रांची: देश में कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी मिलने के साथ ही वैक्सीन को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के आनंद शर्मा, शशि थरूर, जयराम रमेश जैसे वरिष्ठ नेताओं ने वैक्सीन की मंजूरी को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह कार्य जल्दीबाजी में किया गया है, जो खतरनाक साबित हो सकता है जिस पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस नेताओं पर लोगों के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया है. ऐसे में झारखंड प्रदेश में भी सत्ताधारी दल और विपक्ष कोविड-19 वैक्सीन को लेकर आमने-सामने नजर आ रहा है.
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 को लेकर व्यक्तिगत स्तर पर कुछ नेताओं ने अपने विचार साझा किए हैं, जिसे पार्टी देख रही है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने कोई आविष्कार किया है तो इसका देश को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अगर देश के ऊपर किसी निर्णय को लेकर सामने आना है तो सरकार को विपक्ष को भी विश्वास में लेकर काम करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. खासकर जब लोगों के जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षा का मामला है तब विपक्ष को भी विश्वास में लेकर सरकार कदम उठाए तो यह ज्यादा कारगर होता है.
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वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि विरोधी दल होने का मतलब यह नहीं होता है कि हर मुद्दे पर विरोध किया जाए, जिस तरह से कोविड-19 महामारी फैली और देश के अंदर बड़ी संख्या में मौत हुई. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी थी कि इस महामारी से कैसे निजात दिलाई जाए. ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा इजाद किए गए वैक्सीन पर भरोसा करना चाहिए. अगर देश के अविष्कार पर सवाल खड़े किए जाएंगे तो यह घोर अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो लंबे समय से वैक्सीन का इंतजार कर रहे थे. उनके मन में शंका डालने की कोशिश विपक्ष द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहेगा, लेकिन कुछ गंभीर मसलों पर राय बिल्कुल निष्पक्ष होनी चाहिए.