रांची: झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने राज्य के पूर्व कृषि मंत्री और मौजूदा बीजेपी विधायक रंधीर सिंह पर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी विधायक की बॉडी लैंग्वेज संसदीय परंपरा के अनुरूप नहीं है. सदन में लगातार आवाज ऊंची कर बोलने वाले सिंह पर स्पीकर ने कहा कि बीजेपी विधायक अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे.
रंधीर सिंह किसी नियम के अधीन नहीं
चलते सदन में बार-बार आवाज उठाने पर स्पीकर ने सीधे तौर पर कहा कि रंधीर सिंह किसी नियम के अधीन नहीं हैं और जो नियम के अधीन नहीं होता है उसे क्या कहा जाता है यह सभी सदस्य जानते हैं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी पर लगातार उनकी टिप्पणियों पर स्पीकर ने कहा कि ऐसा लगता है कि रंधीर सिंह को उन्हीं के लिए रखा गया है.
रंधीर सिंह ने नहीं किया सवाल
दरअसल, बजट सत्र के शुरुआती दिन से ही रंधीर सिंह हर मामले में अपनी आवाज उठाते रहे. हालांकि, सत्र के दौरान उन्होंने अभी तक कोई सवाल नहीं पूछा है. बावजूद इसके सदन के अंदर और बाहर होने वाले प्रोटेस्ट में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है. गुरुवार को स्पीकर ने उनके लिए इस तरह की टिप्पणी की.
नए सदस्यों का छलका दर्द
वहीं, सदन में पहली बार छत्तरपुर विधानसभा से चुनकर आई बीजेपी विधायक पुष्पा देवी ने कहा कि नए सदस्यों को हाउस में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग बोल रहे हैं वह लगातार बोलते ही जा रहे हैं, जबकि उन लोगों के भी सवाल हैं, लेकिन वह चुपचाप बैठे हैं. ऐसे में उनसे जुड़ी बातों का निर्णय कौन करेगा. उन्होंने कहा कि जो भी लोग सवाल उठा रहे हैं सिर्फ उनकी बात सुनी जा रही है. इस पर स्पीकर ने कहा कि जैसे ही वरिष्ठ सदस्यों के सवाल समाप्त होंगे उन्हें मौका दिया जाएगा.
जेएमएम विधायक के कहा दे दें छुट्टी
इससे पहले गिरिडीह से जेएमएम के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि प्रश्नकाल में उठे तीन प्रश्नों में 54 मिनट का समय लग गया है. अगर ऐसे में उनका सवाल नहीं आता है तो उन्हें छुट्टी दे दी जाए. वह वापस अपने घर चले जाएंगे. इस पर स्पीकर ने कहा कि सदन की परिपाटी ही ऐसी बन गई है. आसन के प्रति अब आक्षेप लग रहा है. ऐसे में सदस्यों को खुद समझना चाहिए. हालांकि, सोनू ने सेकंड हाफ में अपने इस वक्तव्य के लिए खेद भी प्रकट किया और माफी मांगी.
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मौजूदा बजट सत्र के दौरान बीजेपी की तरफ से लगातार हंगामा खड़े करने की वजह से प्रश्नकाल सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है. ऐसे में कई नए सदस्य हैं जिन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि एक मनोनीत समेत 82 सदस्यों वाली विधानसभा में 22 ऐसे विधायक हैं, जो पहली बार झारखंड विधानसभा पहुंचे हैं.