ETV Bharat / city

B.Ed एडमिशन मामला: समान शिक्षा के लिए विद्यार्थी कर रहे समान फीस की मांग

बीएड कॉलेजों में नामांकन को लेकर विद्यार्थी परेशान हैं. मात्र 4 कॉलेज ऐसे हैं जिसे राज्य सरकार संचालित करती है. बाकी प्राइवेट कॉलेजों की फीस बहुत ज्यादा है. इस कारण विद्यार्थी समान शिक्षा के लिए समान फीस लागू करने की मांग कर रहे हैं.

समान शिक्षा के लिए विद्यार्थी कर रहे समान फीस की मांग
author img

By

Published : Jul 24, 2019, 8:04 PM IST

रांची: राज्य में बीएड के लिए कुल 136 कॉलेज हैं. इसमें 132 बीएड कॉलेज विश्वविद्यालयों से संबद्धता मिलने के बाद भी प्राइवेट पैटर्न में ही संचालित हैं. इन बीएड कॉलेजों की फीस काफी ज्यादा होती है. जिसे भरना हर किसी के बस की बात नहीं. इसे लेकर विद्यार्थियों ने फीस में एकरूपता की मांग की है.

देखें स्पेशल पैकेज

बीएड में दाखिला के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम
झारखंड में पहली बार बीएड में दाखिला के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम लिया गया. अब काउंसलिंग के माध्यम से अभ्यर्थियों को विभिन्न बीएड शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए एक हफ्ते का समय दिया जा रहा है. अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि 132 बीएड कॉलेज प्राइवेट पैटर्न में संचालित होने के कारण उनकी फीस काफी अधिक है.

ये भी पढ़ें-बाबाधाम में मंदिरों के गठबंधन की रोचक कहानी, सिर्फ भंडारी करते हैं ये काम

प्राइवेट कॉलेज की फीस से परेशान विद्यार्थी
सरकारी संस्थानों में बीएड की पढ़ाई में 30 से 40 हजार रुपए फीस लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट और मिशनरी संस्थानों में इसी कोर्स की फीस डेढ़ लाख से दो लाख रुपए तक विद्यार्थियों को देने पड़ते हैं. इसे लेकर विद्यार्थियों ने कहा है कि राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. समान शिक्षा के लिए समान फीस निर्धारित हो, तब जाकर राज्य के गरीब विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.

कॉलेज का नाम यूनिवर्सिटी फीस स्ट्रक्चर
कुमार B.Ed कॉलेज बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल 1 लाख 40 हजार
जामिनी कांत B.Ed कॉलेज कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 70 हजार
करीम सिटी कॉलेज कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 30 हजार
रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 40 हजार
दिनेश कॉलेज ऑफ एजुकेशन नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी 1 लाख 55 हजार
ज्योति प्रकाश महिला B.Ed कॉलेज नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी 1 लाख 30 हजार
एनएन घोष सनातन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज रांची यूनिवर्सिटी 1 लाख 50 हजार
ग्रेट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज विनोबा भावे यूनिवर्सिटी 1 लाख 60 हजार
ग्रिजली कॉलेज ऑफ एजुकेशन विनोबा भावे यूनिवर्सिटी 1 लाख 90 हजार

प्राइवेट बीएड संस्थानों पर सरकार का नियंत्रण नहीं
राज्य भर में चार ही सरकारी बीएड कॉलेज हैं, जिसमें पढ़ाई का खर्च काफी कम लगता है. ऐसे में काउंसलिंग के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को सरकारी संस्थान में जगह नहीं मिल रही है. अब उन्हें प्राइवेट बीएड कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए अधिक फीस देने पड़ रहे हैं. बीएड कॉलेजों की फीस निर्धारण पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. भले ही इस बार सरकार ने कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम लिया हो, लेकिन फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.

बढ़ते प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या
यह विद्यार्थियों के लिए एक चिंता का विषय बन गया है. इसके अलावा झारखंड में इन दिनों प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में बीएड कॉलेजों की मनमानी और ज्यादा बढ़ रही है. जिनके पास पैसे हैं उनके लिए कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जो विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वैसे विद्यार्थी इन प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला कैसे ले पाएंगे यह एक सवाल है.

राज्य सरकार ने बीएड में दाखिला लेने के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम की एक अच्छी पहल जरूर की है, लेकिन अब जरूरत है फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार कोई ठोस पहल करे. प्राइवेट कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई काफी महंगी है. समान शिक्षा व्यवस्था के लिए समान फीस होना जरूरी है.

रांची: राज्य में बीएड के लिए कुल 136 कॉलेज हैं. इसमें 132 बीएड कॉलेज विश्वविद्यालयों से संबद्धता मिलने के बाद भी प्राइवेट पैटर्न में ही संचालित हैं. इन बीएड कॉलेजों की फीस काफी ज्यादा होती है. जिसे भरना हर किसी के बस की बात नहीं. इसे लेकर विद्यार्थियों ने फीस में एकरूपता की मांग की है.

देखें स्पेशल पैकेज

बीएड में दाखिला के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम
झारखंड में पहली बार बीएड में दाखिला के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम लिया गया. अब काउंसलिंग के माध्यम से अभ्यर्थियों को विभिन्न बीएड शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए एक हफ्ते का समय दिया जा रहा है. अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि 132 बीएड कॉलेज प्राइवेट पैटर्न में संचालित होने के कारण उनकी फीस काफी अधिक है.

ये भी पढ़ें-बाबाधाम में मंदिरों के गठबंधन की रोचक कहानी, सिर्फ भंडारी करते हैं ये काम

प्राइवेट कॉलेज की फीस से परेशान विद्यार्थी
सरकारी संस्थानों में बीएड की पढ़ाई में 30 से 40 हजार रुपए फीस लगते हैं. वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट और मिशनरी संस्थानों में इसी कोर्स की फीस डेढ़ लाख से दो लाख रुपए तक विद्यार्थियों को देने पड़ते हैं. इसे लेकर विद्यार्थियों ने कहा है कि राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. समान शिक्षा के लिए समान फीस निर्धारित हो, तब जाकर राज्य के गरीब विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.

कॉलेज का नाम यूनिवर्सिटी फीस स्ट्रक्चर
कुमार B.Ed कॉलेज बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल 1 लाख 40 हजार
जामिनी कांत B.Ed कॉलेज कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 70 हजार
करीम सिटी कॉलेज कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 30 हजार
रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन कोल्हान यूनिवर्सिटी 1 लाख 40 हजार
दिनेश कॉलेज ऑफ एजुकेशन नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी 1 लाख 55 हजार
ज्योति प्रकाश महिला B.Ed कॉलेज नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी 1 लाख 30 हजार
एनएन घोष सनातन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज रांची यूनिवर्सिटी 1 लाख 50 हजार
ग्रेट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज विनोबा भावे यूनिवर्सिटी 1 लाख 60 हजार
ग्रिजली कॉलेज ऑफ एजुकेशन विनोबा भावे यूनिवर्सिटी 1 लाख 90 हजार

प्राइवेट बीएड संस्थानों पर सरकार का नियंत्रण नहीं
राज्य भर में चार ही सरकारी बीएड कॉलेज हैं, जिसमें पढ़ाई का खर्च काफी कम लगता है. ऐसे में काउंसलिंग के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को सरकारी संस्थान में जगह नहीं मिल रही है. अब उन्हें प्राइवेट बीएड कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए अधिक फीस देने पड़ रहे हैं. बीएड कॉलेजों की फीस निर्धारण पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. भले ही इस बार सरकार ने कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम लिया हो, लेकिन फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.

बढ़ते प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या
यह विद्यार्थियों के लिए एक चिंता का विषय बन गया है. इसके अलावा झारखंड में इन दिनों प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में बीएड कॉलेजों की मनमानी और ज्यादा बढ़ रही है. जिनके पास पैसे हैं उनके लिए कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जो विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वैसे विद्यार्थी इन प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला कैसे ले पाएंगे यह एक सवाल है.

राज्य सरकार ने बीएड में दाखिला लेने के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम की एक अच्छी पहल जरूर की है, लेकिन अब जरूरत है फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार कोई ठोस पहल करे. प्राइवेट कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई काफी महंगी है. समान शिक्षा व्यवस्था के लिए समान फीस होना जरूरी है.

Intro:special....

रांची।

राज्य भर में B.Ed करने के लिए कुल 136 कॉलेज हैं इसमें चार राज्य सरकार द्वारा संचालित है .वहीं बाकी कॉलेज विभिन्न यूनिवर्सिटी के तहत सम्बद्ध है .राज्य सरकार द्वारा संचालित चार बीएड कॉलेजों को छोड़ दें तो बाकी बचे 132 B.Ed कॉलेज विश्वविद्यालयों से संबद्धता प्राप्त होने के बावजूद प्राइवेट पैटर्न में ही संचालित है .इन B.Ed कॉलेजों की फीस आम विद्यार्थियों के लिए भरना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. इसे लेकर विद्यार्थियों ने B.Ed कॉलेज में दाखिला के लिए अब विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के बीच फीस को लेकर एकरूपता की मांग की है.


Body:झारखंड में पहली बार बीएड में दाखिला के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम लिया गया और अब काउंसलिंग के माध्यम से अभ्यर्थियों को विभिन्न B.Ed शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए एक हफ्ते का समय दिया जा रहा है .लेकिन यहां आए अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह हो रही है कि चार सरकारी बीएड कॉलेजों को छोड़ दे तो बाकी बचे 132 B.Ed कॉलेज प्राइवेट पैटर्न में संचालित होने के कारण यहां फीस काफी अधिक है. बता दूं कि झारखंड में सरकारी और प्राइवेट के साथ मिशनरी शैक्षणिक संस्थानों में भी बीएड की पढ़ाई हो रही है .लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है की समान शिक्षा के लिए समान फीस का निर्धारण अब तक क्यों नही हो पाई है.

सरकारी संस्थानों में 30 से 40 हजार रुपये जबकि प्राइवेट बीएड संस्थानों में डेढ़ लाख से दो लाख रुपये फीस:

सरकारी संस्थानों में B.Ed की पढ़ाई में 30 से 40 हज़ार रुपए फीस लगते हैं .वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट और मिशनरी संस्थानों में इसी कोर्स की फीस ढेड़ लाख से दो लाख रुपये तक विद्यार्थियों को देने पड़ते हैं .राज्य के गरीब बच्चे सरकारी बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं और बाकी बचे गरीब विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्राइवेट बीएड संस्थानों में जाना मजबूरी बन गई है. इसे लेकर विद्यार्थियों ने कहा है कि राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है .समान शिक्षा के लिए समान फीस निर्धारित हो तब जाकर राज्य के गरीब विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.

प्राइवेट बीएड संस्थानों में सरकार का नियंत्रण नहीं:

राज्य भर में चार ही सरकारी बीएड कॉलेज है जिसमें पढ़ाई का खर्च काफी कम लगता है. ऐसे में काउंसलिंग के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को सरकारी संस्थान में जगह नहीं मिल रही है. अब उन्हें प्राइवेट B.Ed कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए अधिक फीस देने पड़ रहे हैं .बीएड कॉलेजों के फीस निर्धारण पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. भले ही इस बार सरकार ने कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम जरूर लिया हो. लेकिन फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है और यह विद्यार्थियों के लिए एक चिंता का सबब बन गया है .इसके अलावा झारखंड में इन दिनों प्राइवेट बीएड कॉलेजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में बीएड कॉलेजों की मनमानी और ज्यादा बढ़ रही है .जिनके पास पैसे हैं उनके लिए कोई परेशानी नहीं है लेकिन जो विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर है वैसे विद्यार्थी इन प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला कैसे ले पाएंगे यह एक सवाल है.


Conclusion:राज्य सरकार ने बीएड में दाखिला लेने के लिए कंबाइंड एंट्रेंस एग्जाम का एक अच्छी पहल जरूर की है लेकिन अब जरूरत है फीस स्ट्रक्चर को लेकर सरकार कोई ठोस पहल करें क्योंकि प्राइवेट कॉलेजों में B.Ed के पढ़ाई काफी महंगी है. समान शिक्षा व्यवस्था के लिए समान फीस होना जरूरी है.

बाइट-विमल कुमार,छात्र।

बाइट-पी के वर्मा, डीएसडब्ल्यू।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.