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PLFI सुप्रीमो का दावा वीरेंद्र प्रधान से संगठन ने नहीं मांगी 2 करोड़ की रंगदारी, धमकी देने वाले की तलाश में जुटा संगठन

लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से दो करोड़ रुपए कि रंगदारी मांगे जाने वाले मामले में नया मोड़ आ गया है. पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रंगदारी मांगे जाने वाले मामले से अपना पल्ला झाड़ा है. दिनेश गोप ने यह भी लिखा है कि उनके संगठन के नाम पर जिस शख्स के द्वारा वीरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई है उसकी जांच संगठन भी करवा रहा है.

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वीरेंद्र प्रधान से संगठन ने नहीं मांगी 2 करोड़ की रंगदारी
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Published : Dec 5, 2020, 6:20 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 10:52 PM IST

रांची: झारखंड लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से दो करोड़ रुपए कि रंगदारी मांगे जाने वाले मामले में नया मोड़ आ गया है. पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रंगदारी मांगे जाने वाले मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए लिखा है कि संगठन ने वीरेंद्र प्रधान से किसी तरह की रंगदारी की मांग नहीं की है.

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पीएलएफआई की प्रेस विज्ञप्ति

संगठन भी कर रहा जांच

प्रेस विज्ञप्ति में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने यह भी लिखा है कि उनके संगठन के नाम पर जिस शख्स के द्वारा वीरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई है उसकी जांच संगठन भी करवा रहा है. प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हाल के दिनों में आईएमए के सेक्रेटरी शंभू प्रसाद से भी संगठन ने रंगदारी की डिमांड नहीं की थी और जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ उस मामले में भी कई लोग पुलिस के द्वारा पकड़े गए थे, जिनका संगठन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था.

क्या है मामला

गौरतलब है कि वीरेंद्र प्रधान के तुपुदाना स्थित बंद पड़ी फैक्ट्री के गेट पर पर्चा साट धमकी देते हुए लिखा गया था कि संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया. तुमने इस पर ध्यान नहीं दिया. तुमने पुलिस को खबर किया. देखता हूं पुलिस कितने दिन तुम्हें बचाती है. अब संगठन की ओर से तुम्हें मौत का फरमान सुनाया गया है. अब संगठन की ओर से फौजी कार्रवाई की जाएगी. इस पोस्टर में भी निवेदक के रूप में विशाल जी का नाम लिखा गया है. इस पोस्टरबाजी के बाद विरेंद्र प्रधान दहशत में आ गए. उन्होंने इसकी सूचना तुपुदाना ओपी पुलिस को दी. तुपुदाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की. पोस्टर जब्त कर लिया. मामले में विरेंद्र प्रधान के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.

लगातार मिल रही शहर के कारोबारियों को धमकी

दरअसल, हाल के दिनों में शहर के कई कारोबारियों को पीएलएफआई के नाम पर धमकी भरे फोन आ रहे है. इनमें से अधिकांश धमकी संगठन के तरफ से ही दी गई थी, लेकिन संगठन के एक्टिव होकर रंगदारी मांगे जाने का फायदा कुछ अपराधिक गुट भी उठा रहे हैं और वे भी पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांग रहे हैं. पिछले महीने आईएमए के सेक्रेटरी डॉक्टर शंभू प्रसाद से भी पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी, लेकिन जांच के दौरान मामले में पीएलएफआई की संधि पता नहीं मिली और इस मामले में चार युवक धर दबोचे गए जो नक्सली संगठन के नाम पर रंगदारी मांगते थे.

जांच में जुटी है पुलिस

वहीं, दूसरी तरफ रांची पुलिस वीरेंद्र प्रधान को मिले धमकी को लेकर बेहद संजीदा है और धमकी देने वाली की तलाश में जुटी हुई है. हालांकि, पुलिस ने इस बात का अभी तक खंडन भी नहीं किया है कि धमकी पीएलएफआई के द्वारा मांगी गई है जांच के बाद ही पूरे मामले में जानकारी देने की बात रांची पुलिस के द्वारा कहा गया है.

रांची: झारखंड लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से दो करोड़ रुपए कि रंगदारी मांगे जाने वाले मामले में नया मोड़ आ गया है. पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रंगदारी मांगे जाने वाले मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए लिखा है कि संगठन ने वीरेंद्र प्रधान से किसी तरह की रंगदारी की मांग नहीं की है.

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पीएलएफआई की प्रेस विज्ञप्ति

संगठन भी कर रहा जांच

प्रेस विज्ञप्ति में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने यह भी लिखा है कि उनके संगठन के नाम पर जिस शख्स के द्वारा वीरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई है उसकी जांच संगठन भी करवा रहा है. प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हाल के दिनों में आईएमए के सेक्रेटरी शंभू प्रसाद से भी संगठन ने रंगदारी की डिमांड नहीं की थी और जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ उस मामले में भी कई लोग पुलिस के द्वारा पकड़े गए थे, जिनका संगठन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था.

क्या है मामला

गौरतलब है कि वीरेंद्र प्रधान के तुपुदाना स्थित बंद पड़ी फैक्ट्री के गेट पर पर्चा साट धमकी देते हुए लिखा गया था कि संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया. तुमने इस पर ध्यान नहीं दिया. तुमने पुलिस को खबर किया. देखता हूं पुलिस कितने दिन तुम्हें बचाती है. अब संगठन की ओर से तुम्हें मौत का फरमान सुनाया गया है. अब संगठन की ओर से फौजी कार्रवाई की जाएगी. इस पोस्टर में भी निवेदक के रूप में विशाल जी का नाम लिखा गया है. इस पोस्टरबाजी के बाद विरेंद्र प्रधान दहशत में आ गए. उन्होंने इसकी सूचना तुपुदाना ओपी पुलिस को दी. तुपुदाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की. पोस्टर जब्त कर लिया. मामले में विरेंद्र प्रधान के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.

लगातार मिल रही शहर के कारोबारियों को धमकी

दरअसल, हाल के दिनों में शहर के कई कारोबारियों को पीएलएफआई के नाम पर धमकी भरे फोन आ रहे है. इनमें से अधिकांश धमकी संगठन के तरफ से ही दी गई थी, लेकिन संगठन के एक्टिव होकर रंगदारी मांगे जाने का फायदा कुछ अपराधिक गुट भी उठा रहे हैं और वे भी पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांग रहे हैं. पिछले महीने आईएमए के सेक्रेटरी डॉक्टर शंभू प्रसाद से भी पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी, लेकिन जांच के दौरान मामले में पीएलएफआई की संधि पता नहीं मिली और इस मामले में चार युवक धर दबोचे गए जो नक्सली संगठन के नाम पर रंगदारी मांगते थे.

जांच में जुटी है पुलिस

वहीं, दूसरी तरफ रांची पुलिस वीरेंद्र प्रधान को मिले धमकी को लेकर बेहद संजीदा है और धमकी देने वाली की तलाश में जुटी हुई है. हालांकि, पुलिस ने इस बात का अभी तक खंडन भी नहीं किया है कि धमकी पीएलएफआई के द्वारा मांगी गई है जांच के बाद ही पूरे मामले में जानकारी देने की बात रांची पुलिस के द्वारा कहा गया है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 10:52 PM IST
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