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रांची: रामेश्वर उरांव ने की केंद्र सरकार से मांग, मनरेगा की मजदूरी दर में करें इजाफा - मनरेगा में मजदूरी दर में वृद्धि

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शनिवार को कहा है कि केंद्र सरकार को झारखंड के मनरेगा मजदूरों के लिए मजदूरी दर में बढ़ोतरी पर विचार करना चाहिए. कई राज्यों में मनरेगा मजदूरी दर 300 रुपये तक है, लेकिन झारखंड में मात्र 194 रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा है. यह झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य के साथ अन्याय है.

increase wage rate in the MNREGA in ranchi
रामेश्वर उरांव ने की केंद्र सरकार से मांग
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Published : Oct 18, 2020, 3:35 AM IST

Updated : Oct 18, 2020, 3:55 AM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शनिवार को कहा है कि केंद्र सरकार को झारखंड के मनरेगा मजदूरों के लिए मजदूरी दर में बढ़ोतरी पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में अभी कंस्ट्रक्शन कार्य में तेजी नहीं आ पायी है. झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में मनरेगा योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. लॉकडाउन और बारिश के मौसम में भी रोजाना करीब 7 से 10 लाख मानव दिवस सृजन की कोशिश की गयी, लेकिन जिस तरह से पूरे देश में महंगाई बढ़ी रोजगार के अवसर में कमी आयी. इसके मद्देनजर मनरेगा की मजदूरी दर में बढ़ोतरी जरूरी है.

उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों में मनरेगा मजदूरी दर 300 रुपये तक है, लेकिन झारखंड में मात्र 194 रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा है. यह झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार के निर्देश पर आरबीआई के माध्यम से डीवीसी का बकाया 1,417 करोड़ रुपये राज्य सरकार के खाते से अलोकतांत्रित तरीके से काट लिया जाता है. वहीं, जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि और केंद्रीय उपक्रमों का बकाया हजारों करोड़ रुपये का भुगतान सालों से लंबित है.

ये भी पढ़ें- दुर्गा पूजा के बाद बिहार जाएंगे सरयू राय, कहा- ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे नीतीश कुमार को नुकसान हो

ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलने से विकास कार्य प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये के बावजूद झारखंड सरकार ने अपने संसाधनों के माध्यम से कोरोना काल में हर गरीब और जरूरतमंद परिवार तक अनाज उपलब्ध कराने का काम किया. साथ ही विभिन्न ग्रामीण विकास और मनरेगा योजनाओं से रोजगार भी उपलब्ध कराया.


रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने शनिवार को कहा है कि केंद्र सरकार को झारखंड के मनरेगा मजदूरों के लिए मजदूरी दर में बढ़ोतरी पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में अभी कंस्ट्रक्शन कार्य में तेजी नहीं आ पायी है. झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में मनरेगा योजनाओं से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. लॉकडाउन और बारिश के मौसम में भी रोजाना करीब 7 से 10 लाख मानव दिवस सृजन की कोशिश की गयी, लेकिन जिस तरह से पूरे देश में महंगाई बढ़ी रोजगार के अवसर में कमी आयी. इसके मद्देनजर मनरेगा की मजदूरी दर में बढ़ोतरी जरूरी है.

उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों में मनरेगा मजदूरी दर 300 रुपये तक है, लेकिन झारखंड में मात्र 194 रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा है. यह झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार के निर्देश पर आरबीआई के माध्यम से डीवीसी का बकाया 1,417 करोड़ रुपये राज्य सरकार के खाते से अलोकतांत्रित तरीके से काट लिया जाता है. वहीं, जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि और केंद्रीय उपक्रमों का बकाया हजारों करोड़ रुपये का भुगतान सालों से लंबित है.

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ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलने से विकास कार्य प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये के बावजूद झारखंड सरकार ने अपने संसाधनों के माध्यम से कोरोना काल में हर गरीब और जरूरतमंद परिवार तक अनाज उपलब्ध कराने का काम किया. साथ ही विभिन्न ग्रामीण विकास और मनरेगा योजनाओं से रोजगार भी उपलब्ध कराया.


Last Updated : Oct 18, 2020, 3:55 AM IST
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