रांची: झारखंड के निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए नई दरें तय की गई हैं. अब कोई भी निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन अधिकतम 12 हजार रुपए ही ले सकेंगे. इससे पहले अगस्त महीने में अधिकतम राशि 18 हजार रुपए तय की गई थी.
इलाज की दर तय करने के लिए सरकार ने राज्य के सभी जिलों को पहले ही तीन कैटेगरी में बांट रखा है. इसके अनुसार ए कैटेगरी में चार जिले रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद और बोकारो हैं. बी कैटेगरी में 6 जिले हजारीबाग, पलामू, देवघर, सराकेला, रामगढ़ और गिरिडीह हैं. सी कैटेगरी में चतरा, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहेबगंज, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जिले हैं.
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निजी अस्पतालों की कैटेगरी
निजी अस्पतालों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. एक है नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर यानी एनएबीएच और दूसरा है गैर मान्यता प्राप्त एनएबीएच. ए कैटेगरी वाले जिलों के मरीज अगर एनएबीएच अस्पताल में भर्ती होते हैं और मॉडरेट पाए जाते हैं तो उन्हें प्रतिदिन अधिकतम 8 हजार रुपए देने होंगे. पहले ये दर 10 हजार रुपए थी. इसी तरह सीवियर इलनेस पर 15 हजार के बजाए अब 10 हजार रुपए देने होंगे और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 18 हजार के बजाए अब 12 हजार रुपए ही देने होंगे.
बी कैटेगरी वाले जिलों के मरीज अगर एनएबीएच अस्पताल में भर्ती होते हैं और मॉडरेट पाए जाते हैं तो उन्हें प्रतिदिन अधिकतम 7 हजार रुपए देने होंगे. सीवियर इलनेस पर 8500 रुपए देने होंगे और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 11 हजार रुपए देने होंगे.
सी कैटेगरी वाले जिलों के मरीज अगर एनएबीएच अस्पताल में भर्ती होते हैं और मॉडरेट पाए जाते हैं तो उन्हें प्रतिदिन अधिकतम 6 हजार रुपए देने होंगे. सीवियर इलनेस पर 8000 रुपए देने होंगे और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 10500 रुपए देने होंगे.
दरअसल, निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के आरोप लग रहे थे. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इलाज की दर फिर से निर्धारित की है. सरकार ने माइल्ड, मॉडरेट और सिवियर कोरोना मरीजों के लिए टेस्ट की लिस्ट भी फिक्स कर दी है.