रांचीः नागपुरी के प्रसिद्ध गीतकार पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख की रचना को झारखंड के लोग कैसे भुला सकते हैं. नागपुरी गीतों में प्रसिद्धि हासिल कर चुके इस गीतकार ने 1972 में 'नागपुर कर कोरा' की रचना की थी और इस रचना को वीडियो एल्बम के जरिए मुंबई के पार्श्व गायक अनिर्वाण ने इसे एक बार फिर जीवंत कर दिया है. इस म्यूजिक एल्बम की लॉन्चिंग रांची के प्रेस क्लब में की गई. इस दौरान गीत के रचयिता पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख समेत महुआ माजी, शिक्षाविद अशोक नाग और कई गणमान्य भी शामिल रहे.
ये भी पढ़ें-बजट 2020: शिक्षा क्षेत्र को 99300 करोड़ रुपये आवंटित, खुलेंगे नए कॉलेज
यह गीत अपनी रचना के समय से ही झारखंड की कला संस्कृति का परिचायक रहा है. इस गीत को एक बार फिर म्यूजिक एल्बम के जरिए लोगों के बीच लाया जा रहा है. वैसे तो यह गीत काफी लोकप्रिय है, लेकिन इसे नए रूप में एक बार फिर दर्शकों के बीच परोस दिया गया है.
मुंबई के पार्श्व गायक अनिर्वाण जो झारखंड के ही रहने वाले हैं, उन्होंने इस गीत को अपनी टीम के साथ झारखंड की वादियों में शूट किया है और एक बेहतरीन म्यूजिक वीडियो एल्बम तैयार किया है. इस विशेष अवसर पर मधु मंसूरी हंसमुख ने इस गीत को तैयार करने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि लगभग तीन हजार बार उन्होंने इस गीत को गाया है. यह गीत कई मायनों में झारखंड के संदर्भ में है और उनके दिल के करीब भी.