रांची: शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए रांची नगर निगम की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है. मेयर और नगर आयुक्त के बीच का विवाद खत्म होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. मेयर जहां लगातार बैठक बुला रही हैं और उसे नगर आयुक्त नजरअंदाज कर रहे हैं. इस वजह से आपसी विवाद चरम पर है. ऐसे में कहीं ना कहीं राजधानी रांची की साफ सफाई व्यवस्था समेत सेनेटाइजेशन और अन्य कार्य प्रभावित हो सकता है और इस विवाद का सबसे ज्यादा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.
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नगर निगम बना राजनीतिक अखाड़ा
इस विवाद को लेकर मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि शहर की जनता देख रही है कि रांची नगर निगम राजनीतिक अखाड़ा बन गया है. महामारी में भी राजनीति करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं. जबकि सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना काल मे रांची नगर निगम के पास ज्यादा संसाधन नहीं थे, फिर भी बेहतर काम किया गया था. ऐसे में बैठक कर चर्चा करना जरूरी है ताकि धरातल पर सही मायने में काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को अगर कोई गिला-शिकवा है तो उसे छोड़ रांची की जनता के हित के लिए बैठक में आना चाहिए और साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्य किया जा सके.
नगर निगम को काम करने की है जरूरत
एक तरफ जहां राजनीति से ऊपर उठकर सर्वदलीय बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की गई. दूसरी तरफ कोरोना महामारी के बीच रांची नगर निगम राजनीति का अखाड़ा बनता नजर आ रहा है. जबकि वर्तमान परिस्थिति को देखकर आपसी विवाद छोड़ एकजुट होकर रांची की जनता को संक्रमण से बचाने के लिए रांची नगर निगम को काम करने की जरूरत है. मगर मेयर और नगर आयुक्त के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है. अगर यह विवाद खत्म कर सही मायने में कोरोना की रोकथाम के लिए काम किया जाता तो शायद आम जनता को इसका फायदा मिलता. कहीं ना कहीं इस विवाद की वजह से रांची नगर निगम का जनता के लिए कार्य प्रभावित हो रहा है. जिसका खामियाजा आखिरकार आम जनता को भुगतना पड़ेगा.