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रिनपास निदेशक पर गैर इरादतन हत्या का केस होगा दर्ज, कोर्ट ने दिया आदेश

रिनपास की निदेशक डॉ जयति सिलमई पर गैर इरादतन हत्या के मामले में केस दर्ज किया जाएगा. इस साल मार्च से उनकी गाड़ी से टक्कर लगने के बाद एक विक्षिप्त महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत के बाद डॉक्टर जयति ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी.

fir against rinpass director dr jayati simlai
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Published : Aug 2, 2022, 11:06 PM IST

रांची: गैरइरातन हत्या के आरोप में रिनपास की निदेशक डॉ. जयति सिमलई के खिलाफ कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. रांची निचली अदालत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को शिकायतवाद की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है. डॉक्टर जयति पर हादसे के बारे में पुलिस को सही सूचना नहीं देने और गुमराह करने का आरोप है.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रिनपास में किया वृक्षारोपण, पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प

यह प्राथमिकी भादवि की धारा 304ए, 420, 467, 468,471, 279, 182 एवं 193 के तहत की जाएगी. डॉ. जयति सिमलई पर उनके कार से धक्का लगने पर विक्षिप्त महिला की मौत के बाद पुलिस को गुमराह करने का आरोप है. इस घटना के 45 दिनों बाद विक्षिप्त महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत के तीन महीने बाद झामुमो के पूर्व महासचिव सोनू तिर्की उर्फ सोनू मुंडा ने सीजेएम कोर्ट में 19 जुलाई 2022 को कोर्ट केस किया. इसी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्राथमिकी में तब्दील करने का आदेश दिया. ताकि मामले की जांच सही तरीके हो सके.

मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में डॉ. जयति सिमलाई की कार से धक्का लगने पर एक विक्षिप्त महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. जिसका इलाज रिम्स में 45 दिनों तक चला. लेकिन वह बच नहीं पाई. 14 अप्रैल को इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले पर पर्दा डालने के लिए उस समय जयति सिमलई ने कहा था कि विक्षिप्त महिला करंज के पेड़ से गिरने जख्मी हो गई थी. इस मामले को लेकर तत्कालीन निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन ने डॉक्टर को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था. जिसका जवाब डॉ. जयति सिमलई दिया था. डॉ. सुभाष सोरेन मामले में आगे की कार्रवाई करते, इसके पहले ही उन्हें निदेशक पद से हटा दिया और उनकी जगह जयति सिमलई को निदेशक बना दिया गया.

रांची: गैरइरातन हत्या के आरोप में रिनपास की निदेशक डॉ. जयति सिमलई के खिलाफ कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. रांची निचली अदालत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को शिकायतवाद की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है. डॉक्टर जयति पर हादसे के बारे में पुलिस को सही सूचना नहीं देने और गुमराह करने का आरोप है.

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यह प्राथमिकी भादवि की धारा 304ए, 420, 467, 468,471, 279, 182 एवं 193 के तहत की जाएगी. डॉ. जयति सिमलई पर उनके कार से धक्का लगने पर विक्षिप्त महिला की मौत के बाद पुलिस को गुमराह करने का आरोप है. इस घटना के 45 दिनों बाद विक्षिप्त महिला की मौत हो गई थी. महिला की मौत के तीन महीने बाद झामुमो के पूर्व महासचिव सोनू तिर्की उर्फ सोनू मुंडा ने सीजेएम कोर्ट में 19 जुलाई 2022 को कोर्ट केस किया. इसी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्राथमिकी में तब्दील करने का आदेश दिया. ताकि मामले की जांच सही तरीके हो सके.

मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में डॉ. जयति सिमलाई की कार से धक्का लगने पर एक विक्षिप्त महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. जिसका इलाज रिम्स में 45 दिनों तक चला. लेकिन वह बच नहीं पाई. 14 अप्रैल को इलाज के दौरान मौत हो गई. मामले पर पर्दा डालने के लिए उस समय जयति सिमलई ने कहा था कि विक्षिप्त महिला करंज के पेड़ से गिरने जख्मी हो गई थी. इस मामले को लेकर तत्कालीन निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन ने डॉक्टर को शो कॉज नोटिस जारी किया गया था. जिसका जवाब डॉ. जयति सिमलई दिया था. डॉ. सुभाष सोरेन मामले में आगे की कार्रवाई करते, इसके पहले ही उन्हें निदेशक पद से हटा दिया और उनकी जगह जयति सिमलई को निदेशक बना दिया गया.

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