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पंचर बनाकर परिवार की जिंदगी संवार रही हैं पूजा देवी, पति से सीखा है गुर - WOMAN MAKING PUNCTURE IN PALAMU

पलामू में एक महिला पंचर बना कर अपने परिवार को संवार रही है. अपने पति से पंचर बनाना सीखा और खुद दुकान चला रही हैं.

WOMAN MAKING PUNCTURE IN PALAMU
पूजा देवी, पंचर दुकानदार (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 17, 2025, 5:23 PM IST

Updated : Feb 17, 2025, 6:05 PM IST

पलामू: महिलाएं अब किसी क्षेत्र में कमजोर नहीं हैं. महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को ताकतवर बना रही हैं और परिवार और समाज में बदलाव ला रही हैं. पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के किन्नी की रहने वाली पूजा देवी पंचर बना कर परिवार को संवार रही है. पूजा देवी महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण बनती जा रही हैं. पूजा देवी देखते-देखते बाइक से लेकर हाइवा तक के पंचर बना डालती हैं. उनकी पंचर बनाने की दूकान पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के तालापारा में है. इस इलाके से डालटनगंज गढ़वा रोड गुजरती है.

पति से सीखा था पंचर बनाना

पूजा देवी ने इंटर तक की पढ़ाई की है. उनके पति कमलेश चौरसिया पंचर बनाने का कार्य करते थे. कमलेश अक्सर पंचर बनाने के लिए दुकान से बाहर जाया करते थे. इसी दौरान पूजा देवी ने पति से पंचर बनाने के तरीके को सीखा. धीरे-धीरे पूजा पंचर बनाने में पारंगत हो गई. अब वे खुद से पंचर बनाती हैं. पूजा देवी बाइक का पंचर बनाने के लिए 50 जबकि बड़ी गाड़ियों का 150 रुपया चार्ज लेती हैं.

संवाददाता नीरज कुमार की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
पति पंचर बनाने का काम करते थे, दुकान पर आते जाते पंचर बनाने का काम सीखा है. दस बजे सुबह घर से बाहर निकलती थी और विभिन्न स्वयं सहायता समूह बैठक करती थी. बैठक के बाद में पंचर दुकान में जाती थी. समूह के माध्यम से उन्होंने ऋण लिया था और मुद्रा लोन भी लिया है. समूह के माध्यम से लोन लेने के बाद पंचर दुकान के दायरा को बढ़ाया था. आज इतनी आमदनी हो रही है कि परिवार ठीक चल रहा है.
- पूजा देवीपत्नी के बारे में यही कहना चाहेंगे कि वह आगे बढ़े और तरक्की करे. 2012-13 से पंचर बनाते थे. बाद के दिनों में पत्नी ने पंचर बनाना सीखा था.- कमलेश चौरसिया, पूजा देवी के पति

2017-18 में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी पूजा देवी

2017-18 में पूजा देवी जेएसएलपीएस के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है. शुरुआत में जेएसएलपीएस से उन्होंने एक छोटा ऋण लिया था और अपने कारोबार को बढ़ाया था. जेएसएलपीएस के सीसी मुकेश कुमार ने बताया कि पूजा देवी पंचर बनाने के साथ-साथ अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जागरूक करती हैं. पूजा देवी को स्वालंबी बनने में जेएसएलपीएस की भी भूमिका है.

ये भी पढ़ें- कभी परिवार का खर्च उठाना था मुश्किल, आज पति को दिया है नौकरी

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पति से सीखा था पंचर बनाना

पूजा देवी ने इंटर तक की पढ़ाई की है. उनके पति कमलेश चौरसिया पंचर बनाने का कार्य करते थे. कमलेश अक्सर पंचर बनाने के लिए दुकान से बाहर जाया करते थे. इसी दौरान पूजा देवी ने पति से पंचर बनाने के तरीके को सीखा. धीरे-धीरे पूजा पंचर बनाने में पारंगत हो गई. अब वे खुद से पंचर बनाती हैं. पूजा देवी बाइक का पंचर बनाने के लिए 50 जबकि बड़ी गाड़ियों का 150 रुपया चार्ज लेती हैं.

संवाददाता नीरज कुमार की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
पति पंचर बनाने का काम करते थे, दुकान पर आते जाते पंचर बनाने का काम सीखा है. दस बजे सुबह घर से बाहर निकलती थी और विभिन्न स्वयं सहायता समूह बैठक करती थी. बैठक के बाद में पंचर दुकान में जाती थी. समूह के माध्यम से उन्होंने ऋण लिया था और मुद्रा लोन भी लिया है. समूह के माध्यम से लोन लेने के बाद पंचर दुकान के दायरा को बढ़ाया था. आज इतनी आमदनी हो रही है कि परिवार ठीक चल रहा है.- पूजा देवीपत्नी के बारे में यही कहना चाहेंगे कि वह आगे बढ़े और तरक्की करे. 2012-13 से पंचर बनाते थे. बाद के दिनों में पत्नी ने पंचर बनाना सीखा था.- कमलेश चौरसिया, पूजा देवी के पति

2017-18 में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी पूजा देवी

2017-18 में पूजा देवी जेएसएलपीएस के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है. शुरुआत में जेएसएलपीएस से उन्होंने एक छोटा ऋण लिया था और अपने कारोबार को बढ़ाया था. जेएसएलपीएस के सीसी मुकेश कुमार ने बताया कि पूजा देवी पंचर बनाने के साथ-साथ अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जागरूक करती हैं. पूजा देवी को स्वालंबी बनने में जेएसएलपीएस की भी भूमिका है.

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Last Updated : Feb 17, 2025, 6:05 PM IST
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