रांचीः राज्य के सभी मत्स्य कृषक जो मछली पालन को रोजगार के रूप में अपनाना चाहते हैं, उनके लिए भारत सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नई योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ कर दिया गया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन और उत्पादकता में गुणात्मक अभिवृद्धि मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए नवीकरण तकनीकी सहायता आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का विकास आधुनिकरण और सुदृढ़ीकरण करने के लिए सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है.
मत्स्य निदेशक एचएम द्विवेदी ने बताया कि मतस्य पालकों के लिए राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं और इसी के तहत मतस्य पालकों की आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इस वर्ष शुरू की गई है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस वर्ष से किसी भी समय केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की राशि विभाग को भेज दी जाएगी.
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साथ ही उन्होंने बताया कि इच्छुक मत्स्य पालक 2021-22 के लिए भी आवेदन जमा कर सकते हैं, उन्होंने बताया कि एससी-एसटी और महिलाओं के लिए सहायता इकाई लागत का कुल 60 % अनुदान दिया जा रहा है. वहीं अन्य कोटि के लिए सहायता लागत की इकाई का कुल 40% अनुदान दिया जा रहा है.
भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत क्षेत्र की नई योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की सौगात मत्स्य पालन के लिए लायी है. इस योजना के तहत प्रस्तावित कार्य विस्तृत विवरण, इकाई लागत और योजना के लिए और आवश्यक मापदंडों की विस्तृत विवरण के लिए मत्स्य निदेशालय झारखंड सरकार के रांची वेबसाइट www.jharkhandfisheries.org पर उपलब्ध है. इसके अलावा भारत सरकार मात्स्यिकी पशुपालन और गव्य विकास मंत्रालय के बेवसाइट (www.dof.gov.in) पर PMMSY guidelines के रूप में उपलब्ध है. विशेष जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक अपने जिला के जिला मत्स्य कार्यालय से भी संपर्क कर पूरी जानकारी दे सकते हैं.