रांचीः झारखंड की राजनीति में अलग-थलग पड़ चुकी वामपंथी पार्टी सीपीएम ने अपनी जड़ मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. पार्टी ने 12 अक्टूबर को तमाड़ में जनसभा करने का फैसला किया है. इस जनसभा को पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृ़ंदा करात संबोधित करेंगी.
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झारखंड सीपीएम के नेताओं ने बताया कि यह जनसभा जमीन के आनलाइन रिकार्ड में हुई गड़बड़ी को दुरुस्त करने, वन अधिकार कानून के तहत आदिवासियों और दूसरे गरीबों को जमीन का पट्टा देने में प्रशासन की उदासीनता, खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सभी को राशन देने और मनरेगा के तहत रोजगार का दायरा बढाने को लेकर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक माह से तमाड़, बुंडू और अड़की प्रखंड में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि जनसभा में अधिक से अधिक लोग जुटे.
12 अक्टूबर को जनसभा आयोजित किया जा रहा है. इस जनसभा में पूर्व सांसद वृंदा करात के अलावा ओडिशा के विधायक और किसान नेता लक्ष्मण मुंडा के साथ साथ पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव संबोधित करेंगे. बता दें कि झारखंड विधानसभा में सीपीएम के एक भी विधायक नहीं है. सिर्फ भाकपा माले के एक विधायक हैं. झारखंड की राजनीति में हाशिये पर रहने के सवाल पर वृंदा करात कहती है कि उनकी पार्टी सत्ता में रहने के लिए राजनीति नहीं करती है. उनका कहना है कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है. इसके बावजूद यहां के आदिवासियों को वन अधिकार कानून के तहत वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है. गरीबों को खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उनको हक दिलाना उनका काम है. इसके लिए आवाज उठाने में पार्टी विश्वास करती है.