कर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा. झारखंड के तपन कुमार पटनायक को भी छऊ नृत्य में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा.

झारखंड के मशहूर छऊ नर्तक तपन कुमार पटनायक को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. छऊ नृत्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए तपन कुमार पटनायक को यह सम्मान दिया जाएगा. सरायकेला छऊ महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित कराने में तपन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कला के प्रति समर्पण और योगदान के कारण तपन पटनायक को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भारत में कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है. इस साल अकादमी पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू देंगे.

ये भी पढ़ें: छऊ कलाकारों का हौसला बढ़ाने की छऊ गुरु तपन की पहल, 'संकल्प एक नई सृजन की ओर' मुहिम की शुरुआत

'संकल्प एक नए सृजन की ओर' अभियान की शुरुआत: कोरोना संक्रमण के दौरान तपन ने छऊ कलाकारों में आत्मविश्वास जगाने और कलाकारों का हौसला बढ़ाने के लिए काफी काम किया था. छऊ गुरु तपन कुमार पटनायक ने कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 'संकल्प एक नई सृजन की ओर' मुहिम की शुरुआत की. इसके तहत इन्होंने विश्वभर में छऊ कला को एक नए स्वरूप में ले जाने की तैयारी की, ताकि छऊ कला संस्कृति विरासत को संजोए हुए कलाकारों का भी हौसला बढ़ाया जाए.

संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेमसुनारो जामीर ने बताया कि पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है. इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. पुरस्कारों का निर्णय अकादमी महापरिषद् लेती है, जिसमें प्रतिष्ठित संगीतकार, नर्तक, थिएटर कलाकार और विद्वान शामिल होते हैं. नृत्य के क्षेत्र में 10 नर्तकों को मिलेगा अकादेमी पुरस्कार मिलेग जिसमें तपन पटनायक भी शामिल हैं.

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ शिक्षकों और विद्वानों को भी यह राष्ट्रीय सम्मान दिया जाता है. यह सम्मान न केवल उत्कृष्टता और उपलब्धियों के सर्वोच्च मानक का प्रतीक है, बल्कि निरंतर व्यक्तिगत कार्य और योगदान को मान्यता प्रदान करता है.

रांची: संगीत नाटक अकादमी 9 अप्रैल 2022 को पुरस्कार अर्पण समारोह का आयोजन करने जा रही है. इस समारोह में देश भर से चयनित प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं जनजातीय कलाकारों और रंग कर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा. झारखंड के तपन कुमार पटनायक को भी छऊ नृत्य में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा.

झारखंड के मशहूर छऊ नर्तक तपन कुमार पटनायक को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. छऊ नृत्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए तपन कुमार पटनायक को यह सम्मान दिया जाएगा. सरायकेला छऊ महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित कराने में तपन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कला के प्रति समर्पण और योगदान के कारण तपन पटनायक को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भारत में कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है. इस साल अकादमी पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू देंगे.

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'संकल्प एक नए सृजन की ओर' अभियान की शुरुआत: कोरोना संक्रमण के दौरान तपन ने छऊ कलाकारों में आत्मविश्वास जगाने और कलाकारों का हौसला बढ़ाने के लिए काफी काम किया था. छऊ गुरु तपन कुमार पटनायक ने कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 'संकल्प एक नई सृजन की ओर' मुहिम की शुरुआत की. इसके तहत इन्होंने विश्वभर में छऊ कला को एक नए स्वरूप में ले जाने की तैयारी की, ताकि छऊ कला संस्कृति विरासत को संजोए हुए कलाकारों का भी हौसला बढ़ाया जाए.

संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेमसुनारो जामीर ने बताया कि पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है. इस कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और प्रदर्शन कला में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. पुरस्कारों का निर्णय अकादमी महापरिषद् लेती है, जिसमें प्रतिष्ठित संगीतकार, नर्तक, थिएटर कलाकार और विद्वान शामिल होते हैं. नृत्य के क्षेत्र में 10 नर्तकों को मिलेगा अकादेमी पुरस्कार मिलेग जिसमें तपन पटनायक भी शामिल हैं.

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदर्शन कला के क्षेत्र में प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ शिक्षकों और विद्वानों को भी यह राष्ट्रीय सम्मान दिया जाता है. यह सम्मान न केवल उत्कृष्टता और उपलब्धियों के सर्वोच्च मानक का प्रतीक है, बल्कि निरंतर व्यक्तिगत कार्य और योगदान को मान्यता प्रदान करता है.

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