रांची: धोनी ने अपने फार्म हाउस में डेरी का बिजनेस शुरू किया. इसकी शुरुआत में उन्होंने 25 से 30 उन्नत किस्म की गाय से की थी. आज इनकी डेयरी में गायों की संख्या 130 हो चुकी है. रांची के शहरी इलाके से करीब 18 किलोमीटर दूर सैम्बो में बने धोनी के फार्म हाउस में फ्रिजन, स्वर्णगिरि और साहिवाल गाय हैं जो प्रतिदिन करीब 500 लीटर दूध देती हैं. डेयरी हाउस से मार्केटिंग तक पर माही की रहती है. नजरइजा फार्म नाम से प्रसिद्ध इस डेयरी हाउस पर माही पूरी नजर रहती है. धोनी भले ही कितने भी व्यस्त रहते हों लेकिन फार्म हाउस के लिए जरुर वक्त निकाल लेते हैं.
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अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को देखने के लिए धोनी हमेशा जानकारी लेते रहते हैं. इसके अलावा वे मार्केटिंग के बारे में भी आउटलेट विक्रेताओं से बात करते हैं. रोजाना सुबह और शाम को धोनी के फार्महाउस से लालपुर स्थित आउटलेट पर फ्रिजन, स्वर्णगिरि और साहिवाल गाय का दूध पहुंचता है. जहां से रांचीवासी अपनी दूध की जरूरतें पूरी कर रहे हैं. लालपुर के आउटलेट संचालक सुमन यादव का मानना है कि माही के डेयरी की दूध की खासियत यह है कि वहां की गाय को 70 प्रतिशत चारा घास के रूप में मिलता है. जिसके कारण दूध की गुणवत्ता अन्य जगहों की तुलना में काफी बेहतर रहती है. राजधानी में इजा फार्म के कई आउटलेट बने हैं जिसमें रोजाना सुबह-शाम दूध की बिक्री होती है.
55 से 130 रुपये लीटर दूध
दूध की रेट की बात करें तो यहां गाय के नस्ल के हिसाब से मूल्य निर्धारित है. इसमें फ्रिजन गाय का दूध 55 रुपये प्रति लीटर, साहिवाल गाय का दूध 90 रुपया प्रति लीटर और स्वर्णगिरि गाय का दूध 130 रु प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है. आउटलेट पर लोग बोतलबंद दूध या फिर केन लेकर दूध लेने पहुंचते हैं. आउटलेट के संचालक सुमन यादव बताते हैं कि वैसे रेगुलर ग्राहक जो आउटलेट तक नहीं पहुंच पाते हैं, उन्हें दूध की डिलीवरी घर पर की जाती है. स्थानीय ग्राहक महाबीर प्रसाद ने बताया कि यहां की दूध की क्वालिटी बेहद उत्तम है.
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डेयरी फार्म से लोगों को मिल रहा रोजगार
रांची से दूर रिंगरोड के किनारे सैम्बो गांव में करीब 50 एकड़ में बने माही के इस डेयरी फार्म में हर दिन स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. स्थानीय अनुप मिंज बताते हैं कि इस डेयरी हाउस बनने के बाद यहां हर दिन स्थानीय लोग मजदूरी करते हैं. कोई सब्जी की खेती करता है तो कोई पॉल्ट्री फार्म की देखरेख करता है. अधिकांश लोग गाय की सेवा में लगे रहते हैं. जिससे उन्हें मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है.
एक धोनी रूप कई
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में देश को विश्व विजेता बनाने वाले माही के कई रूप हैं. कभी वह सेना की वर्दी में देश की रक्षा करनेवाले वीर सपूत दिखते हैं. तो कभी अपने फॉर्म हाउस में गाय की सेवा कर उत्कृष्ट गोपालक का अवार्ड भी पाते हैं.