रांची: केंद्र सरकार की ओर से जारी स्कूल खोलने के दिशा-निर्देश को लेकर झारखंड अभिभावक मंच ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अभिभावक मंच की मानें तो फिलहाल जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि थोड़ा इंतजार करने के बाद अगर यह निर्णय लिया जाता है तो विद्यार्थियों के लिए और अभिभावकों के लिए भी सही रहेगा. हालांकि, राज्य सरकार कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए अपने स्तर पर निर्णय लेगी. इसे लेकर सरकार स्वतंत्र है. इसके बावजूद अभिभावकों से बीना राय लिए स्कूल खोलना सही नहीं होगा.
5 महीने से स्कूल-कॉलेज बंद
कोरोना महामारी के कारण लगभग 5 महीने से तमाम स्कूल-कॉलेज शिक्षण संस्थान बंद हैं. मार्च महीने से ही बंद चल रहे स्कूल 21 सितंबर से खोले जाने को लेकर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिशा-निर्देश जारी किया गया है. नौवीं से बारहवीं तक विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए विशेष गाइडलाइन दिया गया है. इस मामले को लेकर झारखंड अभिभावक एसोसिएशन की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. एसोसिएशन की मानें तो तमाम पहलुओं को देखने के बाद ही अगर स्कूल खोलें तो बेहतर होगा, नहीं तो बच्चों के लिए यह महामारी जानलेवा साबित हो सकती है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी अपना स्टैंड जल्द क्लियर करें और अभिभावकों से बीना राय लिए स्कूल खोलने के लिए निर्णय न ले. एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने यह भी कहा कि फिलहाल स्कूल नहीं खोले तो बेहतर है, क्योंकि कोरोना महामारी दिन-ब-दिन इस राज्य में विकराल रूप ले रहा है. महामारी की रफ्तार कम होने का इंतजार करना चाहिए.
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21 सितंबर से खोले जा सकते हैं स्कूल
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से पहले ही यह कहा गया है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को देखते हुए 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए विशेष योजना के तहत परामर्श के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी पहले आपदा प्रबंधन विभाग से हरी झंडी मिलेगी तब जाकर ही इस निर्णय पर अमलीजामा पहनाया जाएगा. अन्यथा कोई भी कदम राज्य सरकार हड़बड़ी में नहीं उठाएगी. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है और इस एसओपी के मुताबिक छात्रों पर निर्भर रहेगा की वो स्कूल जाना चाहते हैं या नहीं. स्कूल जाने के लिए उन्हें अपने मां पिता या अभिभावक से एक लिखित मंजूरी लेनी होगी.