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राजधानी में मॉब लिंचिंग! सवालों के घेरे में पुलिस और सदर अस्पताल

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Published : Mar 8, 2021, 11:18 AM IST

Updated : Mar 9, 2021, 6:56 AM IST

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कोतवाली थाने का घेराव

11:07 March 08

राजधानी में मॉब लिंचिंग! पुलिस और सदर अस्पताल सवालों के घेरे में

देखें पूरी खबर

रांची:  राजधानी रांची में एक ऐसी घटना हुई है जिसे मॉब लिंचिंग के साथ-साथ पुलिस और सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, अपर बाजार के नील रतन स्ट्रीट में मोटिया मजदूरों ने चोरी के आरोप में रविवार रात एक युवक सचिन की रस्सी से बांधकर बेरहमी से पिटाई की गई. सोमवार सुबह जब कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो भीड़ से बचाकर युवक को थाने लाया गया.  

ये भी पढ़ें- पुलिस और अस्पताल की लापरवाही से चली गई नौजवान की जान, नाराज परिजनों ने शव को स्ट्रेचर पर गली-गली घुमाया

सोमवार को ही सचिन का जन्मदिन भी था

घायल सचिन की हालत गंभीर थी,  लिहाजा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. सदर अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस आरोपी सचिन को थाने लेकर चली गई. इसके थोड़ी देर बाद ही अचेत हालत में युवक को लेकर फिर पुलिस की एक टीम सदर अस्पताल पहुंची. जहां डॉक्टरों ने सचिन को मृत घोषित कर दिया. सोमवार को ही सचिन का जन्मदिन भी था और वह अपने घर का इकलौता बेटा था. परिजनों का आरोप है कि मोटिया मजदूरों के अलावा पुलिस ने भी थाने में सचिन की जमकर पिटाई की, जिससे उसकी थाने में ही मौत हो गई.

सचिन की मौत से आक्रोशित हुए लोग

सचिन की मौत की खबर मिलते ही परिजनों और मोहल्लेवासियों का आक्रोश फूट पड़ा. भारी संख्या में भीड़ कोतवाली थाने पहुंची और थाने का घेराव कर दिया. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. भीड़ में शामिल लोगों ने खूब हंगामा किया. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. सिटी डीएसपी, सदर डीएसपी, लोअर बाजार थानेदार, लालपुर थानेदार और सुखदेव नगर के थानेदार समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझाने की कोशिश की. सुबह करीब 10 बजे तक परिजन थाने के परिसर में ही जमे रहे और हंगामा करते रहे. जब पुलिस ने भरोसा दिलाया कि घटना में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा तब लोग शांत हुए.  इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा. पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. देर शाम मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया.

सचिन की पिटाई में करीब 40 मजदूर थे शामिल

परिजनों का कहना है कि अपर बाजार से एक 407 ट्रक की रविवार को चोरी हुई थी. चोर की तलाश इलाके के मोटिया मजदूर कर रहे थे. इस दौरान रविवार रात करीब 12 बजे सचिन नील रतन स्ट्रीट की ओर से गुजर रहा था, मोटिया मजदूरों ने सचिन को देखकर पकड़ लिया. इसके बाद 30-40 की संख्या में मजदूरों ने उससे पहले पूछताछ की. इसके बाद मजदूर सचिन को नील रतन स्ट्रीट स्थित एक कमरे में ले गए, जहां उसे रस्सी से बांध दिया. इसके बाद सभी ने लाठी-डंडों और रॉड से पिटाई शुरू कर दी. मजदूर उसे सुबह 6 बजे तक पीटते रहे और ट्रक के बारे में पूछताछ करते रहे. मामले की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अधमरी हालत में सचिन को छुड़ाया और थाने ले आयी. परिजनों का आरोप है कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी उसकी पिटाई की है. हालत गंभीर होने के बाद पुलिस उसे सदर अस्पताल ले गई, जहां इलाज के दौरान सचिन की मौत हो गई.

स्ट्रेचर पर शव लेकर परिजनों ने शहर में घुमाया

सचिन की मौत से परिजन और मोहल्ले के लोग आपा खो चुके थे. एंबुलेंस नहीं मिलने पर सचिन के शव को  स्ट्रेचर पर रखकर सर्जना चौक और सही चौक के रास्ते कोतवाली थाने के सामने लेकर पहुंच गए. काफी देर समझाने के बाद परिजन शांत हुए. तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा जा सका.  

क्या कहना है पुलिस का  

वहीं, इस मामले को लेकर जब रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सचिन की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान में हुई है. अगर इस मामले में किसी पुलिसकर्मी की ओर से लापरवाही बरती गई है, तो जांच के बाद उस पर भी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान हो सके और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का

मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट सब्यसाची मंडल से बात की, तो उन्होंने कहा कि सुबह के वक्त एक बार घायल शख्स का इलाज किया गया था. फिर पुलिस उसको लेकर थाने चली गई. बाद में दोबारा उसे लाया गया, लेकिन जब सदर अस्पताल के डॉक्टर मरीज को देखने पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

इस घटना से उठे कई गंभीर सवाल

एक बात तो साफ है कि चोरी के आरोप में अपर बाजार के मुठिया मजदूरों ने नौजवान सचिन को बेरहमी से पीटा था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गई तो फिर डॉक्टरों ने किस आधार पर दोबारा एक घायल को थाने ले जाने की स्वीकृति दे दी. सवाल यह भी है कि अगर सचिन गंभीर रूप से घायल था तो कोतवाली पुलिस ने अस्पताल में उसकी मुकम्मल तरीके से इलाज की व्यवस्था क्यों नहीं कराई. सवाल यह भी है कि सचिन की मौत हाजत में हुई या फिर थाने से अस्पताल ले जाने के दौरान. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है और आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है.

11:07 March 08

राजधानी में मॉब लिंचिंग! पुलिस और सदर अस्पताल सवालों के घेरे में

देखें पूरी खबर

रांची:  राजधानी रांची में एक ऐसी घटना हुई है जिसे मॉब लिंचिंग के साथ-साथ पुलिस और सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, अपर बाजार के नील रतन स्ट्रीट में मोटिया मजदूरों ने चोरी के आरोप में रविवार रात एक युवक सचिन की रस्सी से बांधकर बेरहमी से पिटाई की गई. सोमवार सुबह जब कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो भीड़ से बचाकर युवक को थाने लाया गया.  

ये भी पढ़ें- पुलिस और अस्पताल की लापरवाही से चली गई नौजवान की जान, नाराज परिजनों ने शव को स्ट्रेचर पर गली-गली घुमाया

सोमवार को ही सचिन का जन्मदिन भी था

घायल सचिन की हालत गंभीर थी,  लिहाजा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. सदर अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस आरोपी सचिन को थाने लेकर चली गई. इसके थोड़ी देर बाद ही अचेत हालत में युवक को लेकर फिर पुलिस की एक टीम सदर अस्पताल पहुंची. जहां डॉक्टरों ने सचिन को मृत घोषित कर दिया. सोमवार को ही सचिन का जन्मदिन भी था और वह अपने घर का इकलौता बेटा था. परिजनों का आरोप है कि मोटिया मजदूरों के अलावा पुलिस ने भी थाने में सचिन की जमकर पिटाई की, जिससे उसकी थाने में ही मौत हो गई.

सचिन की मौत से आक्रोशित हुए लोग

सचिन की मौत की खबर मिलते ही परिजनों और मोहल्लेवासियों का आक्रोश फूट पड़ा. भारी संख्या में भीड़ कोतवाली थाने पहुंची और थाने का घेराव कर दिया. इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. भीड़ में शामिल लोगों ने खूब हंगामा किया. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. सिटी डीएसपी, सदर डीएसपी, लोअर बाजार थानेदार, लालपुर थानेदार और सुखदेव नगर के थानेदार समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझाने की कोशिश की. सुबह करीब 10 बजे तक परिजन थाने के परिसर में ही जमे रहे और हंगामा करते रहे. जब पुलिस ने भरोसा दिलाया कि घटना में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा तब लोग शांत हुए.  इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा. पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. देर शाम मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया.

सचिन की पिटाई में करीब 40 मजदूर थे शामिल

परिजनों का कहना है कि अपर बाजार से एक 407 ट्रक की रविवार को चोरी हुई थी. चोर की तलाश इलाके के मोटिया मजदूर कर रहे थे. इस दौरान रविवार रात करीब 12 बजे सचिन नील रतन स्ट्रीट की ओर से गुजर रहा था, मोटिया मजदूरों ने सचिन को देखकर पकड़ लिया. इसके बाद 30-40 की संख्या में मजदूरों ने उससे पहले पूछताछ की. इसके बाद मजदूर सचिन को नील रतन स्ट्रीट स्थित एक कमरे में ले गए, जहां उसे रस्सी से बांध दिया. इसके बाद सभी ने लाठी-डंडों और रॉड से पिटाई शुरू कर दी. मजदूर उसे सुबह 6 बजे तक पीटते रहे और ट्रक के बारे में पूछताछ करते रहे. मामले की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अधमरी हालत में सचिन को छुड़ाया और थाने ले आयी. परिजनों का आरोप है कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी उसकी पिटाई की है. हालत गंभीर होने के बाद पुलिस उसे सदर अस्पताल ले गई, जहां इलाज के दौरान सचिन की मौत हो गई.

स्ट्रेचर पर शव लेकर परिजनों ने शहर में घुमाया

सचिन की मौत से परिजन और मोहल्ले के लोग आपा खो चुके थे. एंबुलेंस नहीं मिलने पर सचिन के शव को  स्ट्रेचर पर रखकर सर्जना चौक और सही चौक के रास्ते कोतवाली थाने के सामने लेकर पहुंच गए. काफी देर समझाने के बाद परिजन शांत हुए. तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा जा सका.  

क्या कहना है पुलिस का  

वहीं, इस मामले को लेकर जब रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सचिन की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान में हुई है. अगर इस मामले में किसी पुलिसकर्मी की ओर से लापरवाही बरती गई है, तो जांच के बाद उस पर भी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान हो सके और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का

मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट सब्यसाची मंडल से बात की, तो उन्होंने कहा कि सुबह के वक्त एक बार घायल शख्स का इलाज किया गया था. फिर पुलिस उसको लेकर थाने चली गई. बाद में दोबारा उसे लाया गया, लेकिन जब सदर अस्पताल के डॉक्टर मरीज को देखने पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

इस घटना से उठे कई गंभीर सवाल

एक बात तो साफ है कि चोरी के आरोप में अपर बाजार के मुठिया मजदूरों ने नौजवान सचिन को बेरहमी से पीटा था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गई तो फिर डॉक्टरों ने किस आधार पर दोबारा एक घायल को थाने ले जाने की स्वीकृति दे दी. सवाल यह भी है कि अगर सचिन गंभीर रूप से घायल था तो कोतवाली पुलिस ने अस्पताल में उसकी मुकम्मल तरीके से इलाज की व्यवस्था क्यों नहीं कराई. सवाल यह भी है कि सचिन की मौत हाजत में हुई या फिर थाने से अस्पताल ले जाने के दौरान. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है और आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है.

Last Updated : Mar 9, 2021, 6:56 AM IST
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