दुमकाः जिला में आभूषण व्यवसायी संजय राणा हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. हत्या के मामले में व्यापारी पिता-पुत्र और पिस्टल के साथ तीन कुख्यात अपराधी गिरफ्तार हुए हैं. इनसे पूछताछ में कत्ल के चौंकाने वाले राज का पता चला.
दुमका पुलिस ने एक माह पूर्व 28 दिसंबर को संजय राणा नामक एक आभूषण व्यवसाय हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. संजय की हत्या कर अपराधियों ने तीन लाख से अधिक के आभूषण और नगदी लूट लिए थे.
एसपी ने गठित की थी एसआईटी
दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार के द्वारा गठित एसआइटी ने 28 दिसंबर को मसलिया के आश्रम मोड़ तीन लाख के जेवरात और 15 हजार रुपया लूटने के बाद स्वर्ण व्यवसायी संजय राणा की गोली मारकर हत्या करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. मंगलवार को पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है. जेल जाने वालों में मृतक संजय राणा का पड़ोसी दुकानदार राजेश वर्मा, उसके पिता रामचंद्र वर्मा के साथ तीन शातिर अपराधी मेहबूब अंसारी, साकिर अंसारी उर्फ फौदारी और नौशाद अंसारी शामिल हैं.
ये तीनों अपराधी जामताड़ा जिला के रहने वाले हैं जबकि राजेश का भाई मुकेश वर्मा और एक अपराधी अभी भी फरार है. रामचंद्र वर्मा ने ही जामताड़ा के इन अपराधियों को संजय को लूटने की सुपारी दी थी. लेकिन मृतक संजय के द्वारा लूट का विरोध करने पर अपराधियों ने उस पर गोली चला दी. जामताड़ा के इन तीनों अपराधियों पर कई थाना में लूट के मामले दर्ज है. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल बाइक, पिस्टल, लूटे गए जेवरात और पांच जिंदा गोली बरामद की है.
व्यवसाय प्रभावित होने की डर से दी थी सुपारी
मंगलवार की शाम पुलिस सभागार में एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि संजय राणा पहले अपने गांव में सोने चांदी का काम करता था. धनतेरस के समय उसने आश्रम मोड़ में दुकान खोल ली थी. उसकी दुकान के पास मुकेश वर्मा की भी सोने चांदी की दुकान थी. संजय की दुकान की वजह से मुकेश का व्यवसाय प्रभावित होने लगा था. उसने यह बात फतेहपुर में रहने वाले अपने पिता रामचंद्र वर्मा को बताई.
रामचंद्र का जामताड़ा के कुछ अपराधियों से जान पहचान थी. उसने लूटपाट की कई वारदात में शामिल मेहबूब अंसारी से संपर्क किया और संजय को डराने की सुपारी दी. मेहबूब से कहा कि वह संजय से लूटपाट करें लूट में कुछ मिलेगा, उसके अलावा वह भी कुछ पैसा देगा. लूटपाट से संजय डर जाएगा और यहां से अपनी दुकान हटा लेगा. इसके बाद बेटे का व्यवसाय फिर से तेजी पकड़ लेगा.
विरोध करने वजह से मारी थी गोली
दुमका एसपी ने बताया कि 28 दिसंबर को मेहबूब अपने तीन साथियों के साथ आश्रम मोड़ आया और संजय की दुकान बंद होने का इंतजार करने लगा. शाम करीब सात बजे संजय दुकान बंद करने के बाद तीन लाख के जेवरात और 15 हजार रुपया लेकर बाइक से अपने घर गोलबंधा लौट रहा था. तीनों अपराधी सुनसान जगह पर उसके आने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही संजय वहां पर आया तो तीनों ने रोकने का इशारा किया. बाइक से उतरने के बाद संजय और अपराधियों में धक्का मुक्की होने लगी. इस विरोध को देखते हुए अपराधियों ने उसे गोली मार दी. घायल को तुरंत दुमका मेडिकल कॉलेज लाया गया फिर दुर्गापुर रेफर कर दिया गया, उसी रात में ही उसकी दुर्गापुर में मौत हो गई.
सुपारी लेने वाले तीनाें शातिर
एसपी ने बताया कि संजय की हत्या में शामिल सभी अपराधी शातिर हैं. इन लोगों का काम हथियार के बल पर लूटपाट करना है. अपराधी मेहबूब के खिलाफ बिंधापाथर, मधुपुर, चितरा, सारठ, देवघर नगर और पालाजोरी थाना में सात मामले दर्ज हैं. वहीं साकिर अंसारी पर नारायणपुर, करमाटांड, पालोजोरी व मार्गोमुंडा पर छह और नौशाद अंसारी पर पालोजोरी, सारण, जामताड़ा, नारायणपुर, चितरा, मधुपुर, करों और करमाटांड़ में 11 मामले दर्ज हैं.
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