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सर्दी का सितम: रात 10 बजे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Jan 4, 2020, 11:48 AM IST

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को बढ़ती ठंड में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हजारीबाग में ठंड पड़ने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अस्पताल के पास प्रयाप्त मात्रा में कंबल भी नहीं हैं.

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अस्पताल में ठंड से बढ़ी परेशानी

हजारीबाग: जिले में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान में भारी गिरावट दर्ज किया गया है. ऐसे में हजारीबाग के लोगों का कहना है कि पुराने तमाम रिकॉर्ड ठंड ने तोड़ दिए हैं. ऐसे में हर एक आम और खास परेशान है. लेकिन सबसे अधिक किसी को परेशानी हो रही है तो वह है हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को. जिसका जायजा लिया हमारे संवाददाता गौरव प्रकाश ने.

देखें पूरी खबर

ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं
हजारीबाग में ठंड पड़ने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल होने के कारण हजारीबाग और उसके आसपास के इलाकों से भी मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं है.

जायजा लेते संवाददाता गौरव प्रकाश

ये भी पढ़ें- अवैध संबंध के शक में ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, महिला और युवक को पेड़ से बांधकर पीटा

ठंड में ठिठुरने को मजबूर
आलम यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने 7 से 8 कंबल मात्र हर एक वार्ड में दिए हैं. जबकि वार्डों में 30 से अधिक बेड हैं और सभी बेड फुल हैं. ऐसे में मरीजों को कंबल नहीं मिल पा रही है और उन्हें खुद से ही इंतजाम करना पड़ रहा है. दूरदराज इलाके से पहुंचे मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वे किसी तरह अपने मरीजों को तो गर्म कपड़ा मुहैया करा रहे हैं, लेकिन खुद ही ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- सीआरपीएफ-पुलिस विवाद के बीच CRPF आईजी ने संभाला पदभार, कहा- नहीं है कोई विवाद

अस्पताल प्रबंधन से उम्मीद
मेडिकल कॉलेज में ब्लोअर नाम की चीज भी नहीं है. जिसके कारण भी परिसर ठंडा है. ऐसे में मरीज के परिजनों ने भी जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से यह उम्मीद जताया है कि ठंड को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि इस ठंड से राहत मिल सके.

हजारीबाग: जिले में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान में भारी गिरावट दर्ज किया गया है. ऐसे में हजारीबाग के लोगों का कहना है कि पुराने तमाम रिकॉर्ड ठंड ने तोड़ दिए हैं. ऐसे में हर एक आम और खास परेशान है. लेकिन सबसे अधिक किसी को परेशानी हो रही है तो वह है हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को. जिसका जायजा लिया हमारे संवाददाता गौरव प्रकाश ने.

देखें पूरी खबर

ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं
हजारीबाग में ठंड पड़ने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल होने के कारण हजारीबाग और उसके आसपास के इलाकों से भी मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं है.

जायजा लेते संवाददाता गौरव प्रकाश

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ठंड में ठिठुरने को मजबूर
आलम यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने 7 से 8 कंबल मात्र हर एक वार्ड में दिए हैं. जबकि वार्डों में 30 से अधिक बेड हैं और सभी बेड फुल हैं. ऐसे में मरीजों को कंबल नहीं मिल पा रही है और उन्हें खुद से ही इंतजाम करना पड़ रहा है. दूरदराज इलाके से पहुंचे मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वे किसी तरह अपने मरीजों को तो गर्म कपड़ा मुहैया करा रहे हैं, लेकिन खुद ही ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं.

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अस्पताल प्रबंधन से उम्मीद
मेडिकल कॉलेज में ब्लोअर नाम की चीज भी नहीं है. जिसके कारण भी परिसर ठंडा है. ऐसे में मरीज के परिजनों ने भी जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से यह उम्मीद जताया है कि ठंड को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि इस ठंड से राहत मिल सके.

Intro:हजारीबाग में पिछले 1 सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है ।तापमान में भारी गिरावट दर्ज किया गया है ।ऐसे में हजारीबाग के लोगों का कहना है कि पुराने तमाम रिकॉर्ड ठंड ने तोड़ दिए हैं। ऐसे में हर एक आमो व खास परेशान है ।लेकिन सबसे अधिक किसी को परेशानी हो रही है तो वह है हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को। जिस का जायजा लिया हमारे संवाददाता गौरव प्रकाश ने....


Body:हजारीबाग मे ठंड पड़ने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल होने के कारण हजारीबाग और उसके आसपास के इलाकों से भी मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं ।लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं है। आलम यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने 7 से 8 कंबल मात्र हर एक वार्ड में दिया है। जबकि वार्डों में 30 से अधिक बेड हैं। सभी बेड पर मरीज भर्ती हैं ।ऐसे में मरीजों को कंबल नहीं मिल पा रही है और उन्हें खुद से ही इंतजाम करना पड़ रहा है। दूरदराज इलाके से पहुंचे मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना कर रहा है ।वे किसी तरह अपने मरीजों को तो गरम कपड़ा मुहैया करा रहे हैं लेकिन खुद ही ठंडा में बैठने को मजबूर हैं ।आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज में ब्लोअर नाम की चीज भी नहीं है ।जिसके कारण भी परिसर ठंडा है । कांच का खिड़की होने के कारण ठंड और भी अधिक लगती है। ऐसे में मरीज के परिजनों ने भी जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से यह उम्मीद जताया है कि ठंड को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए ताकि ठंड से राहत मिल सके।

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रात के 10:00 बजे ग्राउंड रिपोर्टिंग किया हमारे संवाददाता गौरव प्रकाश ने.....

w k t ....gaurav prakash


Conclusion:अब यह देखने वाली बात होगी कि कब मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की नींद खुलती है और वह ठंड को लेकर मरीज और उनके परिजनों के लिए व्यवस्था करते हैं।
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