रांचीः झारखंड में सत्ता के बेहद करीबी रहे ईडी के द्वारा गिरफ्तार प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी के नए-नए राज अब खुलकर सामने आ रहे हैं. प्रेम प्रकाश के एप्पल मोबाइल से ऐसी ऐसी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं जो आगे चलकर कई रसूखदार की मुसीबतें बढ़ाएंगी.
सीडीआर बरामदः अवैध खनन के जरिए मनी लाउंड्रिंग मामले(Money laundering cases related to illegal mining) की जांच कर रही ईडी हर दिन नए खुलासे कर रही है. प्रेम प्रकाश के यहां से ईडी ने दो मोबाइल नंबरों का सीडीआर बरामद किया है. एक नंबर का सीडीआर 1 जुलाई से एक अक्टूबर 2021 के बीच का है, जो कि 58 पन्नों का है. जबकि दूसरे नंबर का सीडीआर 31 पन्नों का है. ईडी यह पड़ताल कर रही है कि यह दोनों नंबर किसके द्वारा प्रयोग में लाए जाते थे. साथ ही कैसे इन नंबरों का सीडीआर प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी ने हासिल किया था. ईडी ने अपने आरोप पत्र में इस बात की जानकारी दी है. साथ ही प्रेम प्रकाश के पास से कई सारे डिजिटल डिवाइस, मोबाइल व चिप मिलने की जानकारी ईडी ने दी है, जिसकी पड़ताल की जा रही है.
कई फोन व सिम बरामदः ईडी ने प्रेम प्रकाश के पास से दो आईफोन जिसमें अलग अलग सिम थे, पुनीत भार्गव के नाम पर सिमकार्ड, काले रंग के एक एंड्रॉयड फोन में पुनीत के नाम से ही जारी दो सिमकार्ड, एक अन्य मोबाइल में कुमार सुर्यांश सिंह के नाम से दो सिमकार्ड बरामद किए थे. ईडी ने छापेमारी के दौरान पांच जीबी का एक चिप भी बरामद किया था. वहीं इडी को कई सारे कागजात व वित्तीय लेनदेन से जुड़ी चीजें जिससे अमित अग्रवाल, राजेश व अमर्त्य चौधरी का सरोकार रहा है मिली हैं. ईडी ने एक जिले के एसपी को लिखा एक पत्र, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट के पेपर, श्रीराम पावर से जुड़े दस्तावेज समेत अन्य चीजें मिलने की बात भी कही है.
अवैध खनन के जरिए मोटी कमाईः ईडी के द्वारा चार्जशीटेड प्रेम प्रकाश ने कोलकाता के कारोबारी संजय चौधरी और अमित अग्रवाल के साथ मिलकर अवैध खनन के जरिए मोटी कमाई की. संजय चौधरी के कंपनी के जरिए मनी लाउंड्रिंग की बात भी ईडी ने अपने आरोप पत्र में बतायी है. जांच में यह बात आई है कि संजय चौधरी के डायरेक्टरशिप वाली कंपनी सीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जरिए स्टोन चिप्स की रेलवे के जरिए परिवहन बगैर चालान किया गया. बीएससीआई, एसवीवाईई, एडीटीजी समेत कई अन्य कंपनियों का भी नाम भी अवैध परिवहन में आया है. ईडी ने जांच में पाया है कि साल 2015 - 22 तक 251 स्टोन चिप्स रैक बिना परिवहन चालान के रेलवे के जरिए भेजे गए. जांच में यह बात भी सामने आयी है कि अवैध खनन के मामले में संजय चौघरी से करोड़ों रुपये वसूले गए थे.