रांची: झारखंड में सखुआ पेड़ और सखुआ पत्तों का काफी महत्व है. आदिवासियों के जीवन में इस पेड़ और इसके पत्तों का एक उद्देश्य भी है. प्रकृति पूजन को लेकर इस पेड़ और पत्तों का उपयोग किया जाता है. लेकिन आज झारखंड के इन युवाओं ने इन पत्तों के जरिए राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की है.
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जानकारी के अनुसार जेएसएससी की ओर से ली जाने वाली परीक्षा से सफल हो चुके पंचायत सचिव अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर लगातार रांची के मोराबादी मैदान में आंदोलित है और प्रतिदिन आंदोलन अलग-अलग तरीके से किया जा रहा है. राज्य सरकार को अपनी मांगों से अवगत करने की कोशिश भी की जा रही है. इस कड़ी में इन अभ्यर्थियों ने सखुआ के पत्तों पर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन लिखकर मोराबादी स्थित धरना स्थल में विरोध जताया गया और मांगों से संबंधित ज्ञापन भी राज्य सरकार को सौंपने की कोशिश की गई.
राज्यभर के 4913 पंचायत सचिव लिपिक अभ्यर्थी नियोजन नीति का फैसला आने के बाद जेएसएससी का घेराव किया था, लेकिन अब तक इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस वजह से जेएसएससी से जुड़े यह अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर मोराबादी मैदान में डटे हैं और सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. जेएसएससी अभ्यर्थियों की ओर से अंतिम मेधा सूची जारी करने की मांग की जा रही है. इनका कहना है कि सोनी कुमारी झारखंड सरकार के मामले में झारखंड हाई कोर्ट का आदेश है कि पंचायत सचिव की नियुक्ति प्रभावित नहीं है. इसके बावजूद जेएसएससी की ओर से अंतिम मेधा सूची जारी नहीं की जा रही है. इस वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है.