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नए भवन में जल्द शिफ्ट होगा जनजातीय भाषा विभाग, विवि प्रशासन युद्धस्तर पर कर रहा कार्य - रांची विश्वविद्यालय का जनजातीय भाषा विभाग

आरयू के जनजातीय भाषा विभाग को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसे लेकर विश्वविद्यालय का भवन निर्माण विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. पुराने भवन को व्यवस्थित करने को लेकर प्रक्रियाएं तेज की गईं हैं. शिक्षण संस्थाएं खुलने के बाद नए भवन में जनजातीय भाषा विभाग संचालित होंगी.

RU tribal language department
जनजातीय भाषा विभाग का नया भवन
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Published : Jul 4, 2020, 5:02 PM IST

रांचीः कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के समय का सदुपयोग रांची विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है. फिलहाल विद्यार्थियों की अनुपस्थिति में जनजातीय भाषा विभाग को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. शिक्षण संस्थाएं खुलने के बाद नए भवन में जनजातीय भाषा विभाग संचालित होगा.


रांची विश्वविद्यालय की एक महत्वकांक्षी योजना के तहत जनजातीय भाषा विभाग के भवन को जल्द ही नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसे लेकर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. पुराने भवन को व्यवस्थित करने को लेकर प्रक्रियाएं तेज की गईं हैं, हालांकि विश्वविद्यालय इस विभाग को बेहतरीन तरीके से व्यवस्थित करने को लेकर हमेशा प्रयासरत रहता है. एक वर्ष पहले ही जनजातीय भाषा विभाग के ठीक बगल में नया भवन भी बनकर तैयार है.

नए भवन में कई काम बाकी
इस भवन में अभी भी कई काम बाकी हैं. इस वजह से जनजातीय भाषा विभाग के 9 विषयों के लिए अलग-अलग विभाग तैयार नहीं किया जा सके हैं. इस ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोरोना महामारी के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए भवन को व्यवस्थित तरीके से बनवाया जा रहा है. पुराने भवन को भी तोड़कर नए रूप में ढालने की कोशिश की जा रही है.

बंद हैं शिक्षण संस्थाएं
कोरोना वायरस के मद्देनजर फिलहाल तमाम शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. इसी कड़ी में जनजातीय भाषा विभाग में भी पठन पाठन नहीं हो रहा है. इसका फायदा उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन पुराने भवन को तोड़कर नए सिरे से बना रहा है. नए भवन को भी व्यवस्थित कर उसमें 9 भाषाओं के लिए अलग-अलग विभाग तैयार कर उनमें शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- कोरोना खौफः राजधानी में की गई 22 हजार टेस्टिंग, फिलहाल 49 एक्टिव केस


वर्ष 2017 में हुआ था शिलान्यास
30 दिसंबर वर्ष 2017 में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था. 2 वर्ष में यह भवन बनकर तैयार भी हो चुका है, लेकिन अभी भी भवन में कई कमियां हैं. इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए फिलहाल विश्वविद्यालय प्रबंधन जुटा है.

राज्यपाल के निर्देश के बाद विवि ने दिखाई तेजी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर कुलपति रमेश कुमार पांडे ने जनजातीय भाषा विभाग को बेहतर तरीके से तैयार करने की कोशिश एक बार फिर शुरू की है. शिक्षण संस्थाएं लॉकडाउन के बाद खोले जाने के बाद विद्यार्थी नए भवन में क्लास करेंगे. इसे लेकर तमाम तरह की तैयारियां मुकम्मल कर ली गईं हैं.

बता दें कि रांची विश्वविद्यालय का जनजातीय भाषा विभाग खास विभाग है. इस विभाग में झारखंड के 9 जनजातीय भाषाओं का पठन पाठन होता है. इसके अलावा रिसर्च के साथ-साथ जनजातीय भाषा से जुड़ी तमाम गतिविधियां इसी विभाग से संचालित होती हैं. बरसों से एक छोटे भवन में यह विभाग संचालित हो रहा था, लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अब यह विभाग नए रूप और नए भवन में संचालित होगा. इसे लेकर कई तरह की डिजिटल व्यवस्था भी की जा रही है.

रांचीः कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के समय का सदुपयोग रांची विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है. फिलहाल विद्यार्थियों की अनुपस्थिति में जनजातीय भाषा विभाग को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. शिक्षण संस्थाएं खुलने के बाद नए भवन में जनजातीय भाषा विभाग संचालित होगा.


रांची विश्वविद्यालय की एक महत्वकांक्षी योजना के तहत जनजातीय भाषा विभाग के भवन को जल्द ही नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसे लेकर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. पुराने भवन को व्यवस्थित करने को लेकर प्रक्रियाएं तेज की गईं हैं, हालांकि विश्वविद्यालय इस विभाग को बेहतरीन तरीके से व्यवस्थित करने को लेकर हमेशा प्रयासरत रहता है. एक वर्ष पहले ही जनजातीय भाषा विभाग के ठीक बगल में नया भवन भी बनकर तैयार है.

नए भवन में कई काम बाकी
इस भवन में अभी भी कई काम बाकी हैं. इस वजह से जनजातीय भाषा विभाग के 9 विषयों के लिए अलग-अलग विभाग तैयार नहीं किया जा सके हैं. इस ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोरोना महामारी के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए भवन को व्यवस्थित तरीके से बनवाया जा रहा है. पुराने भवन को भी तोड़कर नए रूप में ढालने की कोशिश की जा रही है.

बंद हैं शिक्षण संस्थाएं
कोरोना वायरस के मद्देनजर फिलहाल तमाम शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. इसी कड़ी में जनजातीय भाषा विभाग में भी पठन पाठन नहीं हो रहा है. इसका फायदा उठाते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन पुराने भवन को तोड़कर नए सिरे से बना रहा है. नए भवन को भी व्यवस्थित कर उसमें 9 भाषाओं के लिए अलग-अलग विभाग तैयार कर उनमें शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है.

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वर्ष 2017 में हुआ था शिलान्यास
30 दिसंबर वर्ष 2017 में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था. 2 वर्ष में यह भवन बनकर तैयार भी हो चुका है, लेकिन अभी भी भवन में कई कमियां हैं. इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए फिलहाल विश्वविद्यालय प्रबंधन जुटा है.

राज्यपाल के निर्देश के बाद विवि ने दिखाई तेजी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर कुलपति रमेश कुमार पांडे ने जनजातीय भाषा विभाग को बेहतर तरीके से तैयार करने की कोशिश एक बार फिर शुरू की है. शिक्षण संस्थाएं लॉकडाउन के बाद खोले जाने के बाद विद्यार्थी नए भवन में क्लास करेंगे. इसे लेकर तमाम तरह की तैयारियां मुकम्मल कर ली गईं हैं.

बता दें कि रांची विश्वविद्यालय का जनजातीय भाषा विभाग खास विभाग है. इस विभाग में झारखंड के 9 जनजातीय भाषाओं का पठन पाठन होता है. इसके अलावा रिसर्च के साथ-साथ जनजातीय भाषा से जुड़ी तमाम गतिविधियां इसी विभाग से संचालित होती हैं. बरसों से एक छोटे भवन में यह विभाग संचालित हो रहा था, लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अब यह विभाग नए रूप और नए भवन में संचालित होगा. इसे लेकर कई तरह की डिजिटल व्यवस्था भी की जा रही है.

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