रांचीः पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची सिविल कोर्ट ने मारपीट और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से मुक्त कर बरी कर दिया है. जबकि इस मामले में कोर्ट ने दो लोगों को दोषी पाया है. जिनको कोर्ट ने फटकार लगाते हुए छोड़ दिया.
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केरेडारी थाना कांड संख्या 04/2011 के मामले में पूर्व मंत्री को राहत मिली है. रांची जिला कोर्ट ने योगेंद्र साव को तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजबल्लभ सिंह से मारपीट के तमाम आरोपों से मुक्त कर दिया है. अपर न्यायायुक्त-VII विशाल श्रीवास्तव की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम हुई. पूर्व मंत्री की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने पैरवी और आखिरी बहस की. जिसके बाद कोर्ट ने पूर्व मंत्री को मारपीट के मामले में निर्दोष पाते हुए तमाम आरोपों से मुक्त कर रिहा करने का आदेश दिया.
मारपीट और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के इसी मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दो लोगों को दोषी पाया. लेकिन कोर्ट ने दोनों आरोपियों को कड़ी फटकार लगाने के बाद दोनों को छोड़ने का आदेश दिया है. तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजबल्लभ सिंह ने अपनी शिकायत में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के साथ खिरोधर साव और जोगेंद्र साव का नाम भी दर्ज कराया था.
साल 2011 का है मामला
ये पूरा मामला GR 585/18 केरेडारी थाना कांड संख्या 04/2011 से जुड़ा है. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, खिरोधर और जोगेंद्र साव पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और मारपीट करने को लेकर तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजबल्लभ सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था.