रांची: साल 2016 में टीजीटी (trained graduate teacher) एग्जाम पास किए अभ्यर्थियों को सरकार अभी तक नियुक्ति नहीं दे पाई है. जिससे अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है. नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य भर के 11 गैर अनुसूचित जिले के सभी टीजीटी अभ्यर्थी प्रोजेक्ट भवन के सामने धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं. अभ्यर्थी अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट भवन के सामने रात के समय में भी कनकनी ठंड में धरने पर बैठे रहे.
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अभ्यर्थी अफताब आलम ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2018 और 2020 में रिजल्ट जारी कर 25% सीटों पर सीधी नियुक्ति के लिए चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करवा लिया है. अंतिम परीक्षा फल का प्रकाशन होने ही वाला था कि राज्य सरकार के कार्मिक विभाग के द्वारा नियुक्ति पर रोक लगा दी गई. जो की पूरी तरह निराधार है. वहीं नीलम सरोज लकड़ा ने बताया कि अपनी नियुक्ति के लिए पिछली बार भी अभ्यर्थी 27 दिनों तक धरना दे चुके हैं. उसके बावजूद भी सरकार ने उनकी मांग को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. जिसके बाद फिर से सभी अभ्यर्थी अपने हक की मांग को लेकर प्रोजेक्ट भवन के सामने धरने पर बैठे हैं. उन्हें उम्मीद है कि शायद सरकार उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप दें.
टीजीटी के सफल अभ्यर्थियों की सरकार से अपील
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि 11 गैर अनुसूचित जिला के सफल अभ्यर्थियों को रोजगार दे. सरकार साल 2021 को नियुक्ति वर्ष के रूप में मना रही है. लेकिन सरकारी परीक्षा पास किए लोगों को वर्षों से नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया है.