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राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर झारखंड हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, सियासी दलों ने कहा- दोषियों पर कार्रवाई करे सरकार

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Published : Mar 16, 2022, 9:58 AM IST

Updated : Mar 16, 2022, 11:08 AM IST

झारखंड में सीओ, सीआई, और हल्का कर्मचारियों पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद सियासी दल के नेताओं ने भी प्रशासन में भ्रष्टाचार की बात को स्वीकार किया. सभी ने सरकार से इस पर तुरंत लगाम लगाने की मांग की.

झारखंड हाईकोर्ट
राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर झारखंड हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

झारखंड में सीओ, सीआई, और हल्का कर्मचारियों पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के सियासी दलों ने सही ठहराया है. बीजेपी ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद जहां ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे की उगाही का आरोप लगाया. वहीं कांग्रेस और माले विधायक ने कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार से सही कदम उठाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह सिविल कोर्ट मामले पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- जब भवन ही नहीं दे सकते तो क्या बंद कर दें कोर्ट

राज्य में है भ्रष्टाचार का बोलबाला

सत्ताधारी दल के विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों के बीच पैसे कमाने की होड़ मची हुई है. इसलिए माननीय लोगों को अपने क्षेत्र में इंवॉल्व होना चाहिए और सख्ती बरतने की जरूरत है, जो पदाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

देखें वीडियो

कानून व्यवस्था पर सरकार की पकड़ नहीं

वहीं बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि राज्य में शासन व्यवस्था पर सरकार की पकड़ नहीं है. ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल चलता है और अधिकारी करोड़ों रुपये देकर आते हैं. ऐसे में वो भी कमाना चाहते हैं. विधायक ने कहा अधिकारियों पर सरकार का कोई लगाम नहीं है.

अंचल में स्थिति ठीक नहीं

माले विधायक विनोद सिंह की माने तो खासकर अंचल में जमीन के मसलों को लेकर दाखिल खारिज के मामलों को सेवा के अधिकार के तहत तो लाया गया. लेकिन उसके बावजूद जानबूझकर मामले टाले जाते हैं. ऐसी स्थिति हर प्रखंडों में है. सरकार को चाहिए कि अंचल कार्यालय में जो परेशानी है उसे दूर करे और कुछ मामलों में तो कार्रवाई भी करनी चाहिए.

प्रशासन में हर स्तर पर भ्रष्टाचार: वहीं निर्दलीय विधायक अमित सिंह ने प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को इसे जल्द ठीक करने की जरूरत है.

राजस्व विभाग पर तल्ख टिप्पणी

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने भूमि विवाद मामले में अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की थी. कोर्ट ने राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर कहा था कि ऐसा लगता है कि कि सीओ, सीआई और हल्का कर्मचारियों की मनमानी से झारखंड की जनता परेशान है. कोर्ट ने जमाबंदी रद्द करने के मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

झारखंड में सीओ, सीआई, और हल्का कर्मचारियों पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के सियासी दलों ने सही ठहराया है. बीजेपी ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद जहां ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे की उगाही का आरोप लगाया. वहीं कांग्रेस और माले विधायक ने कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार से सही कदम उठाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- गिरिडीह सिविल कोर्ट मामले पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- जब भवन ही नहीं दे सकते तो क्या बंद कर दें कोर्ट

राज्य में है भ्रष्टाचार का बोलबाला

सत्ताधारी दल के विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों के बीच पैसे कमाने की होड़ मची हुई है. इसलिए माननीय लोगों को अपने क्षेत्र में इंवॉल्व होना चाहिए और सख्ती बरतने की जरूरत है, जो पदाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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कानून व्यवस्था पर सरकार की पकड़ नहीं

वहीं बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि राज्य में शासन व्यवस्था पर सरकार की पकड़ नहीं है. ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल चलता है और अधिकारी करोड़ों रुपये देकर आते हैं. ऐसे में वो भी कमाना चाहते हैं. विधायक ने कहा अधिकारियों पर सरकार का कोई लगाम नहीं है.

अंचल में स्थिति ठीक नहीं

माले विधायक विनोद सिंह की माने तो खासकर अंचल में जमीन के मसलों को लेकर दाखिल खारिज के मामलों को सेवा के अधिकार के तहत तो लाया गया. लेकिन उसके बावजूद जानबूझकर मामले टाले जाते हैं. ऐसी स्थिति हर प्रखंडों में है. सरकार को चाहिए कि अंचल कार्यालय में जो परेशानी है उसे दूर करे और कुछ मामलों में तो कार्रवाई भी करनी चाहिए.

प्रशासन में हर स्तर पर भ्रष्टाचार: वहीं निर्दलीय विधायक अमित सिंह ने प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को इसे जल्द ठीक करने की जरूरत है.

राजस्व विभाग पर तल्ख टिप्पणी

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने भूमि विवाद मामले में अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की थी. कोर्ट ने राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर कहा था कि ऐसा लगता है कि कि सीओ, सीआई और हल्का कर्मचारियों की मनमानी से झारखंड की जनता परेशान है. कोर्ट ने जमाबंदी रद्द करने के मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

Last Updated : Mar 16, 2022, 11:08 AM IST
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