रांची: स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से राज्य के तमाम आरडीडीई, डीइओ और डीएसई को निर्देश दिया गया है कि एक बार फिर स्कूलों में साफ सफाई का काम युद्ध स्तर पर करवाया जाए. इसे लेकर 31 दिसंबर को स्कूल खोलने से पहले एक निर्देश जारी हुआ था लेकिन विभागीय पदाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में साफ-सफाई नहीं मिली. इसी के तहत यह निर्देश एक बार फिर से निर्देश जारी हुआ है.
स्कूलों में साफ-सफाई को लेकर दिया निर्देश
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों के कमरों के हिसाब से साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया गया है. राज्य के स्कूलों में दसवीं और बारहवीं की क्लास संचालित हो रहे हैं लेकिन साफ-सफाई के मामले में स्कूलों में समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. यह बात तब सामने आई जब विभागीय अधिकारियों की ओर से कई स्कूलों का निरीक्षण किया गया. इसके बाद एक बार फिर विभागीय स्तर पर निर्देश जारी करते हुए कहा गया कि जल्द से जल्द स्कूलों में साफ-सफाई का काम एक बार फिर सही तरीके से किया जाए.
साफ-सफाई के लिए मजदूरों की संख्या निर्धारित
विभाग ने अपने स्तर पर मजदूरों की संख्या भी निर्धारित की है. आवासीय स्कूलों में तीन कमरे वाले परिसर में दो-दो मजदूर साफ-सफाई करेंगे. 4 से 8 कमरे वाले स्कूलों में तीन-तीन मजदूरों को 3 दिनों तक लगाया जाएगा. 9 से 20 कमरे वाले स्कूलों में चार-चार मजदूर 4 दिनों तक काम करेंगे. 20 से अधिक कमरों में 5-5 मजदूर 5 दिनों तक लगातार काम करेंगे.
विद्यालय विकास अनुदान से राशि का होगा भुगतान
विद्यालय विकास अनुदान से राशि का भुगतान किया जाएगा. राज्य परियोजना परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि 17 मार्च से स्कूल बंद हैं और समुचित तरीके से उनकी साफ-सफाई नहीं हो सकी है. इसी को देखते हुए साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. राज्य के कुल 2,337 हाई स्कूलों में साफ-सफाई का अभियान युद्ध स्तर पर किया जाएगा.
आवासीय विद्यालयों की होगी सेंपलिंग
राज्य के आवासीय विद्यालयों की स्थिति सुधारने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से एक आदेश आया है. इसके लिए झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को आयोग की तरफ से पत्र भी मिला है. 50 आवासीय विद्यालयों का चयन किया गया है. जिसका एक बार फिर सेंपलिंग किया जाएगा. यह तमाम स्कूल झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है. सैंपल के तहत विद्यालयों की स्थिति बच्चों की स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. सेंपलिंग का काम 22 जनवरी से शुरू कर दिया जाएगा. इसमें आयोग की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल होगा. इसके अलावा नीति आयोग की टीम भी इसमें शामिल होगी.
ट्रेन लेट होने के कारण परीक्षार्थी नहीं हो सके शामिल
रेलवे भर्ती बोर्ड के आयोजित नॉनटेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी परीक्षा में ट्रेन लेट होने के कारण कई परीक्षार्थी शामिल नहीं हो सके. शनिवार को यह परीक्षाएं राजधानी रांची में आयोजित की गई थी. रेलवे की परीक्षा दो पाली में आयोजित थी. 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक पहली पाली की परीक्षा आयोजित की गई थी. इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर अंदर आने के लिए 9:00 से 10:00 के बीच समय निर्धारित किया गया था लेकिन शनिवार को पटना हटिया ट्रेन 10:15 पर रांची स्टेशन पर ही पहुंची. परीक्षार्थी जैसे-तैसे परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे लेकिन उन्हें परीक्षा केंद्रों के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया. कई परीक्षार्थी तो परीक्षा केंद्रों तक पहुंच भी नहीं सके क्योंकि काफी समय बीत चुका का था.
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दोबारा परीक्षा की मांग
परीक्षार्थी अधिकतर बिहार से राजधानी रांची में रेलवे बोर्ड के बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे थे. जानकारी दी जा रही है कि इस ट्रेन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी और आधे घंटे तक इस ट्रेन को स्टेशन पर रोक कर रखा गया था. मामले को लेकर कई परीक्षार्थियों ने सीधे रेल मंत्री को ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है और दोबारा परीक्षा की अनुमति मांगी है.