रांचीः शारदीय नवरात्रि की पूजा आज से शुरू हो गई है, लोग अपने-अपने घरों में पहली पूजा के दिन कलश स्थापना कर रहे हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार नवरात्रि शरद ऋतु में अश्विन शुक्ल पक्ष से शुरू होती है. इस अवसर पर नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा भक्तों द्वारा की जाती है.
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कलश स्थापना की विधि एवं शुभ मुहूर्त का समय
पंडित अरुण कुमार पांडे बताते हैं कि रविवार को पहली पूजा की जा रही है. इसी दिन माता के आगमन को लेकर लोग कलश स्थापना करेंगे. नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है और कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है.
दुर्गा पूजा साल में दो बार आता है, यह पूजा पूरे 9 दिनों की होती है दसवें दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ नवरात्र का समापन होता है. वहीं, ज्योतिषाचार्य पंडित अरुण कुमार पांडे बताते हैं कि पूरे 9 दिनों की पूजा के बाद दसवें दिन देवी की विदाई होगी यानी 29 सितंबर से आरंभ होकर 7 अक्टूबर को नवमी की पूजा होगी और 8 अक्टूबर को देवी का विसर्जन होगा.
नवरात्र में इन नौ देवियों का होता है पूजन
पहले दिन- शैलपुत्री
दूसरे दिन- ब्रह्मचारिणी
तीसरे दिन- चंद्रघंटा
चौथे दिन- कुष्मांडा
पांचवे दिन- स्कंद माता
छठे दिन- कात्यायनी देवी
सातवें दिन- कालरात्रि
आठवें दिन- महागौरी
नौवें दिन- सिद्धिदात्री