रांची: राज्य में जिस तरह से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से बेड कम पड़ रहे हैं. राजधानी रांची की बात करें तो निजी और सरकारी अस्पताल मिलाकर लगभग दो हजार से ज्यादा बेड तैयार किए गए हैं. राजधानी के रिम्स अस्पताल में 252 से बढ़ाकर बेड की संख्या 300 कर दी गई है. लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या से प्रशासन काफी परेशान है.
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60 वेंटीलेटर्स में आधे वेंटीलेटर बंद
सरकारी अस्पताल की बात करें तो रिम्स में मात्र 30 वेंटिलेटर ही हैं, जो कोरोना मरीजों के लिए उपयोग किए जा रहे हैं. सदर अस्पताल की बात करें तो वहां पर 60 वेंटीलेटर का इंतजाम है. लेकिन आधे से ज्यादा उपयोग में नहीं लाए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में वेंटिलेटर तो है लेकिन यहां काम करने वाले टेक्नीशियन नहीं हैं. 60 वेंटीलेटर में आधे वेंटीलेटर बंद पड़े हैं. क्योंकि उन्हें चलाने वाला कोई कर्मचारी नहीं है. हाई फ्लो मशीन(एचएफएम), नॉन विजिबल वेंटीलेटर(एनआईवी), वेंटिलेटर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी बढ़ते मरीजों के सामने चरमराती दिख रही है.
मैन पावर की कमी
डॉ देवेश बताते हैं कि संक्रमण के बढ़ते फैलाव में रिम्स के भी कई स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं. इसीलिए मैन पावर की बहुत कमी है. इस कारण भी मरीजों के इलाज में परेशानी आ रही है. रांची में फिलहाल छह हजार मरीज कोरोना से संक्रमित हैं. लगभग हजार मरीज को कभी भी वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में मात्र 146 वेंटीलेटर है. आंकड़े को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि बढ़ते मरीजों के इलाज के लिए सरकारी और निजी स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है. इसलिए लोगों को काफी परेशानियां हो रही है.
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बेड की संख्या बढ़ाकर 500 की जाएगी
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि जल्द से जल्द बेड की संख्या को बढ़ाकर 500 तक कर दिया जाएगा. रिम्स के कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ देवेश कुमार बताते हैं कि मरीजों की जिस तरह से संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि बेड की संख्या बढ़ा दी जाएगी.
रांची सदर अस्पताल में भी बेड की संख्या 180 से बढ़ाई जाएगी ताकि अधिक से अधिक मरीजों की भर्ती की जा सके. कोरोना के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए 146 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा नॉर्मल बेड, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू बेड की व्यवस्था बढ़ाई गई है.