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Strike in Ranchi: स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मियों ने किया पिंड दान, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मियों का आंदोलन जारी है. पिछले एक महीने से वे लोग धरना पर बैठे हैं. अपनी सेवा नियमित करने की ये लोग मांग कर रहे हैं. अपनी मागों को लेकर पिंड दान और श्राद्ध कर इन लोगों ने अपना विरोध जताया.

Strike in Ranchi
स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मियों ने किया पिंड दान
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Published : Jan 9, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Jan 9, 2022, 10:03 AM IST

रांची: स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं. राज्य के प्रखंड जिला एवं राज्यस्तरीय एसबीएम अनुबंधकर्मियों की 31 दिसंबर को अनुबंध सेवा समाप्त हो चुकी है. जिसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए यह कहा है कि अब स्वच्छ भारत मिशन के तहत नए कर्मचारियों को बहाल किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय के विरोध और अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एसबीएम (SBM) कर्मियों ने शनिवार को श्राद्ध और पिंड दान कर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया.

ये भी पढ़ेंः स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों का धरना जारी, नई नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग

प्रदर्शन कर रहे अनुबंधकर्मियों का कहना है कि जब सभी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी. उस समय केंद्र सरकार के निर्णय के आलोक में ही नियम बनाए गए थे कि सभी कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा. जिसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से दिशा निर्देश भी दिया गया था.

देखें पूरी खबर
स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी आशीष कुमार ने बताया कि झारखंड के अलावा सभी राज्यों में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को समायोजित कर उनकी सेवा का विस्तार किया गया है, लेकिन सिर्फ झारखंड सरकार ही पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों की नियुक्ति कर रही है जो कि पहले से काम कर रहे लोगों के साथ सीधा-सीधा अन्याय है.उन्होंने बताया कि चुनाव से पूर्व हेमंत सोरेन ने अनुबंधकर्मियों से यह वादा किया था कि सभी अनुबंधकर्मियों को नियमित कर दिया जाएगा और 60 साल तक सेवा ली जाएगी. लेकिन आज वह अपने वादों से पीछे हट गए हैं और सभी कर्मियों को सड़क पर छोड़ दिए हैं. इसीलिए आज हम सभी कर्मचारी अपनी बाल मरवा कर पिंडदान कर रहे हैं ताकि सरकार हमारे बारे में कुछ सोच सके.मालूम हो कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1118 पद सृजित किए गए थे, लेकिन वर्तमान में मात्र 522 कर्मी कार्यरत हैं. जिनको हटाकर नई नियुक्ति करने से सभी बेरोजगार हो जाएंगे. इन कर्मियों की बदौलत स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड को कई पुरस्कार भी मिले हैं. इन लोगों ने अपनी लगन से झारखंड को खुले में शौच से मुक्त करने की सफलता दिलाई है. इसके बावजूद स्वच्छता एवं पेयजल विभाग आगामी जल जीवन मिशन और स्वच्छता भारत मिशन के तहत नए लोगों को लाने का काम कर रहा है.

रांची: स्वच्छ भारत मिशन के अनुबंधकर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं. राज्य के प्रखंड जिला एवं राज्यस्तरीय एसबीएम अनुबंधकर्मियों की 31 दिसंबर को अनुबंध सेवा समाप्त हो चुकी है. जिसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए यह कहा है कि अब स्वच्छ भारत मिशन के तहत नए कर्मचारियों को बहाल किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय के विरोध और अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एसबीएम (SBM) कर्मियों ने शनिवार को श्राद्ध और पिंड दान कर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया.

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प्रदर्शन कर रहे अनुबंधकर्मियों का कहना है कि जब सभी कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी. उस समय केंद्र सरकार के निर्णय के आलोक में ही नियम बनाए गए थे कि सभी कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा. जिसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से दिशा निर्देश भी दिया गया था.

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स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी आशीष कुमार ने बताया कि झारखंड के अलावा सभी राज्यों में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को समायोजित कर उनकी सेवा का विस्तार किया गया है, लेकिन सिर्फ झारखंड सरकार ही पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों की नियुक्ति कर रही है जो कि पहले से काम कर रहे लोगों के साथ सीधा-सीधा अन्याय है.उन्होंने बताया कि चुनाव से पूर्व हेमंत सोरेन ने अनुबंधकर्मियों से यह वादा किया था कि सभी अनुबंधकर्मियों को नियमित कर दिया जाएगा और 60 साल तक सेवा ली जाएगी. लेकिन आज वह अपने वादों से पीछे हट गए हैं और सभी कर्मियों को सड़क पर छोड़ दिए हैं. इसीलिए आज हम सभी कर्मचारी अपनी बाल मरवा कर पिंडदान कर रहे हैं ताकि सरकार हमारे बारे में कुछ सोच सके.मालूम हो कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1118 पद सृजित किए गए थे, लेकिन वर्तमान में मात्र 522 कर्मी कार्यरत हैं. जिनको हटाकर नई नियुक्ति करने से सभी बेरोजगार हो जाएंगे. इन कर्मियों की बदौलत स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड को कई पुरस्कार भी मिले हैं. इन लोगों ने अपनी लगन से झारखंड को खुले में शौच से मुक्त करने की सफलता दिलाई है. इसके बावजूद स्वच्छता एवं पेयजल विभाग आगामी जल जीवन मिशन और स्वच्छता भारत मिशन के तहत नए लोगों को लाने का काम कर रहा है.
Last Updated : Jan 9, 2022, 10:03 AM IST
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