रांची: मानसून सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा किया. इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाराजगी जताते हुए जमकर हमला बोला है. इधर, बीजेपी विधायकों के निलंबन पर भाजपा ने पक्षपात का आरोप लगाया है. इस स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सफाई दी है और बीजेपी के आरोपों को निराधार बताया है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि सदन में जिस तरह से उनका आचरण देखने को मिला है वो कहीं ना कहीं सुनियोजित षडयंत्र के तहत ये काम कर रहे हैं. विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सुखाड़ पर सरकार गंभीर है और इसपर नजर रखी जा रही है. सुखाड़ जैसे गंभीर मुद्दे पर विपक्ष का सुझाव जानने के लिए सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विशेष चर्चा सदन में रखी गई थी. मगर सुझाव के बजाय भाजपा भाग गई. उन्होंने कहा कि सरकार को वर्षाकाल पर पूरी नजर है किसानों के लिए जो भी बेहतर हो सकता है वह काम किए जाएंगे. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने कांग्रेस विधायक कैशकांड पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि देखते रहिए आगे आगे क्या होता है.
सदन में भाजपा के चार विधायकों के निलंबन को उचित बताते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि आसन और सदन के साथ मजाक जब होता है तो इस तरह की कार्रवाई होती है. उन्होंने कहा कि 'जब आसन आहत होता है तो मजबूरन इस तरह कार्रवाई करनी पड़ती है. मैं बिल्कुल ही नरम दिल का व्यक्ति हूं और बहुत ज्यादा साहसी भी नहीं हूं लेकिन हमको संसदीय मर्यादा की रक्षा करने के लिए इस तरह का निर्णय लेना पड़ता है. इसलिए मैं खुद ही दुखी हूं. पुनर्विचार के लिए जब मेरे पास आएगा तो जरूर इस पर विचार करुंगा कि आखिर वे हमारे सदस्य हैं चाहे पक्ष के हों या विपक्ष के हमारे लिए सदस्य हैं.'
स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि तत्कालिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया है और इसमें कोई पक्षपात नहीं हुआ है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन में हंगामा मचाने के आरोप में भाजपा के चार विधायक भानु प्रताप शाही, ढुलू महतो, जयप्रकाश भाई पटेल और रणधीर सिंह को गुरुवार तक के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है.
बीजेपी कर रही है जानबूझकर हंगामा-आलमगीर आलम: सदन के अंदर बीजेपी विधायकों के हंगामा पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कार्यमंत्रणा की बैठक में निर्णय के बाबजूद बीजेपी के साजिश के तहत सदन की गरिमा को बनाने में सहयोग नहीं कर रही है. ऐसे में स्पीकर ने जो कदम उठाया है वह सही है. उन्होंने कहा कि 29 तारीख को ही यह निर्णय हो गया था कि कम वर्षा के कारण राज्य में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सदन में विशेष चर्चा होगी. इस बैठक में भाजपा सहित अन्य दलों के नेता उपस्थित थे और इस पर सर्वसम्मति से निर्णय हुआ था कि 1 तारीख को सुखाड़ पर सदन में चर्चा होगी इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के विधायक फैंसी ड्रेस पहनकर सदन में जिस तरफ से हंगामा मचाया इससे वे क्या मैसेज देना चाहते थे. भाजपा के लोग हमेशा कहते हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता मगर जब उन्हें अवसर मिला तो वे उससे भाग गये. उन्होंने कहा कि जनता देख रही है. लोकतंत्र की गरिमा बनाकर रखा जाना चाहिए.