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पासपोर्ट और नकद बरामदगी मामले में चार दिन बाद भी FIR दर्ज नहीं, IT और पासपोर्ट कार्यालय से केस करवाने के इंतजार में पुलिस - रांची में नकद और पासपोर्ट बरामदगी मामला

रांची में जब्त किए गए नकद और पासपोर्ट के मामले में चार दिनों बाद भी जग्गनाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस इस इंतजार में बैठी है कि इनकम टैक्स की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी या पासपोर्ट कार्यालय केस कराएगी.

passport and cash recovery case in ranchi
जग्गनाथपुर थाना
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Published : Oct 16, 2020, 1:37 AM IST

रांची: बिरसा चौक से जब्त किए गए नकद और पासपोर्ट के मामले में पुलिस का हर दिन ढुलमूल रवैया सामने आ रहा है. मामला सामने आने के चार दिनों बाद भी जग्गनाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस इस इंतजार में बैठी है कि इनकम टैक्स की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी या पासपोर्ट कार्यालय केस कराएगी.

नहीं निकला कोई नतीजा

अब तक पुलिस किसी नतीजे तक भी नहीं पहुंच पाई है. किस स्तर पर गड़बड़ी-फर्जीवाड़ा हुआ या कोई गड़बड़ी ही नहीं हुई. यह पुलिस तय नहीं कर पा रही है, जबकि पिछले चार दिनों से नकद और पासपोर्ट के साथ पकड़े गए राजेश प्रसाद को थाने में ही रखा गया है. उसके साथ कई ठिकानों पर छापेमारी भी की गई, लेकिन नतीजा सिफर है. इधर, गुरुवार को पुलिस पूरे दिन जब्त किए गए 1360 पासपोर्ट की सूची तैयार करती रही. सूची तैयार कर संबंधित पासपोर्ट धारकाें से संपर्क किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि संबंधित पासपोर्ट धारकों तक पुलिस पासपोर्ट पहुंचाने का काम करेगी. इसके लिए पासपोर्ट कार्यालय से संपर्क किया जाएगा या खुद पुलिस करेगी. इस पर निर्णय नहीं लिया जा सका है.

ये भी पढ़ें: 6 साल पहले मिला था नक्सलियों का बंकर, एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित 7 पर अभियोजन की अनुशंसा

अब तक नहीं पकड़ा गया है सरगना

इस मामले का सरगना माना जा रहा राजेश सिंह उर्फ शैलेस सिहं जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है. वह पुलिस के सामने भी नहीं आ रहा है. बीते बुधवार को क्लब रोड के सिटी रोड स्थित राजेश सिंह के प्लेसमेंट एजेंसी गोल्डन इंटरप्राइजेज कार्यालय में छापेमारी की गई थी. वहां से 35 पासपोर्ट एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित कई दस्तावेज जब्त किए गए थे. इससे पहले बीते सोमवार को 10.22 लाख रुपये नकद और 1325 पासपोर्ट मिले थे. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर पासपोर्ट और पैसे लिए गए थे. हालांकि, किसी ने ठगी से संबंधित दावा नहीं किया है. किसी ने गलत तरीके से पासपोर्ट रखने की शिकायत भी नहीं की है.

रांची: बिरसा चौक से जब्त किए गए नकद और पासपोर्ट के मामले में पुलिस का हर दिन ढुलमूल रवैया सामने आ रहा है. मामला सामने आने के चार दिनों बाद भी जग्गनाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस इस इंतजार में बैठी है कि इनकम टैक्स की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी या पासपोर्ट कार्यालय केस कराएगी.

नहीं निकला कोई नतीजा

अब तक पुलिस किसी नतीजे तक भी नहीं पहुंच पाई है. किस स्तर पर गड़बड़ी-फर्जीवाड़ा हुआ या कोई गड़बड़ी ही नहीं हुई. यह पुलिस तय नहीं कर पा रही है, जबकि पिछले चार दिनों से नकद और पासपोर्ट के साथ पकड़े गए राजेश प्रसाद को थाने में ही रखा गया है. उसके साथ कई ठिकानों पर छापेमारी भी की गई, लेकिन नतीजा सिफर है. इधर, गुरुवार को पुलिस पूरे दिन जब्त किए गए 1360 पासपोर्ट की सूची तैयार करती रही. सूची तैयार कर संबंधित पासपोर्ट धारकाें से संपर्क किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि संबंधित पासपोर्ट धारकों तक पुलिस पासपोर्ट पहुंचाने का काम करेगी. इसके लिए पासपोर्ट कार्यालय से संपर्क किया जाएगा या खुद पुलिस करेगी. इस पर निर्णय नहीं लिया जा सका है.

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अब तक नहीं पकड़ा गया है सरगना

इस मामले का सरगना माना जा रहा राजेश सिंह उर्फ शैलेस सिहं जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है. वह पुलिस के सामने भी नहीं आ रहा है. बीते बुधवार को क्लब रोड के सिटी रोड स्थित राजेश सिंह के प्लेसमेंट एजेंसी गोल्डन इंटरप्राइजेज कार्यालय में छापेमारी की गई थी. वहां से 35 पासपोर्ट एजेंसी के प्रमाण पत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप सहित कई दस्तावेज जब्त किए गए थे. इससे पहले बीते सोमवार को 10.22 लाख रुपये नकद और 1325 पासपोर्ट मिले थे. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर पासपोर्ट और पैसे लिए गए थे. हालांकि, किसी ने ठगी से संबंधित दावा नहीं किया है. किसी ने गलत तरीके से पासपोर्ट रखने की शिकायत भी नहीं की है.

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