रांची: आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से छठी से लेकर आठवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाने का निर्देश तो जारी कर दिया गया. लेकिन स्कूल प्रबंधकों के पास विद्यालय कोष में राशि है कि नहीं इसकी जानकारी विभाग ने नहीं ली. 24 सितंबर से राज्य के सरकारी स्कूल खुल पाएंगे कि नहीं यह अभी असमंजस की स्थिति में है. मामले को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ में सवाल खड़े किए हैं.
24 सितंबर से क्लास 6th से 8th तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाएंगे. राज्य सरकार ने इसे लेकर एक SOP जारी करते हुए निर्देश दिया है कि तमाम विद्यालयों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, साफ सफाई और कोविड-19 प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए तमाम व्यवस्था 23 सितंबर तक पूरा कर ली जाए. लेकिन विद्यालय संचालन के लिए विद्यालय विकास का राशि विद्यालय प्रबंधकों के पास शून्य है. जून माह में ही विद्यालय द्वारा सभी तरह की राशि को निदेशक झारखंड शिक्षा परियोजना के आदेश के तहत राशि सरेंडर कर दी गई है. ऐसी स्थिति में विद्यालय के साफ-सफाई, रिटर्न, जेरोक्स जैसे कार्यों के लिए विद्यालय कोष में कोई राशि नहीं है.
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विद्यालय संचालन में परेशानी
इस परिस्थिति में विद्यालय के संचालन में काफी परेशानी आ रही है. शिक्षक असमंजस की स्थिति में है कि विद्यालय संचालन, विद्यालय प्रांगण और भवन में सफाई जैसे कार्यों के लिए राशि की व्यवस्था कहां से की जाए. मामले को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक से मांग की है कि जल्द से जल्द विद्यालय विकास की राशि जारी करें. अन्यथा 24 सितंबर तक छठी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोला जाना परेशानी भरा होगा.
अब तक नहीं हुई है सेनेटाइजेशन का काम
विद्यालयों में अब तक साफ सफाई का काम नहीं हुआ है राशि नहीं रहने के कारण शिक्षक और कर्मचारी असमंजस की स्थिति में है. इसके अलावा क्लास 3 से 8 तक के छात्रों के परीक्षा लेने के लिए प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी कराना है. कई तरह के कार्यों में राशि की आवश्यकता पड़ती है.
स्कूल खोलने में होगी परेशानी
प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय का कार्य संचालन बेहतर तरीके से हो सके. इसके लिए विभाग को इस ओर ध्यान देने की जल्द से जल्द जरूरत है. नहीं तो 24 सितंबर से छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षा संचालन में विभाग और विद्यालय प्रबंधकों को भारी परेशानी आएगी.