रांचीः एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन औषधि दिवस पर देशभर के जन औषधि केंद्रों को संबोधित करते हुए यह कहते नजर आ रहे थे कि देश का जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बना जन औषधि केंद्र की स्थिति बद से बदतर देखी गई है. रिम्स में बना जन औषधि केंद्र की खराब हालत पर सांसद संजय सेठ और महेश पोद्दार ने निरीक्षण कर खेद प्रकट करते हुए कहा कि रिम्स में बना जन औषधि केंद्र की हालत बद से बदतर हो गई है जो बहुत ही दुख का विषय है.
एक तरफ इसी औषधि केंद्र के बगल में बना दवाई दोस्त लाखों की दवा बेच रहा है तो वहीं गरीब मरीजों के लिए बना प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र 500 तक की दवा नहीं बेच पाता. सांसद संजय सेठ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत देश के गरीब मरीजों को सस्ते दर पर दवा पहुंचाने के लिए की थी लेकिन, रिम्स में बना जन औषधि केंद्र की जो हालत है वह निश्चित रूप से सोचनीय है.
रिम्स प्रबंधन की लापरवाही के कारण यहां के मरीजों को सीधा लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में जरूरत है कि जल्द से जल्द राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बना जन औषधि केंद्र को सुचारू रूप से चालू किया जाए, ताकि राज्य के सुदूर इलाके से आए गरीब मरीजों को इसका सीधा लाभ मिले.
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वहीं, मौके पर राज्यसभा सांसद महेश प्रधान ने भी कहा कि जिस प्रकार से औचक निरीक्षण के दौरान रिम्स के जन औषधि केंद्र की स्थिति देखी गई है. वह निश्चित ही रिम्स प्रशासन पर कई सवाल खड़े करते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि मरीजों के हितों को देखते हुए इस औषधि केंद्र की स्थिति जल्द से जल्द बेहतर कराई जाए ताकि गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल सके.
गौरतलब है कि गरीब मरीजों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बनाया गया जन औषधि केंद्र की स्थिति आज ही नहीं कई दिनों से खराब है. जन औषधि दिवस के मौके पर ही भाजपा के सांसदों की आंख खुली है. अब ऐसे में यह देखना होगा कि क्या इन सांसदों के आश्वासन के बाद रिम्स प्रबंधन प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को बेहतर स्थिति में ला पाते हैं या फिर गरीब मरीजों को बदस्तूर महंगी दर पर ही दवाई खरीदना पड़ेगा.