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Inspire Award: पिछले सत्र में चौथे स्थान पर था झारखंड, जानें इस बार क्या है विभाग का लक्ष्य

देश के सभी राज्यों के स्कूलों में कक्षा 6 से दसवीं तक पढ़ने वाले छात्रों को जिला स्तर पर 10 हजार, राज्य स्तर पर 1000 विचारों का चयन कर प्रोत्साहन राशि और विदेश यात्रा भेजने के लिए इंस्पायर अवार्ड मानक योजना लागू किया गया है. पिछले साल झारखंड इसमें चौथे नंबर पर था. इस वर्ष भी शिक्षा विभाग की ओर से और बेहतर करने के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है.

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Published : Oct 8, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 3:23 PM IST

रांचीः विद्यार्थियों में सृजनशीलता और रचनात्मक सोच बढ़ाने के उद्देश्य से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना को शुरू किया गया है. जो विद्यार्थियों के नए-नए विचारों के प्रोत्साहन के लिए एक बेहतर योजना साबित हो रहा है. इस बार भी शिक्षा विभाग का इसके तहत पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर करने का लक्ष्य रखा है.

इसे भी पढ़ें- इंस्पायर अवार्ड के लिए झारखंड के विद्यार्थियों की भागीदारी, 38,273 विद्यार्थियों का हुआ रजिस्ट्रेशन

शिक्षा विभाग का क्या है लक्ष्य
प्रत्येक सत्र में इसे लेकर भारत सरकार की ओर से आवेदन मांगे जाते हैं. इसी कड़ी में इस सत्र में झारखंड के विद्यार्थी बेहतर करें, इसका लक्ष्य शिक्षा विभाग ने रखा है. फिलहाल इंस्पायर अवार्ड मानक के तहत 2 तरीके की प्रक्रिया चल रही है. पहले चरण में 2020-21 में पूरे झारखंड से 1180 मॉडल चयनित किया गया था. झारखंड के लिए अभी तक फाइनल अपलोडिंग 925 हो चुका है अभी-भी 225 बच्चों का मॉडल अपलोड करना बाकी है, शत-प्रतिशत बच्चों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द हो इसी दिशा में शिक्षा विभाग काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

पिछले सत्र में 38 हजार से ऊपर नॉमिनेशन सिर्फ झारखंड से गया था. जो पूरे देश में चौथा स्थान पर था और उसी के अनुरूप 180 प्रोजेक्ट का सलेक्शन हुआ था. इसका फायदा यहां के विद्यार्थियों को पिछले सत्र में मिला है. दूसरे चरण में सत्र 2021-22 के लिए नया नॉमिनेशन हो रहा है. जिसका 15 अक्टूबर को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. इस सत्र में अब तक 8610 नॉमिनेशन हो चुका है, फिलहाल नॉमिनेशन की प्रक्रिया चल रही है. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

शिक्षा विभाग ने उम्मीद जतायी है कि पिछले साल की तुलना में इस बार विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर होगा और नॉमिनेशन के मामले में भी देश के अन्य राज्यों के साथ खड़ा होगा. 2020-21 सत्र में कोरोना महामारी के बावजूद विद्यार्थियों का प्रदर्शन इसमें बेहतर रहा है. इस बार का लक्ष्य है कि पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ा जाए. इसकी पूरी जानकारी दक्षिणी छोटानागपुर के शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग में साझा की है.

इसे भी पढ़ें- धनबाद: इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम का आयोजन, 7 जिलों के स्कूली बच्चों ने लिया भाग

क्या है योजना
देश के सभी मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 6 से 10 वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए इंस्पायर अवॉर्ड माणक योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन भारत सरकार की ओर से मांगा जाता है. केंद्र सरकार की इस योजना से जोड़ने के लिए चयनित सभी विद्यार्थियों के बैंक खातों में 10-10 हजार डीबीटी के जरिए जमा कराए जाते हैं. चयनीत छात्रों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक के ईएमआईएएस पोर्टल पर लॉगइन कर उपलब्ध कराई जाती है.

इस योजना में जिला स्तर पर 10 हजार और राज्य स्तर 1 हजार विचारों का चयन किया जाता है. उन राष्ट्रीय स्तर पर चयनित मॉडल को राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शित किया जाता है. जहां उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कृत भी करते हैं. जो युवा वैज्ञानिक राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होते हैं उन्हें नकद पुरस्कार और चुनिंदा बच्चों को विदेश यात्रा भी करवाया जाता है.

रांचीः विद्यार्थियों में सृजनशीलता और रचनात्मक सोच बढ़ाने के उद्देश्य से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना को शुरू किया गया है. जो विद्यार्थियों के नए-नए विचारों के प्रोत्साहन के लिए एक बेहतर योजना साबित हो रहा है. इस बार भी शिक्षा विभाग का इसके तहत पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर करने का लक्ष्य रखा है.

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शिक्षा विभाग का क्या है लक्ष्य
प्रत्येक सत्र में इसे लेकर भारत सरकार की ओर से आवेदन मांगे जाते हैं. इसी कड़ी में इस सत्र में झारखंड के विद्यार्थी बेहतर करें, इसका लक्ष्य शिक्षा विभाग ने रखा है. फिलहाल इंस्पायर अवार्ड मानक के तहत 2 तरीके की प्रक्रिया चल रही है. पहले चरण में 2020-21 में पूरे झारखंड से 1180 मॉडल चयनित किया गया था. झारखंड के लिए अभी तक फाइनल अपलोडिंग 925 हो चुका है अभी-भी 225 बच्चों का मॉडल अपलोड करना बाकी है, शत-प्रतिशत बच्चों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द हो इसी दिशा में शिक्षा विभाग काम कर रही है.

देखें पूरी खबर

पिछले सत्र में 38 हजार से ऊपर नॉमिनेशन सिर्फ झारखंड से गया था. जो पूरे देश में चौथा स्थान पर था और उसी के अनुरूप 180 प्रोजेक्ट का सलेक्शन हुआ था. इसका फायदा यहां के विद्यार्थियों को पिछले सत्र में मिला है. दूसरे चरण में सत्र 2021-22 के लिए नया नॉमिनेशन हो रहा है. जिसका 15 अक्टूबर को अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. इस सत्र में अब तक 8610 नॉमिनेशन हो चुका है, फिलहाल नॉमिनेशन की प्रक्रिया चल रही है. इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

शिक्षा विभाग ने उम्मीद जतायी है कि पिछले साल की तुलना में इस बार विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर होगा और नॉमिनेशन के मामले में भी देश के अन्य राज्यों के साथ खड़ा होगा. 2020-21 सत्र में कोरोना महामारी के बावजूद विद्यार्थियों का प्रदर्शन इसमें बेहतर रहा है. इस बार का लक्ष्य है कि पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ा जाए. इसकी पूरी जानकारी दक्षिणी छोटानागपुर के शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलुंग में साझा की है.

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क्या है योजना
देश के सभी मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 6 से 10 वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए इंस्पायर अवॉर्ड माणक योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन भारत सरकार की ओर से मांगा जाता है. केंद्र सरकार की इस योजना से जोड़ने के लिए चयनित सभी विद्यार्थियों के बैंक खातों में 10-10 हजार डीबीटी के जरिए जमा कराए जाते हैं. चयनीत छात्रों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक के ईएमआईएएस पोर्टल पर लॉगइन कर उपलब्ध कराई जाती है.

इस योजना में जिला स्तर पर 10 हजार और राज्य स्तर 1 हजार विचारों का चयन किया जाता है. उन राष्ट्रीय स्तर पर चयनित मॉडल को राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शित किया जाता है. जहां उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कृत भी करते हैं. जो युवा वैज्ञानिक राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होते हैं उन्हें नकद पुरस्कार और चुनिंदा बच्चों को विदेश यात्रा भी करवाया जाता है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 3:23 PM IST
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