रांची: झारखंड सहित देश भर में लॉकडाउन 2.0 की शुरुआत हो चुकी है. विपदा के इस घड़ी में लोगों को खाने-पीने और स्वास्थ संबंधी जरूरतें पूरी करने की कोशिश प्रशासन कर रही है! लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों की निजी परेशानियां काफी बढ़ गई हैं. खासकर बाइक और बिजली उपकरणों की रिपेयरिंग का काम नहीं हो पा रहा है.
गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में लोगों के घरों से लगातार पंखा, एसी और कूलर जैसी इलेक्ट्रोनिक सामानों की खराब होने की सूचनाएं आ रही है, लेकिन मैकेनिक उपलब्ध नहीं होने से लोग परेशान हैं. लॉकडाउन में बाइक रिपेयरिंग और बिजली उपकरणों की मरम्मत आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं है, इसलिए इनके सर्विस सेंटर भी नहीं खुल रहे हैं. इन स्थितियों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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रांची के कचहरी इलाके में रहने वाले रमेश बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह से उनकी कार का एक पहिया पंचर हो रखा है. अब उनका घर से निकलना ही मुश्किल हो गया है. काफी दूर तक पैदल जाकर सब्जियां और घर का सामान लाना पड़ता हैं. इससे काफी दिक्कतें हो रही हैं.
कोकर की रहने वाली महिला श्वेता बताती हैं कि हाल के दिनों में कई बार उनके घर का इनवर्टर खराब हो गया. बीजली की स्थिति भी ठीक नहीं है इस कारण बच्चे सो नहीं पाते हैं. इसके अलावे किचन के जरूरी सामान भी खराब होते रहते हैं. इस कारण काम मैनुअल तरीके से करने में काफी दिक्कत होती है.
कोरोना का खौफ, मैकेनिक लॉक
राजधानी रांची में कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बना हिंदपीढी इलाका भले ही आज कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सील है. लेकिन यह इलाका मैकेनिक और टेक्नीशियन को लेकर काफी नामी भी है. रांची के अधिकांश सर्विस सेंटर में काम करने वाले टेक्नीशियन और मैकेनिक इसी इलाके से आते हैं. अब चुकी हिंदपीढ़ी इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है तो ऐसे में सभी टेक्नीशियन और मैकेनिक अपने घरों में ही कैद हैं.
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रांची के कडरू स्थित सैमसंग सर्विस सेंटर में काम करने वाले इमरान ईटीवी भारत के रांची कार्यालय के पास स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में अक्सर आते हैं. इमरान से उनके हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की तरफ से उन्हें कॉल किया गया ताकि उनके हालात के बारे में कैमरे के सामने पूछा जाये, तो इमरान ने बताया कि वह हिंदपीढ़ी में पिछले 20 दिनों से अपने घर में ही रह रहे हैं.
मैकेनिक इमरान का नंबर कई लोगों के पास हैं वो उन्हें कॉल कर अपने घर बुलाकर इलेक्ट्र्रॉनिक सामान ठीक कराना चाहते हैं, लेकिन हिंदपीढ़ी इलाका पूरी तरह से सील है इसलिए एहतियातन भी वह कहीं निकल नहीं रहे हैं.
छोटे उपकरण खुद बना रहे लोग
रांची के मोरहाबादी के रहने वाले हितेश खासे परेशान हैं. दरअसल उनके अपार्टमेंट की लिफ्ट खराब हो गई है. अब उन्हें चौथे तल्ले तक जाने के लिए सीढ़ियों का प्रयोग करना पड़ता है. हितेश बताते हैं कि अब वे धीरे-धीरे अपने घर के इलेक्ट्रॉनिक सामानों को बनाना सीख रहे हैं. कई खराब इलेक्ट्रॉनिक सामानों को तो उन्होंने खुद ही बना लिया लेकिन लिफ्ट बनाने में वे असफल हो गए.
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कोरोना वायरस का डर लोगों के मन में इस कदर है कि वह गुपचुप तरीके से भी मैकेनिक को अपने घर नहीं बुला रहे हैं. लोगों के मन में यह आशंका है कि कहीं अगर मैकेनिक ही संक्रमित निकला तो फिर यह रोग सभी को फैल जाएगा. इसलिए खौफ की वजह से उन्हें नहीं बुला रहे हैं. कचहरी इलाके के रहने वाले रवि तो बेहद परेशान है. रवि के अनुसार घर का आयरन से लेकर कई उपकरण खराब हो गए हैं.
रोस्टर में दुकानें खोली जाए
रांची के कुछ लोगों ने यह भी बताया कि अगर आयरन या फिर इनवर्टर खराब होता है तो थोड़ी देर के लिए कष्ट झेला जा सकता है. लेकिन कई जगह पर पानी मोटर ही खराब हो गया है. लोग खुद से मोटर खोलकर बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन मोटर बनता नहीं है. शहर भर में दर्जनों लोग टीवी फ्रिज कूलर समेत अन्य बिजली के उपकरण के रिपेयरिंग के लिए परेशान है. राजधानी के कुछ लोगों का मानना है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और रोस्टर के अनुसार दुकानें खुलनी चाहिए. लोगों के अनुसार हर इलाके में अलग-अलग दिन रिपेयरिंग की दुकानें खुलनी चाहिए ताकि लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिल सके.