रांचीः रिम्स का पेइंग वार्ड कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को लेकर काफी चर्चा में रहा है. चारा घोटाला केस में सुनवाई और सजा के दौरान उनका काफी लंबा समय रिम्स के पेइंग वार्ड के पहले तल्ले पर गुजरा है. यहां उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. रिम्स के पेइंग वार्ड का पहले तल्ला एक बार फिर सुर्खियों में है. इस फ्लोर को छावनी में बदल दिया गया है.
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दरअसल, सरायकेला पुलिस ने बीते दिनों एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी उर्फ शीला हांसदा को गिरफ्तार किया था. मंगलवार रात शीला मरांडी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे भारी सुरक्षा के बीच रिम्स लाया गया. यहां इमरजेंसी में इलाज के बाद उसे पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया है. शीला मरांडी को रिम्स में भर्ती कराए जाने के बाद यहां की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है. बिना जांच के किसी को भी पेइंग वार्ड में जाने की इजाजत नहीं है.
प्रवेश से लेकर वार्ड तक जवान तैनात
रिम्स के पेइंग वार्ड के गेट पर ही जवानों का एक दल मुस्तैद है. यहां आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हाईटेक हथियारों से लैस जवान हर किसी की जांच के बाद अंदर आने दे रहे हैं. पहले तल्ले के गलियारे में भी हथियारबंद जवान तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही वार्ड के बाहर भी जवान पहरा दे रहे हैं. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से भी हर गतिविधि की निगरानी की जा रही है.
सुरक्षा की दृष्टि से शीला मरांडीको रिम्स के पेइंग वार्ड के उसी फ्लोर पर रखा गया है, जिस फ्लोर पर पहले लालू प्रसाद को रखा गया था. हालांकि शीला मरांडी का कमरा दूसरा है.
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डॉ बी कुमार की टीम कर रही इलाज
रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि शीला मरांडी को मिर्गी का दौरा आया, जिसके बाद उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है. शीला हांसदा का स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर बना हुआ है. कई तरह की जांच करवाई जा रही है और मेडिसीन के डॉक्टरों ने न्यूरोलॉजी के डॉक्टरों को कॉल किया है.
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माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस के पास ईआरबी के सचिव के तौर पर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के झारखंड के सीमावर्ती इलाके, असम समेत पूर्वोतर के राज्यों का प्रभार था. साल 2004 में एमसीसीआई और पीडब्लूजी के विलय के पहले वह एमसीसीआई का प्रमुख था. विलय के बाद प्रशांत बोस संगठन में सेकंड इन कमांड था. झारखंड में पारसनाथ, सारंडा, ओडिशा और बंगाल के सीमावर्ती इलाके में प्रशांत बोस ने ही संगठन को खड़ा किया था.
भाकपा माओवादियों ने प्रशांत बोस और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत करने की घोषणा की है. इसके साथ ही 15 नवंबर से 19 नवंबर तक प्रतिरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है. गिरफ्तारी से बौखलाए नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.