रांची: आरयू की अनुबंध शिक्षकों की हालत इस कोरोना काल में दयनीय हो गई है. कई महीने से शिक्षकों को विश्वविद्यालय की ओर से मानदेय नहीं दिया गया है. आर्थिक तंगी के कारण अब यह शिक्षक कई तरह के काम कर रहे हैं. एक शिक्षक तो घर चलाने के लिए राजमिस्त्री का0 काम कर रहा है.
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दरअसल, रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. शुरुआती दौर में उन्हें समय पर मानदेय दिया गया लेकिन इस कोरोना काल में इनको सही समय पर मानदेय नहीं दिया जाता है. मामले को लेकर लगातार शिक्षकों की ओर से ओर से आवाज उठाई गई है. मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक को मामले से अवगत कराया गया लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
चिन्हित कुछ शिक्षकों को दी गई है बकाया राशि
विश्वविद्यालय के वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ शिक्षकों को एडवांस की कुछ रकम भी दिए ई है लेकिन जिनका बकाया 1 लाख रुपये से ऊपर है. ऐसे शिक्षकों को ही चिन्हित कर कुछ पैसे दिए गए हैं. अनुबंध शिक्षक संघ की मानें तो 1 साल से अधिक समय से मानदेय का भुगतान सही तरीके से हुआ ही नहीं है. पीजी विभागों में कार्यरत इन अनुबंध शिक्षकों को लगातार मानदेय को लेकर टाला जा रहा है.
कोरोना काल में बढ़ी परेशानी
इस कोरोना काल में परेशानियां और बढ़ गई है. कई शिक्षक तो दिहाड़ी मजदूरी करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं. बच्चों की फीस भरने के अलावा घर चलाने के लिए ऐसे शिक्षक राजमिस्त्री का काम करने को मजबूर है. वहीं कुछ शिक्षकों ने तो सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. रांची विश्वविद्यालय के पीजी विभाग के अनुबंध शिक्षक बिंदेश्वर साहू इन दिनों राजमिस्त्री का काम कर रहे हैं. उनकी एक फोटो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि वह राजमिस्त्री का काम कर रहे हैं. इस मामले को लेकर जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि घर चलाने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है. रांची विश्वविद्यालय की ओर से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है .इस वजह से यह स्थिति हुई है.
वित्त कमेटी की होगी बैठक
हालांकि रांची विश्वविद्यालय के वित्त कमेटी की बैठक आयोजित होने वाली है. जिसमें अनुबंध शिक्षकों और गेस्ट फैकल्टी के मानदेय भुगतान से संबंधित प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा. कुछ पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से भी इस बैठक में जुड़ेंगे. इन शिक्षकों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि यह शिक्षक आर्थिक तंगी के कारण भुखमरी की कगार पर है.