रांची: झारखंड पुलिस में ड्यूटी के दौरान नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के आश्रित माता-पिता को 25 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. इसके साथ ही शेष 75 प्रतिशत अनुदान मृतक की पत्नी, पति(महिला पुलिसकर्मी के शहीद होने पर) या संतान को मिलेगा.
झारखंड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है. गृह विभाग के संकल्प में जिक्र है कि माता-पिता शहीद पर आश्रित थे या नहीं, इस बिंदू पर निर्णय संबंधित जिले के डीसी व एसपी के द्वारा लिया जाएगा. डीसी और एसपी को यह रिपोर्ट विभाग को देनी होगी कि शहीद के माता-पिता उसपर आश्रित थे.
खोला जाएगा संयुक्त खाता
गृह विभाग अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के द्वारा जारी संकल्प में जिक्र है कि डीसी-एसपी की रिपोर्ट के बाद माता-पिता के हिस्से में आने वाली अनुदान राशि संयुक्त खाते में हस्तांतरित की जाएगी. माता-पिता दोनों में यदि कोई एक जीवित हो, तब 25 प्रतिशत राशि उनके खाते में हस्तांतरित की जाएगी.
क्यों पड़ी जरूरत
झारखंड पुलिसकर्मियों के शहीद होने पर आश्रितों को 10 लाख एकमुश्त अनुग्रह अनुदान, शेष सेवा अवधि का पूरा वेतन, एक साल तक नि:शुल्क सरकारी आवास और अधिकतम दो बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा का खर्च दिया जाता है. कई बार मृतक की विधवा के द्वारा दोबारा शादी कर लेने पर शहीद के माता-पिता को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है. लगातार ऐसे मामले सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने शहीद के माता-पिता को अनुदान का 25 फीसदी देने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा था. कैबिनेट से प्रस्ताव पारित होने के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी किया है.