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रिम्स में मंगलवार से शुरू हुई ओपीडी, दूरदराज इलाके से इलाज कराने पहुंचे मरीज - रांची रिम्स में ओपीडी सेवा प्रारंभ

रांची रिम्स में लंबे इंतजार के बाद ओपीडी सेवा पुनः शुरू हो गई है. जिससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी. लोहरदगा से इलाज कराने आए एक बुजुर्ग मरीज ने बताया कि पिछले 2 महीने से वह अपने हार्ट को दिखाने के लिए इंतजार कर रहे थे. जैसे ही सूचना मिली कि ओपीडी सेवा की शुरुआत हो गई है, वो तुरंत ही रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों से चिकित्सा परामर्श लेने पहुंच गए.

OPD service started in RIMS from Tuesday in ranchi
रिम्स में मंगलवार से शुरू हुई ओपीडी सेवा
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Published : Jun 15, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 4:49 PM IST

रांची: लगभग 2 महीने के बाद सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मंगलवार से ओपीडी सेवा की शुरुआत कर दी गई. रिम्स के चर्म रोग विभाग, नाक-कान और गला विभाग, न्यूरोलॉजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग, कार्डियोलॉजी विभाग और नेत्र रोग विभाग में मंगलवार को कई चिकित्सक ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज करते नजर आए.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- एम्स में 6-12 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण, ट्रायल आज से

लोहरदगा से ओपीडी में अपना इलाज कराने आए एक बुजुर्ग मरीज ने बताया कि पिछले 2 महीने से वह अपने हार्ट को दिखाने के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन ओपीडी बंद होने के कारण इलाज नहीं करा पा रहे थे. हालांकि जैसे ही सूचना मिली कि ओपीडी सेवा की शुरुआत हो गई है, तो वो तुरंत ही रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों से चिकित्सा परामर्श लेने पहुंच गए.

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पीडियाट्रिक विभाग में पहुंचे मरीज

चांडिल से अपने बच्चे का इलाज कराने आए दीजो कालिंदी बताते हैं कि पिछले 2 महीने से ओपीडी बंद होने की वजह से वह अपने बच्चे का इलाज नहीं करवा पा रहे थे. जैसे ही 15 जून से ओपीडी सेवा की शुरुआत हुई, वह तुरंत ही अपने बच्चे को लेकर रिम्स के पीडियाट्रिक विभाग में दिखाने पहुंच गए.

हर घंटे 10 मरीजों का पंजीकरण

वहीं, नाक कान गला विभाग में अपना कान दिखाने पहुंची रीना कुमारी बताती हैं कि ओपीडी की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन प्रति घंटे 10 मरीजों का ही पंजीयन हो रहा है. इससे आने वाले मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इस व्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है.

2 महीने बाद शुरू हुई ओपीडी

लगभग 2 महीने के बाद ओपीडी शुरू हुई. चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार बताते हैं कि कोरोना काल में मरीजों को चिकित्सा परामर्श नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब ओपीडी सेवा की शुरुआत होने से मरीज पहुंच रहे हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डॉक्टरों की ओर से ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा है.

पहले दिन कम रही मरीजों की संख्या

कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत बनान बताते हैं कि ओपीडी की शुरुआत होते ही मरीज पहुंचने लगे हैं. हालांकि पहले दिन मरीजों की संख्या कम है. इसके बावजूद भी लगभग 100 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए कॉर्डियोलॉजी विभाग में पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि दूसरी लहर में कोरोना के कहर को देखते हुए कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जो पोस्ट कोविड की शिकायत से ग्रसित हैं.

मरीजों को हो रही परेशानी

आंख, कान, गला विभाग के चिकित्सक डॉ संदीप कुमार ने बताया कि पहले दिन मरीजों को थोड़ी समस्या हो रही है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द मरीजों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. ताकि सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ओपीडी में आने वाले मरीज को ज्यादा देर तक इंतजार ना करना पड़े.

रांची: लगभग 2 महीने के बाद सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मंगलवार से ओपीडी सेवा की शुरुआत कर दी गई. रिम्स के चर्म रोग विभाग, नाक-कान और गला विभाग, न्यूरोलॉजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग, कार्डियोलॉजी विभाग और नेत्र रोग विभाग में मंगलवार को कई चिकित्सक ओपीडी में बैठकर मरीजों का इलाज करते नजर आए.

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ये भी पढ़ें- एम्स में 6-12 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण, ट्रायल आज से

लोहरदगा से ओपीडी में अपना इलाज कराने आए एक बुजुर्ग मरीज ने बताया कि पिछले 2 महीने से वह अपने हार्ट को दिखाने के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन ओपीडी बंद होने के कारण इलाज नहीं करा पा रहे थे. हालांकि जैसे ही सूचना मिली कि ओपीडी सेवा की शुरुआत हो गई है, तो वो तुरंत ही रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों से चिकित्सा परामर्श लेने पहुंच गए.

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पीडियाट्रिक विभाग में पहुंचे मरीज

चांडिल से अपने बच्चे का इलाज कराने आए दीजो कालिंदी बताते हैं कि पिछले 2 महीने से ओपीडी बंद होने की वजह से वह अपने बच्चे का इलाज नहीं करवा पा रहे थे. जैसे ही 15 जून से ओपीडी सेवा की शुरुआत हुई, वह तुरंत ही अपने बच्चे को लेकर रिम्स के पीडियाट्रिक विभाग में दिखाने पहुंच गए.

हर घंटे 10 मरीजों का पंजीकरण

वहीं, नाक कान गला विभाग में अपना कान दिखाने पहुंची रीना कुमारी बताती हैं कि ओपीडी की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन प्रति घंटे 10 मरीजों का ही पंजीयन हो रहा है. इससे आने वाले मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इस व्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है.

2 महीने बाद शुरू हुई ओपीडी

लगभग 2 महीने के बाद ओपीडी शुरू हुई. चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार बताते हैं कि कोरोना काल में मरीजों को चिकित्सा परामर्श नहीं मिल पा रहा था, लेकिन अब ओपीडी सेवा की शुरुआत होने से मरीज पहुंच रहे हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डॉक्टरों की ओर से ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा है.

पहले दिन कम रही मरीजों की संख्या

कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत बनान बताते हैं कि ओपीडी की शुरुआत होते ही मरीज पहुंचने लगे हैं. हालांकि पहले दिन मरीजों की संख्या कम है. इसके बावजूद भी लगभग 100 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए कॉर्डियोलॉजी विभाग में पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि दूसरी लहर में कोरोना के कहर को देखते हुए कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जो पोस्ट कोविड की शिकायत से ग्रसित हैं.

मरीजों को हो रही परेशानी

आंख, कान, गला विभाग के चिकित्सक डॉ संदीप कुमार ने बताया कि पहले दिन मरीजों को थोड़ी समस्या हो रही है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द मरीजों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. ताकि सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ओपीडी में आने वाले मरीज को ज्यादा देर तक इंतजार ना करना पड़े.

Last Updated : Jun 15, 2021, 4:49 PM IST
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