रांची: झारखंड में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग लंबे समय से चल रही है. मुख्यमंत्री की पहल पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी होगी.
11 नवंबर को विशेष सत्र
सरना धर्म कोड से जुड़े प्रस्ताव को पारित करने के लिए पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र होने जा रहा है. प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष की चर्चा होगी. सहमति के बाद जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड के लिए अलग कॉलम जोड़ने का प्रस्ताव पारित होगा और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. दरअसल, 10 नवंबर को बेरमो और दुमका में हुए उपचुनाव का परिणाम आना है. इसलिए आदर्श आचार संहिता को देखते हुए 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया गया है.
राज्यपाल ने टीएसी की फाइल लौटाई
दूसरी तरफ पिछले दिनों जनजातीय सलाहकार परिषद यानी पीएसी के गठन से संबंधित फाइल को कुछ आपत्ति के साथ राज्यपाल ने सरकार को लौटा दिया है. समिति के लिए जिन बाहरी नामित सदस्यों का नाम भेजा गया है उस पर राज्यपाल की आपत्ति है. नियम का हवाला देते हुए सभी बाहरी सदस्यों के चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र की मांग की गई है. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद समिति के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी की जा सकती है.
ये भी पढ़ें: दुमका और बेरमो में किसकी होगी जीत! रिजल्ट पर टिकी कई नेताओं की साख, देखें समीक्षात्मक रिपोर्ट
बता दें कि 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आदिवासी कल्याण योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए पीएसी के गठन का प्रस्ताव तैयार कर राज्यपाल को भेजा गया था. परिषद में जिन चार बाहरी सदस्यों का नाम दिया गया है उनमें विक्टर माल्टो, करमा उरांव, जमला उरांव और पूर्व विधायक सनातन मांझी के नाम शामिल हैं. इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में विश्वनाथ सिंह सरदार का नाम प्रस्तावित है.