रांचीः राज्य में जिला और प्रखंड स्तर पर 20 सूत्री के गठन और निगम-बोर्ड में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया लगता है. हालांकि सत्ता में शामिल तीनों पार्टियां जल्द ही 20 सूत्री के गठन और बोर्ड-निगम में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के मनोनयन पर फैसला हो जाने का दावा करती है.
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महागठबंधन तीन दलों की महत्वकांक्षा भी आसमान पर
झारखंड में सत्ताधारी महागठबंधन में तीन दल शामिल हैं, झामुमो, कांग्रेस और राजद. विधायकों की संख्या के हिसाब से झामुमो सबसे बड़ी राजनीतिक दल है तो कांग्रेस दूसरे और राजद तीसरे स्थान पर है. भले ही इन तीनों दलों के नेता भले ही मीडिया के कैमरे के सामने यह कहते रहे हैं बोर्ड-निगम या 20 सूत्री का पद को बड़ा नहीं मानते पर कोई भी दल अपना अपना हक भी नहीं छोड़ना चाहता.
झामुमो की बड़ी हिस्सेदारी
झामुमो जहां जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात कहने से भी नहीं चूकती, वहीं कांग्रेस के कई नेता ने 15 अगस्त तक 20 सूत्री और बोर्ड निगम के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का दावा किया था. 15 अगस्त तक राज्य में 20 सूत्री के गठन का दावा प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस संसदीय दल के नेता आलमगीर आलम ने किया था. लेकिन अब 15 सितंबर करीब है और बोर्ड निगम तो क्या 20 सूत्री के गठन की सुगबुगाहट तक नहीं है.
राजद ने जताया हक
राजद ने 07 जिला और 27 प्रखंड में 20 सूत्री अध्यक्ष पद का दावा किया था. राज्य में एक विधायक के भरोसे सत्ता में भागीदारी निभा रही लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने 07 जिला, जहां-जहां पार्टी ने विधानसभा का चुनाव लड़ा वहां जिला 20 सूत्री अध्यक्ष पद और 24 प्रखंडों में पद की मांग कर दी थी. अब बीस सूत्री में हो रही देरी की वजह पर पूछे गए सवाल पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह हेमंत सरकार की प्रशंसा के साथ-साथ अपना हक भी जताने लगते हैं.
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10 दिन में 20 सूत्री का हो जाएगा गठन- कांग्रेस
बीस सूत्री के गठन में किसी भी तरह के पेंच फंसने की संभावनाओं को भी नकारते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम कहते हैं कि झामुमो और कांग्रेस ने 20 सूत्री को लेकर एक कमिटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को दे दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलने के चलते कुछ देर हो रही है, पर 10 दिन के अंदर 20 सूत्री के गठन और फिर बोर्ड निगम पर भी फैसला हो जाएगा.
बड़े फैसले लेने में वक्त लगता है- झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जल्द 20 सूत्री के गठन हो जाने की बात कहीं साथ में यह भी कहा कि बड़े फैसले लेने में वक्त लगता है, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि बोर्ड निगम हो या 20 सूत्री, जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी के फार्मूले से ही 20 सूत्री और बोर्ड निगम पर फैसला होगा.
भले ही महागठबंधन के तीनों दल बोर्ड निगम और 20 सूत्री को लेकर सबकुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहे हों पर यह भी साफ है कि जितना दावा ये दल आपसी तालमेल का कर रहे हैं, वास्तव में उतना है नहीं और न ही 20 सूत्री और बोर्ड निगम पर फैसला करना पार्टियों के लिए आसान है. क्योंकि पहले तीनों दलों में और फिर इन दलों के अंदर भी हक और अधिकार की मांग करने वालों की कमी नहीं है.